CIBER-2 : तारों की गणना | 07 Jun 2021

प्रिलिम्स के लिये 

CIBER-2, राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA), इन्फ्रारेड अंतरिक्ष वेधशाला हर्शल (Herschel), परिज्ञापी राकेट (Sounding Rocket)

मेन्स के लिये 

CIBER-2 का संक्षिप्त परिचय तथा तारों की गणना में इसकी भूमिका

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) द्वारा वित्त पोषित CIBER-2 परिज्ञापी राकेट (Sounding Rocket) का लॉन्च पैड अमेरिका के न्यू मैक्सिको में व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज में खोला जाएगा।

  • CIBER-2 मिशन का उद्देश्य उन अतिरिक्त तारों के साक्ष्य की खोज करना है जो प्रमुख तारों की  गणना के दौरान छूट गए हों।
  • यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) इन्फ्रारेड अंतरिक्ष वेधशाला हर्शल (Herschel) ने भी इन्फ्रारेड में आकाशगंगाओं की संख्या की गणना की और इसमें सबसे पहले तारों की चमक को मापा गया।

प्रमुख बिंदु 

परिज्ञापी राकेट (Sounding Rocket) :

  • परिज्ञापी रॉकेट का नामकरण  समुद्री शब्द "ध्वनि" से (Sound) किया गया हैं, जिसका अर्थ है माप लेना
  • वर्ष 1959 से नासा द्वारा प्रायोजित अंतरिक्ष और पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान ने उपग्रहों तथा अंतरिक्षयान पर उपयोग किये जाने वाले उपकरणों का परीक्षण करने और सूर्य, तारे, आकाशगंगा एवं पृथ्वी के वायुमंडल तथा विकिरण के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिये परिज्ञापी रॉकेटों का उपयोग किया गया।

CIBER-2 (कॉस्मिक इन्फ्रारेड बैकग्राउंड अनुप्रयोग-2) के बारे में :

  • यह मिशन वर्ष 2009 में शुरू हुए परिज्ञापी रॉकेट लॉन्च की शृंखला में नवीनतम है। प्रथम CIBER मिशन ने अनुसंधान को पुनर्गठित करने और तारों की गिनती को एक नई गति प्रदान करने वाला मार्ग प्रशस्त किया।
  • CIBER-2 उपकरण एक छोटे से उप-कक्षीय रॉकेट द्वारा एक परिज्ञापी रॉकेट पर लॉन्च होगा, जो वैज्ञानिक उपकरणों को अंतरिक्ष में निश्चित दूरी तक ले जाएगा, जिससे वह रिकवरी के लिये पृथ्वी पर वापस आ जाए।
  • एक बार पृथ्वी के वायुमंडल से ऊपर, CIBER-2 लगभग 4 वर्ग डिग्री आकाश के एक हिस्से का सर्वेक्षण करेगा जिसके संदर्भ में  पूर्ण चंद्रमा लगभग आधा डिग्री आकाश के हिस्से का सर्वेक्षण करता है जिसमें दर्जनों आकाशगंगा समूह शामिल हैं।
  • वास्तव में यह सिर्फ तारों की गणना नहीं करेगा, बल्कि इसके अलावा एक्स्ट्रागैलेक्टिक बैकग्राउंड लाइट (Extragalactic Background Light)  का भी पता लगाएगा, जो कि ब्रह्मांड के पूरे इतिहास में उत्सर्जित होने वाला प्रकाश है।
  • इन सभी एक्स्ट्रागैलेक्टिक बैकग्राउंड लाइट से CIBER-2 इस कॉस्मिक इंफ्रारेड बैकग्राउंड के एक हिस्से पर ध्यान केंद्रित करेगा जिनमें से कुछ सबसे सामान्य तारों द्वारा उत्सर्जित होता है।
    • मुख्य रूप से इस दृष्टिकोण का उद्देश्य यह देखना है कि यह प्रकाश कितना उज्ज्वल या चमकदार है, जिससे वैज्ञानिकों द्वारा यह अनुमान लगाया जा सके कि इनमें से कितने तारे पृथक हुए हैं।

तारों का अपूर्ण अनुमान:

  • ब्रह्मांड में तारों की कुल संख्या का एक नज़दीकी अनुमान प्राप्त करने के लिये वैज्ञानिकों ने एक आकाशगंगा में तारों की औसत संख्या की गणना की है जिनमें से  कुछ अनुमान के अनुसार इसकी संख्या लगभग 100 मिलियन हैं, हालाँकि यह 10 या इसके कई गुना अधिक हो सकता है।
  • इस अनुमान को आकाशगंगाओं की संख्या से गुणा करने पर लगभग 2 ट्रिलियन (बहुत ही अस्थायी) तारों की संख्या का अस्थायी अनुमान लगाया गया है अर्थात् एक सौ क्विंटल तारे (या 1  के बाद 21 ज़ीरो) मौज़ूद हैं।
  • लेकिन इस गणना का मानना है कि सभी तारे आकाशगंगाओं के भीतर मौज़ूद हैं, जो शायद सच न हो और इसी तथ्य को CIBER-2 उपकरण पता लगाने की कोशिश करेगा।
  • यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी  (ESA) के अनुसार एक आकाशगंगा में 100 हज़ार मिलियन तारे हो सकते हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस