प्रमुख उद्योगों के विकास की गति हुई धीमी | 01 Feb 2019

चर्चा में क्यों?


हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा आठ प्रमुख कोर उद्योगों (Core Industries) के उत्पादन में वृद्धि के आँकड़े जारी किये गए, जिसमें दिसंबर 2018 में लगभग 2.6% की गिरावट दर्ज की गई।

कोर इंडस्ट्रीज़

  • कोर उद्योग को एक मुख्य उद्योग के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसका अर्थव्यवस्था पर ‘गुणक प्रभाव’ (Multiplier Effect) पड़ता है।
  • ज्यादातर देशों में विशेष उद्योग स्थापित हैं जो अन्य सभी उद्योगों की रीढ़ (Backbone) माने जाते हैं तथा कोर उद्योग होने के योग्य प्रतीत होते हैं।
  • आठ कोर इंडस्ट्रीज़ पर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production-IIP) में शामिल वस्तुओं का 40.27% भार है।
  • उनके भार के घटते क्रम में आठ कोर इंडस्ट्रीज़ हैं - रिफाइनरी उत्पाद> बिजली> स्टील> कोयला> कच्चा तेल> प्राकृतिक गैस> सीमेंट> उर्वरक।
  • इससे पहले जुलाई, 2018 में वी. के. सारस्वत (NITI आयोग सदस्य) की एक रिपोर्ट ने सिफारिश की थी कि सरकार को एल्यूमिनियम क्षेत्र को भारत के नौवें प्रमुख उद्योग के रूप में वर्गीकृत करने पर विचार करना चाहिये।

औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक (Index of Industrial Production)

  • औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक (IIP) एक सूचकांक है जो अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्रों के विकास का विवरण देता है, जैसे कि खनिज खनन, बिजली, विनिर्माण आदि।
  • इसे केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मासिक रूप से संकलित और प्रकाशित किया जाता है।
  • अप्रैल 2017 में आठ कोर इंडस्ट्रीज़ के सूचकांक का आधार वर्ष 2004-05 से संशोधित कर 2011-12 कर दिया गया है।
  • वर्तमान में IIPआईआईपी आँकड़ों का आधार वर्ष 2011-12 है। आईआईपी में आठ प्रमुख उद्योगों (Core Industries) का भारांश अवरोही क्रम में निम्नलिखित है –
रिफाइनरी उत्पाद (Refinery Products) 28.04%
विद्युत (Electricity) 19.85%
इस्पात (Steel) 17.92%
कोयला (Coal)  10.33%
कच्चा तेल (Crude Oil) 8.98%
प्राकृतिक गैस (Natural Gas) 6.88%
सीमेंट (Cement) 5.37%
उर्वरक (Fertilizers) 2.63%


स्रोत – PIB