कंप्यूटिंग एबिलिटी: चिंता का विषय | 15 Mar 2017
समाचारों में क्यों ?
राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (National Sample Survey Office (NSSO) ने अपने एक अध्ययन में बताया है कि डिजिटलीकरण के लिये चलाए जा रहे अभियानों के बावजूद, लोगों की कंप्यूटर चलाने की क्षमता के मामले में भारत अभी भी बहुत पीछे है।
इस अध्ययन से संबंधित प्रमुख तथ्य
- एक अनुमान के मुताबिक केवल 8.8 प्रतिशत ग्रामीण भारतीय कम्पुटर चलाने में सक्षम हैं, वहीं शहरों में कंप्यूटर चलाने में सक्षम लोगों का प्रतिशत 30.02 है।
- यह जानना दिलचस्प है कि जब हम कंप्यूटर चलाने की क्षमता या कंप्यूटिंग एबिलिटी की बात करते हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि हम केवल उपयोगकर्ता की डेस्कटॉप, लैपटॉप या पीसी(पर्सनल कंप्यूटर) चलाने की क्षमता का संज्ञान ले रहे हैं बल्कि कंप्यूटिंग एबिलिटी के दायरे में स्मार्टफोन और टेबलेट्स चलाने को भी शामिल किया जाता है। हालाँकि इस अध्ययन में इन्टरनेट सुगमता को शामिल नहीं किया गया है।
- जहाँ तक राज्यों का सवाल है कंप्यूटिंग एबिलिटी के मामले में केरल शीर्ष स्थान पर काबिज़ है, गौरतलब है कि केरल के ग्रामीण क्षेत्रों में 32.3 प्रतिशत लोग कंप्यूटर चलाने में सक्षम हैं वहीं छतीसगढ़ के मामले में यही आँकड़ा चिंताजनक 2.9 प्रतिशत के स्तर पर है।
निष्कर्ष
आज जहाँ एक ओर कंप्यूटर, लैपटॉप और डेस्कटॉप ने कार्यों का सरलीकरण किया है वहीं स्मार्टफोन ने एक नई सुचना क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया है। विमुद्रीकरण के बाद डिजिटलीकरण की कयावद शुरू हुई और यह माना गया कि स्मार्टफोन्स के बढ़ते प्रयोग से भारतीय अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण को बल मिलेगा, लेकिन लोगों में कंप्यूटिंग एबिलिटी का अभाव निश्चित ही चिंतित करने वाला है।