CO2 का मीथेन में परिवर्तन | 28 Oct 2021

प्रिलिम्स के लिये:

मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, प्रकाश-रासायनिक विधि, उत्प्रेरक 

मेन्स के लिये:

CO2 को मीथेन में परिवर्तित करने की प्रकाश-रासायनिक विधि: आवश्यकता एवं महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को मीथेन (CH4) में परिवर्तित करने के लिये एक प्रकाश-रासायनिक विधि (Photochemical Method)/ प्रकाश उत्प्रेरक (Photocatalyst) विकसित किया है।

  • एक प्रकाश-रासायनिक विधि प्रकाश के रूप में ऊर्जा के अवशोषण द्वारा शुरू की जाने वाली एक रासायनिक अभिक्रिया है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • वैज्ञानिकों ने एक कार्बनिक पॉलिमर को इस तरह से डिज़ाइन किया है जो दृष्टिगोचर प्रकाश को अवशोषित करने और कार्बन डाइऑक्साइड न्‍यूनीकरण प्रतिक्रिया को उत्प्रेरित करने में भी सक्षम होगा।
      • अधिकांश उत्प्रेरकों में विषैले और महँगे धातु प्रतिरूप उपस्थित होते हैं। इसलिये वैज्ञानिकों ने इस कमी को दूर करने हेतु एक धातु मुक्त तथा संरंध्रयुक्त (Porous) कार्बनिक बहुलक तैयार किया है।
    • CO2 के न्यूनीकरण की यह प्रकाश-रासायनिक विधि ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत के रूप में सूर्य के प्रकाश का उपयोग करती है।
      • फोटोकेमिकल, इलेक्ट्रोकेमिकल, फोटोइलेक्ट्रोकेमिकल, फोटोथर्मल आदि सहित ऐसी कई विधियाँ हैं जिनमें कार्बन डाइऑक्साइड को कम किया जा सकता है।
  • प्रक्रिया:
    • इस उत्प्रेरक में संयुग्मित माइक्रोपोरस पॉलिमर (Conjugated Microporous Polymer- CMP) नामक एक रसायन होता है।
    • कमरे के तापमान पर अपनी उच्च CO2 अवशोषण क्षमता के कारण यह CO2 को अपनी सतह पर अधिग्रहण कर सकता है और इसे एक मूल्यवर्द्धित उत्पाद- मीथेन के रूप में परिवर्तित कर सकता है।
    • CO2 को मूल्यवर्द्धित उत्पादों में बदलने के लिये फोटो-उत्प्रेरक की कुछ प्रमुख आवश्यकताएँ हैं, जो निम्नलिखित पर निर्भर करती हैं:
      • प्रकाश के अवशोषण का गुण/लाइट हार्वेस्टिंग प्रॉपर्टी।
      • आवेश वाहक (इलेक्ट्रॉन-होल पेयर) पृथक्करण दक्षता।
      • उचित इलेक्ट्रॉनिक रूप से अनुकूल चालन/कंडक्शन बैंड की उपस्थिति।
  • महत्त्व:
    • मीथेन के महत्त्वपूर्ण उपयोगों के साथ-साथ यह सबसे स्वच्छ ज्वलनशील जीवाश्म ईंधन के रूप में मूल्यवर्द्धित उत्पादों में से एक हो सकता है और सीधे हाइड्रोजन वाहक के रूप में ईंधन कोशिकाओं में उपयोग किया जा सकता है।
    • यह प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक भी है और इसमें बिजली उत्पादन के लिये कोयले की जगह लेने और नवीकरणीय उत्पादकता को सुदृढ़ करने की आपूर्ति क्षमता है।

मीथेन:

  • परिचय:
    • मीथेन एक गैस है जो पृथ्वी के वायुमंडल में कम मात्रा में पाई जाती है।
    • यह सबसे सरल हाइड्रोकार्बन है, जिसमें एक कार्बन परमाणु और चार हाइड्रोजन परमाणु (CH4) होते हैं।
    • मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है। यह ज्वलनशील है और इसका उपयोग दुनिया भर में ईंधन के रूप में किया जाता है।
    • मीथेन गैस कार्बनिक पदार्थों के टूटने या क्षय से उत्पन्न होती है और इसे प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा वातावरण में उत्पन्न किया जा सकता है, जैसे कि आर्द्रभूमि में पौधों की सामग्री का क्षय, भूमिगत जमा गैस का रिसाव या मवेशियों द्वारा भोजन का पाचन या मानव गतिविधियाँ जैसे- तेल और गैस उत्पादन, चावल की खेती या अपशिष्ट प्रबंधन।
      • मीथेन को ‘मार्श गैस’ भी कहा जाता है क्योंकि यह दलदली जगहों की सतह पर पाई जाती है।

CO2

  • प्रमुख उपयोग:
    • यह हाइड्रोजन और कुछ कार्बनिक रसायनों का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
    • यह कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिये उच्च तापमान पर भाप के साथ प्रतिक्रिया करती है; बाद में इसका उपयोग उर्वरकों और विस्फोटकों हेतु अमोनिया के निर्माण में किया जाता है।
    • मीथेन से प्राप्त अन्य मूल्यवान रसायनों में मेथनॉल, क्लोरोफॉर्म, कार्बन टेट्राक्लोराइड और नाइट्रोमीथेन शामिल हैं।
    • मीथेन के अधूरे दहन से कार्बन ब्लैक उत्सर्जित होता है, जिसका प्रयोग ऑटोमोबाइल टायरों के लिये उपयोग किये जाने वाले रबर में एक प्रबलिंग एजेंट के रूप में व्यापक स्तर पर किया जाता है।
  • मीथेन का पर्यावरणीय प्रभाव:
    • यह कार्बन की तुलना में 84 गुना अधिक शक्तिशाली है और टूटने के बाद वायुमंडल में अधिक समय तक नहीं रहता है। 
    • यह एक खतरनाक वायु प्रदूषक, ज़मीनी स्तर पर ओज़ोन निर्माण हेतु ज़िम्मेदार है।