रक्षा खरीद प्रक्रिया मसौदा | 23 Mar 2020

प्रीलिम्स के लिये

रक्षा खरीद प्रक्रिया (DPP) 

मेन्स के लिये:

रक्षा अधिग्रहण से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार ने रक्षा खरीद प्रक्रिया (Defence Procurement Procedure-DPP) 2020 का मसौदा जारी किया है।

प्रमुख बिंदु

  • सरकार द्वारा जारी DDP 2020 में सस्ती दरों पर रक्षा उपकरण प्राप्त करने के उद्देश्य से ‘पट्टे’ (Lease)  को एक श्रेणी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। प्रारंभिक पूंजीगत व्यय को प्रतिस्थापित करने के उद्देश्य से मौज़ूदा ‘खरीद’ (Buy) और ‘निर्माण’ (Make) श्रेणियों के साथ-साथ अधिग्रहण के लिये लीज़िंग (Leasing) यानी ‘पट्टे’ को एक नई श्रेणी के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
    • उल्लेखनीय है कि ये उन सैन्य उपकरणों के लिये उपयोगी साबित होगा जो वास्तविक युद्ध में उपयोग नहीं किये जाते हैं जैसे- परिवहन बेड़े, ट्रेनर, सिम्युलेटर आदि।
  • इसके अलावा, ‘मेक इन इंडिया (Make In India) पहल का समर्थन करने के लिये खरीद की विभिन्न श्रेणियों में निर्धारित स्वदेशी सामग्री को बढ़ाया गया है।
    • उदाहरण के लिये नए DDP की ‘खरीद (इंडियन-आईडीडीएम)’ [Buy (Indian-IDDM)] श्रेणी के तहत एक भारतीय विक्रेता के केवल उन भारतीय उत्पादों को किया जाएगा जो कुल अनुबंध मूल्य के न्यूनतम 50 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ डिज़ाइन, विकसित और निर्मित किये गए होंगे।
  • ध्यातव्य है कि रक्षा खरीद के दौरान उक्त श्रेणी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है और मौज़ूदा नियमों के अनुसार, इस श्रेणी के तहत उन उत्पादों का वर्गीकरण किया जाता है जो कुल अनुबंध मूल्य के न्यूनतम 40 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री के साथ डिज़ाइन, विकसित और निर्मित किये जाते हैं।
  • कुल अनुबंध मूल्य की लागत के आधार पर न्यूनतम 50 फीसदी स्वदेशी सामग्री के साथ नई श्रेणी ‘खरीद (वैश्विक-भारत में निर्माण)’ [Buy (Global-Manufacture in India)] को लाया गया है। इसके तहत केवल न्यूनतम आवश्यक सामग्री को ही विदेश से खरीदा जाएगा जबकि शेष मात्रा का निर्माण भारत में किया जाएगा।
  • सॉफ्टवेयर और सिस्टम संबंधित परियोजनाओं की खरीद के लिये एक नया खंड शुरू किया गया है, क्योंकि ऐसी परियोजनाओं में प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव के कारण अप्रचलन बहुत तेज होता है और प्रौद्योगिकी के साथ गति बनाए रखने के लिये खरीद प्रक्रिया में लचीलापन आवश्यक है।
  • इसके अलावा DDP में ‘मूल्य-परिवर्तन खंड’ (Price Variation Clause) शामिल किया गया है जो उन सभी मामलों पर लागू होगा जहाँ अनुबंध की कुल लागत 1,000 करोड़ रुपए से अधिक है।
    • इस खंड का प्रयोग अनुबंध के मूल्य में परिवर्तन की स्थिति में किया जाएगा।

उद्देश्य

सरकार द्वारा जारी किये गए रक्षा खरीद प्रक्रिया (DPP) मसौदे का मुख्य उद्देश्य रक्षा उपकरणों की खरीद के लिये स्वदेशी विनिर्माण को अधिक-से-अधिक बढ़ावा देना है और उसमें लगने वाली समय सीमा को कम करना है।

रक्षा खरीद प्रक्रिया

(Defence Procurement Procedure- DPP)

  • DPP 2020 का मसौदा निजी उद्योग सहित सभी हितधारकों की सिफारिशों के आधार पर महानिदेशक (अधिग्रहण) की अध्यक्षता वाली समीक्षा समिति द्वारा तैयार किया गया है।
  • पहली रक्षा खरीद प्रक्रिया (Defence Procurement Procedure-DPP) को वर्ष 2002 में लाया गया था और तब से इसे कई बार संशोधित किया गया है ताकि बढ़ते घरेलू उद्योग को गति प्रदान की जा सके और रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके।

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स