अवैध शराब की आपूर्ति पर रोक | 12 Sep 2022

मेन्स के लिये:

नैतिकता के आयाम, मानवीय गतिविधियों में नैतिकता के निर्धारक कारक एवं परिणाम  

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एक अधिकारी ने सोलापुर (महाराष्ट्र) में अवैध शराब की भट्ठियों पर नकेल कसने के लिये सॉफ्ट पुलिसिंग का उपयोग किया।

  • ज़हरीली शराब के निर्माण के लिये 'देसी शराब' या सस्ती आसुत शराब को औद्योगिक शराब या मेथनॉल के साथ मिलाकर इसकी मादक शक्ति को बढ़ाया जाता है।
  • राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आँकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 से 2020 के बीच भारत में अवैध शराब के सेवन से 6,172 लोगों की मौत हुई।

इस तरह के संचालन में शामिल विभिन्न हितधारकों की ज़िम्मेदारियाँ:

  • राज्य और केंद्र सरकार:
    • शराबबंदी का प्रयास कर संवैधानिक मूल्यों को लागू करना (अनुच्छेद 47)।
    • दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में निष्पक्षता बनाए रखना।
    • पारदर्शी व्यवस्था और जाँच में कानून का शासन बनाए रखना।
    • निर्णय लेने और दुर्घटनाओं की जवाबदेही निर्धारित करने में निष्पक्षता बनाए रखना।
  • ज़िला अधिकारी:  
    • न्याय के लिये अपराधियों को कटघरे में खड़ा करने में निष्पक्षता और ईमानदारी बनाए रखना चाहे वे कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों।
    • पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति सहानुभूति दिखाना।
  • पुलिस:
    • अवैध शराब के धंधे पर निष्पक्ष भाव से अंकुश लगाना।
    • राजनेताओं को दरकिनार या दोषमुक्त न कर अपने कर्तव्य के निर्वहन में निष्पक्षता बनाए रखना।
    • ड्यूटी के दौरान सत्यनिष्ठा बनाए रखना।
    • चूक और कमीशन के संबंध में जवाबदेह बनना।
    • कर्त्तव्य का ईमानदारी के साथ निर्वहन।
    • भ्रष्टाचार का उन्मूलन, कर्त्तव्यों के निर्वहन में ईमानदारी को बढ़ावा देना।
  • मीडिया:
    • उन्हें अपनी रिपोर्ट के लिये ज़िम्मेदार और उत्तरदायी बनना
    • लोकतंत्र के स्तंभों में से एक होने के नाते यह उनका कर्तव्य है कि वे निडर होकर निष्पक्ष रूप से सच्चाई को सामने लाएँ।
  • मंत्री / विधायक:
    • नियमों का अक्षरश: पालन करते हुए सत्यनिष्ठा बनाए रखना।
    • जनसेवा की शपथ के प्रति निष्ठा रखना।
  • समाज:
    • शराब का सेवन न करने तथा इसे छोड़ने हेतु नैतिक संयम बरतना, ताकि इससे स्वास्थ्य के लिये खतरा पैदा न हो।
    • शराबबंदी के गांधीवादी आदर्शों को अपनाना।
    • न्याय दिलाने में प्रशासन और पुलिस की मदद करके एक अच्छा नागरिक होने का कर्त्तव्य निभाना।

आगे की राह

  • सॉफ्ट पुलिसिंग प्रक्रिया:
    • 'ऑपरेशन परिवर्तन' एक चार-सूत्रीय कार्ययोजना है जिसमें पुलिस ज़िले में घरेलू रूप से संचालित अवैध शराब भट्ठियों पर ठोस कार्रवाई के साथ परामर्श जैसे सॉफ्ट पुलिसिंग प्रक्रिया को शामिल किया जाना चाहिये।
  • सार्वजनिक अभियान रणनीति:
    • लोगों से शराब के सेवन से बचने की अपील करने के लिये विज्ञापनों, नुक्कड़ नाटकों आदि के साथ सार्वजनिक अभियान चलाना।
  • पुनर्वास प्रक्रिया:
    • शराब के आदी लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया को सुगम बनाना, इसके लिये सरकार की ओर से नशामुक्ति केंद्रों को खोलने हेतु पर्याप्त धनराशि का आवंटन करना।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस