चाड के राष्ट्रपति इदरिस डेबी का निधन | 22 Apr 2021

चर्चा में क्यों?

चाड के राष्ट्रपति इदरिस डेबी देश के उत्तरी इलाके में विद्रोहियों के साथ हुए संघर्ष में मारे गए हैं।

  • वे 'FACT'  (फ्रंट फॉर चेंज एंड कॉनकॉर्ड इन चाड) समूह से संबंधित विद्रोहियों से जूझ रहे थे।

प्रमुख बिंदु:

चाड के राष्ट्रपति:

  • राष्ट्रपति पद के चुनाव में विजेता घोषित किये जाने के कुछ ही दिन बाद उनकी मृत्यु की खबर आई, यह उनका छठा कार्यकाल था।
  • वह वर्ष 1990 से तख्तापलट के बाद सत्ता पर काबिज हुए तब से वह चाड के राष्ट्रपति थे।
    • इदरिस डेबी समर्थित विद्रोही ताकतों ने तत्कालीन राष्ट्रपति हिसने हेबर को सत्ता से वंचित कर दिया, जिन्हें बाद में सेनेगल में एक अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण में मानवाधिकारों के हनन का दोषी ठहराया गया था।
  • डेबी को अफ्रीका में इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख फ्राँसीसी सहयोग प्राप्त था,  फ्राँसीसी सैन्य ऑपरेशन की मेजबानी और उत्तरी माली में शांति के प्रयास में फ्राँस सैनिकों की आपूर्ति करता था।

FACT समूह:

  • ‘फ्रंट फॉर चेंज एंड कॉनकॉर्ड इन चाड’ (FACT) चाड के उत्तर में एक राजनीतिक और सैन्य संगठन है, जिसका लक्ष्य चाड सरकार को उखाड़ फेंकना है।

चाड के कुछ स्थानीय पहलू:

Chad

  • यह उत्तर-मध्य अफ्रीका में स्थित स्थलरुद्ध राज्य है।
  • इसका नाम चाड झील के नाम पर रखा गया है।
    • यह अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी झील है (विक्टोरिया झील के बाद) और इसका बेसिन नाइजीरिया, नाइजर, चाड और कैमरून के कुछ हिस्सों में विस्तृत है।
  • सहारा रेगिस्तान इस देश के लगभग एक-तिहाई हिस्से को कवर करता है।
  • इसके दक्षिण में जंगली सवाना और वुडलैंड्स का विस्तार है।
  • चाड साहेल क्षेत्र का भी हिस्सा है।
    • साहेल पश्चिमी और उत्तर-मध्य अफ्रीका का एक अर्द्ध-विस्तृत क्षेत्र है, जो सेनेगल पूर्व से सूडान तक फैला हुआ है।
    • यह उत्तर में शुष्क सहारा (रेगिस्तान) और दक्षिण में आर्द्र सवाना के बीच स्थित एक संक्रमणकालीन क्षेत्र है।
  • चाड वर्ष 2003 में एक तेल-उत्पादक राष्ट्र बन गया, जब इसके तेल क्षेत्रों को अटलांटिक तट पर टर्मिनलों से जोड़ा गया।

भारत-चाड संबंध:

  • चाड अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA), भारत-फ्राँस पहल का एक सदस्य देश है।
  • चाड TEAM-9 पहल (अफ्रीकी आंदोलन के लिये तकनीकी आर्थिक दृष्टिकोण) का एक सदस्य है, जिसमें आठ पश्चिमी और मध्य अफ्रीकी देश शामिल हैं, जो भारत के साथ सहयोग के माध्यम से तकनीकी और आर्थिक क्षेत्रों में लाभ प्राप्त करना चाहते हैं।
  • चाड से कच्चे तेल के आयात में वृद्धि (2018-19 में 513.59 मिलियन अमेरिकी डॉलर) द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि का मुख्य कारण है।
  • भारत ने Ndjamena में ‘सोलर पीवी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट’ की स्थापना के लिये 27.45 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण की पेशकश की है।
  • भारत ने वर्ष 2012 से वर्ष 2018 तक छह अफ्रीकी देशों- बेनिन, बुर्किना फासो, चाड, मलावी, नाइजीरिया और युगांडा में कपास के लिये एक तकनीकी सहायता कार्यक्रम  शुरू किया।
  • भारतीय तकनीकी आर्थिक सहयोग के तहत चाड के कई नागरिकों और लोक सेवकों के लिये विभिन्न पाठ्यक्रमों की पेशकश कर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

स्रोत- द हिंदू