यौन अपराधियों की रजिस्ट्री संकलित करेंगे ठेकेदार | 16 May 2018

चर्चा में क्यों ?
गृह मंत्रालय प्रस्तावित यौन अपराधियों की रजिस्ट्री (sex offenders’ registry) के निर्माण का कार्य निज़ी क्षेत्र को आउटसोर्स करने की योजना बना रहा है। निजी ठेकेदार इस डाटाबेस को डिजाइन करेंगे तथा इसे आधार के साथ एकीकृत किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • हाल ही में गृह मंत्रालय ने यौन अपराधियों की राष्ट्रीय रजिस्ट्री के विकास और कार्यान्वयन के लिये  प्रस्ताव दस्तावेज (proposal document) जारी किया है, जिसमें डाटाबेस के डिजाइन, विकास, सप्लाई, कार्यान्वयन, संचालन, और रख-रखाव के लिये ‘सिस्टम इंट्रीग्रेटर’ के चयन की बात कही गई है।
  • मंत्रालय के एक दस्तावेज में कहा गया है कि इस डाटाबेस में उन लोगों के ब्यौरे भी शामिल होंगे जो ‘समुदाय के लिये निम्न स्तरीय खतरा’ उत्पन्न कर सकते हैं। हालाँकि ,ऐसे लोग सामान्यतः आपराधिक यौन कृत्यों में शामिल होने की संभावना नहीं रखते।
  • गृह मंत्रालय का कहना है कि अपराधियों का वर्गीकरण उनके आपराधिक इतिहास के आधार पर किया जाएगा। ऐसा इस बात की पुष्टि हेतु किया जाएगा कि क्या ये लोग ‘समुदाय के लिये गंभीर खतरा पैदा करते हैं’ ।
  • जो अपराधी निम्न स्तरीय खतरा उत्पन्न करने की संभावना रखते हैं, उनका डाटा 15 वर्षों के लिये संगृहीत किया जाएगा, जबकि मध्यम स्तरीय खतरा उत्पन्न कर सकने वाले अपराधियों का डाटा 25 वर्षों के लिये संगृहीत किया जाएगा। 
  • अभ्यस्त अपराधियों, हिंसक अपराधियों, गैंग रेप और कस्टोडियल रेप के मामलों में दोषी पाए गए अपराधियों के डाटा को आजीवन संगृहीत रखा जाएगा।
  • गिरफ्तार किये गए अपराधियों और ऐसे अपराधियों जिनकी चार्जशीट दाखिल की जा चुकी होती है, से संबंधित डाटा केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिये उपलब्ध होगा।
  • दोषी ठहराए जा चुके अपराधियों का डाटा आम जनता के लिये उपलब्ध होगा और इन्हें कई पैरामीटरों यथा- राज्य, ज़िला, पुलिस स्टेशन, यहाँ तक कि इनकी कार्यप्रणाली (modus operandi) के आधार पर सर्च किया जा सकेगा।
  • डाटाबेस में पूरे भारत के अपराधियों का रिकॉर्ड शामिल किया जाएगा, जिसमें अपराधियों की फोटोग्राफ और फिंगरप्रिंट जैसी जानकारियाँ भी सम्मिलित की जाएंगी।
  • इस डाटाबेस में ज़िला नोडल अधिकारियों की रिपोर्टों के आधार पर तैयार किया गया किशोर अपराधियों (juvenile offenders)  बाल यौन शोषण में लिप्त पाए अपराधियों का रिकॉर्ड भी शामिल किया जाएगा।
  • इस डाटाबेस में ज़िला नोडल अधिकारी और पुलिस स्टेशन द्वारा अपडेट की गई अपराधी की वर्तमान स्थिति भी शामिल होगी।
  • गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि निजी ठेकेदार केवल इस प्लेटफॉर्म का विकास करेंगे और डाटा की गोपनीयता बरकरार रखी जाएगी।