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कोकून उत्पादन | 12 Mar 2020 | भारतीय अर्थव्यवस्था

प्रीलिम्स के लिये:

कोकून के बारे में 

मेन्स के लिये:

केंद्रीय रेशम बोर्ड तथा इसके कार्य 

चर्चा में क्यों? 

कर्नाटक राज्य में कोकून उत्पादन के मलबरी डिज़ीज़ ( Mulberry Disease) की चपेट में आने के बावजूद यह स्वदेशी रेशम की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये पर्याप्त मात्रा में समय पर उपलब्ध हैI

मुख्य बिंदु:

केंद्रीय रेशम बोर्ड

  • यह एक सांविधिक निकाय है जिसका गठन वर्ष 1948 में किया गया। 
  •  यह भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।
  • इसके द्वारा कार्य देश में सेरीकल्चर एवं रेशम उद्योग के विकास के लिये किये जाने वाले प्रमुख कार्य निम्नलिखितहै-
    •  अनुसंधान और विकास। 
    •  चार स्तरीय रेशम कीट बीज उत्पादन नेटवर्क का रखरखाव। 
    •  वाणिज्यिक रेशम कीट बीज उत्पादन में नेतृत्व की भूमिका प्रदान करना। 
    •  विभिन्न उत्पादन प्रक्रियाओं में गुणवत्ता मानकों को मानकीकृत और संस्थापित करना। 
    •  घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में भारतीय रेशम को बढ़ावा देना तथा सेरीकल्चर और रेशम उद्योग से संबंधित सभी मामलों पर केंद्र सरकार को सलाह देना।

कोकून:

  • यह रेशम के धागे का एक आवरण होता है। 
  • इसका निर्माण रेशम कीट द्वारा पूर्ण विकसित होने से पहले अपने लार्वा द्वारा किया जाता है। 

स्रोत: द हिंदू