चीन का स्टेपल्ड वीज़ा | 03 Aug 2023

प्रिलिम्स के लिये:

स्टेपल्ड वीज़ा, मैकमोहन लाइन, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) 

मेन्स के लिये:

स्टेपल्ड वीज़ा की अवधारणा, अरुणाचल प्रदेश, दक्षिणी तिब्बत का क्षेत्र होने का चीन का एकतरफा दावा।

चर्चा में क्यों?  

हाल ही में भारत ने चीन के चेंगदू में ग्रीष्मकालीन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स से अपने आठ-एथलीट ('वुशु' मार्शल आर्ट एथलीट्स का दल) को वापस बुला लिया है। चीन द्वारा भारतीय टीम के तीन एथलीट्स (अरुणाचल प्रदेश के निवासी) को स्टेपल्ड वीज़ा जारी करने की प्रतिक्रिया में भारत ने यह कदम उठाया है।

  • स्टेपल्ड वीज़ा जारी करने की प्रथा वर्ष 2005 के आसपास शुरू हुई और तब से चीन ने लगातार अरुणाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर के निवासियों को ऐसे वीज़ा जारी किये हैं।

स्टेपल्ड वीज़ा:

  • स्टेपल्ड वीज़ा में पासपोर्ट पर मुहर नहीं लगाई जाती है, इसकी जगह एक अन्य कागज़ पर मुहर लगाकर पासपोर्ट के साथ स्टेपल (नत्थी) किया जाता है।
  • नियमित वीज़ा मुहर के साथ पासपोर्ट में लगा होता है, लेकिन स्टेपल्ड वीज़ा को पासपोर्ट के साथ पिन द्वारा नत्थी किया जाता है जिस कारण इस वीज़ा को अलग भी किया जा सकता है।
  • स्टेपल्ड वीज़ा जारी करना अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत के साथ चीन के चल रहे क्षेत्रीय विवादों का हिस्सा है।
  • चीन स्टेपल्ड वीज़ा को वैध मानता है, जबकि भारत उसे वैध यात्रा दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार करने से इनकार करता है।

नोट: 

  • सीमा पार अंतर्राष्ट्रीय यात्रा करना पासपोर्ट और वीज़ा द्वारा ही संभव है, जो देश और राज्य की संप्रभुता तथा उसके शासन को दर्शाता है।
    • पासपोर्ट पहचान और नागरिकता का संकेत देता है, जबकि वीज़ा विशिष्ट गंतव्यों में प्रवेश की अनुमति देता है।
    • पासपोर्ट मूल देश या वर्तमान निवास वाला देश द्वारा जारी करता है, जबकि वीज़ा किसी बाह्य देश का प्रतिनिधित्व करने वाले दूतावास/वाणिज्य दूतावास द्वारा जारी किया जाता है।

चीन द्वारा जारी स्टेपल्ड वीज़ा: 

  • संप्रभुता पर विवाद:
    • चीन अरुणाचल प्रदेश पर भारत की संप्रभुता को विवादित मानता है और तिब्बत एवं ब्रिटिश भारत के बीच की सीमा मैकमोहन रेखा की वैधता को चुनौती देता है, जिस पर वर्ष 1914 के शिमला समझौते से सहमति बनी थी।
    • विवादित क्षेत्र पर चीन द्वारा किया जाने वाले दावा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर असहमति को दर्शाता है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ जैसी समस्या देखने को मिलती है।
  • भारतीय क्षेत्र पर एकतरफा दावा:
    • चीन अरुणाचल प्रदेश के लगभग 90,000 वर्ग किमी. के क्षेत्र को अपना क्षेत्र मानता है और चीनी मानचित्रों में इसे "ज़ंगनान" या "दक्षिणी तिब्बत" के रूप में संदर्भित करता है।
    • यह अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न स्थानों के लिये चीनी नामों की सूची जारी करता है और समय-समय पर भारतीय क्षेत्र पर अपने एकतरफा दावे को रेखांकित करता है।
  • भारत की संप्रभुता को कमज़ोर करना:
    • अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से भारतीय नागरिकों को स्टेपल्ड वीज़ा जारी करना इन क्षेत्रों पर भारत की संप्रभुता को कमज़ोर करने के चीन के प्रयासों का ही हिस्सा है।
    • चीन की हरकतों को भारत अपने क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण और अधिकार को चुनौती देने के प्रयासों के रूप में देखता है।

स्टेपल्ड वीज़ा का प्रभाव और संबंधित चिंताएँ:

  • स्टेपल्ड वीज़ा यात्रियों के लिये भ्रम और अनिश्चितता की स्थिति पैदा करता है, क्योंकि उसकी वैधता तथा स्वीकृति अलग-अलग होती है।
  • भारत लगातार स्टेपल्ड वीज़ा की वैधता को अस्वीकार करता है और उन्हें जारी करने का विरोध करता है।
  • चीन की इस प्रकार की कार्रवाइयाँ दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव बढ़ाती हैं और द्विपक्षीय संबंधों को जटिल बनाती हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्रश्न. "चीन अपने आर्थिक संबंधों और सकारात्मक व्यापार अधिशेष को एशिया में संभाव्य सैनिक शक्ति हैसियत को विकसित करने के लिये उपकरणों के रूप में इस्तेमाल कर रहा है"। इस कथन के प्रकाश में उसके पड़ोसी के रूप में भारत पर इसके प्रभाव की चर्चा कीजिये। (2017)  

स्रोत: द हिंदू