जलवायु परिवर्तन और संक्रामक रोग | 14 Dec 2021

प्रिलिम्स के लिये:

संक्रामक रोग, संक्रामक रोग लिंकेज

मेन्स के लिये:

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएंँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट' (Science of the Total Environment) जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के विभिन्न कारक कुल संक्रामक रोगों के 9-18% मामलों के लिये ज़िम्मेदार है।

  • मानवजनित गतिविधियों से प्रेरित जलवायु परिवर्तन पिछले कई वर्षों में सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ को चुनौती दे सकता है, विशेष रूप से भारत जैसे देश में जो विश्व में जलवायु-संवेदनशील देशों की सूची में उच्च स्थान पर है।

प्रमुख बिंदु

  • रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएंँ:
    • बच्चों में भेद्यता: विश्व स्तर पर यह अनुमान लगाया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे अधिक बीमारी का भार बच्चों को उठाना पड़ता है, जिसमें सबसे गरीब लोग अनुपातहीन रूप से प्रभावित होते हैं।
    • बच्चों से जुड़ा उच्च ज़ोखिम शारीरिक भेद्यता के संयोजन से संबंधित के होता है।
    • प्रभावित करने वाले कारक: तापमान, आर्द्रता, वर्षा, सौर विकिरण और हवा की गति जैसे जलवायु पैरामीटर महत्त्वपूर्ण रूप से संक्रामक, पेट और आँत से जुड़ी बीमारियाँ (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल), श्वसन रोगों, वेक्टर जनित रोगों और त्वचा रोगों से जुड़े हुए है।
    • प्रभाव: सामाजिक-आर्थिक स्थिति और चाइल्ड एंथ्रोपोमेट्री (मानव शरीर के माप और अनुपात का अध्ययन) ने स्टंटिंग, वेस्टिंग तथा कम वज़न की स्थिति से पीड़ित बच्चों के उच्च अनुपात के साथ जलवायु-रोग संबंध को संशोधित किया है।
  • जलवायु परिवर्तन और संक्रामक रोग लिंकेज का उदाहरण:

    • मलेरिया सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये बड़ी चिंता का विषय है और लंबे समय तक जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील वेक्टर जनित रोग होने की संभावना है।
      • अत्यधिक स्थानिक क्षेत्रों में मलेरिया मौसमी रूप से भिन्न होता है उदाहरण के लिये भारत में मलेरिया और जलवायु घटनाओं के बीच की कड़ी का अध्ययन लंबे समय से किया जा रहा है।
      • पिछली शताब्दी की शुरुआत में नहर से सिंचित पंजाब क्षेत्र समय-समय पर मलेरिया महामारी से प्रभावित हुआ।
      • अत्यधिक मानसून वर्षा और उच्च आर्द्रता वाले क्षेत्रों की पहचान एक प्रमुख प्रभाव के रूप में की गई थी, जो मच्छरों के प्रज़नन और अस्तित्त्व को बढ़ाती है।
      • हाल के विश्लेषणों से पता चला है कि अल नीनो घटना के बाद वर्ष में मलेरिया महामारी का जोखिम लगभग पाँच गुना बढ़ जाता है।

आगे की राह

  • संक्रामक रोग संचरण पैटर्न में परिवर्तन जलवायु परिवर्तन का एक प्रमुख संभावित परिणाम है। इस प्रकार अंतर्निहित जटिल कारण संबंधों के बारे में अधिक जानने की आवश्यकता है और इस जानकारी को अधिक पूर्ण, बेहतर मान्य, एकीकृत, मॉडल का उपयोग करके भविष्य के प्रभावों की भविष्यवाणी पर लागू करने की आवश्यकता है।
  • सरकार और नीति निर्माताओं को बाल स्वास्थ्य के लिये प्रभावी उपायों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान समस्याएँ भविष्य में जलवायु परिवर्तन परिदृश्यों के तहत पहले से ही कुपोषित बाल चिकित्सा आबादी में कई माध्यमों से बीमारी का बोझ बढ़ा सकती है।

स्रोत-पी.आई.बी