जीएसटी में उपकर की सीमा तय | 18 Mar 2017

समाचारों में क्यों ?

गौरतलब है कि 16 मार्च को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने 12वीं बैठक में अहितकर और विलासिता संबंधी वस्तुओं पर 15 प्रतिशत की उच्चतम दर पर उपकर लगाने की सीमा तय कर दी है। गौरतलब है कि इस बैठक में नई अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली से संबंधित सभी विधेयकों को भी मंजूरी दे दी गई। हालाँकि ऐसी वस्तुओं पर वास्तविक कर देनदारी मौजूदा कर दर के बराबर होगा और उसी अनुपात में उपकर की गणना होगी, जो उपकर की अधिकतम सीमा से कम होगी, जिससे सरकार के पास भविष्य में इसे बढ़ाने की गुंज़ाइश होगी। अब देश के सबसे बड़े टैक्स सुधार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के 1 जुलाई, 2017 से लागू होने की राह आसान होती नज़र आ रही है|

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • लग्जरी कार की परिभाषा क्या होगी इसके बारे में परिषद बाद में तय करेगी| बहरहाल, दस अथवा इससे अधिक यात्रियों की क्षमता वाले वाहनों को छोड़कर अन्य वाहनों पर 15 प्रतिशत उपकर लगाया जाएगा|
  • जीएसटी परिषद ने जीएसटी व्यवस्था में सबसे ऊँची 28 प्रतिशत के ऊपर लगने वाली उपकर की दर को अधिकतम 15 प्रतिशत तय किया है|
  • नई व्यवस्था में सबसे ऊँची दर भोग विलासिता के सामान पर लागू होगी| इसे देखते हुए परिषद ने इस दर के ऊपर उपकर लगाने की अधिकतम सीमा तय कर दी|
  • नई व्यवस्था में अहितकर वस्तुओं पर वास्तविक उपकर की दर अधिकतम दर से कम ही रह सकती है, क्योंकि परिषद ने इस मामले में ज़्यादा गुंज़ाइश नहीं छोड़ी है|
  • विदित हो कि उपकर से मिलने वाली राशि से एक कोष बनाया जाएगा| जीएसटी व्यवस्था लागू होने के पहले पाँच साल के दौरान राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये इस कोष का इस्तेमाल किया जाएगा|
  • जीएसटी व्यवस्था में उपकर की अधिकतम 15 प्रतिशत दर का इस्तेमाल लग्जरी कारों, शीतल पेय जैसे उत्पादों पर किया जाएगा|
  • पान मसाला उत्पादों पर उपकर की अधिकतम दर मूल्यानुसार 135 प्रतिशत तय की गई है|
  • तंबाकू, लग्जरी कारों के अलावा जीएसटी परिषद ने अन्य सामानों पर 15 प्रतिशत उपकर लगाने के विकल्प को खुला रखा है| 
  • उपकर पाँच साल तक जारी रहेगा और आगे भी इसे जारी रखा जा सकता है|
  • परिषद ने किसी भी वस्तु अथवा उत्पाद पर इसे लगाने का विकल्प खुला रखा है. इस बारे में केंद्र और राज्य जब भी फैसला करेंगे यह लागू किया जा सकता है|

निष्कर्ष

जिन वस्तुओं पर उपकर वसूला जाएगा, उन्हें पाँच श्रेणियों में बाँटा गया है, जिनमें पान मसाला, तंबाकू और इससे बने उत्पाद, कोयला और संबंधित ईंधन, मिनरल वाटर, शीतल पेय, लग्जरी कारें, स्टेशन वैगन एवं रेसिंग कार तथा अन्य सभी उत्पाद शामिल हैं। पान मसाला पर 28 प्रतिशत जीएसटी के ऊपर 135 प्रतिशत उपकर वसूला जाएगा। तंबाकू और उससे विनिर्मित उत्पादों जैसे सिगरेट पर 290 प्रतिशत उपकर वसूला जाएगा। हालाँकि बीड़ी पर उपकर लगाया जाए या नहीं, इस पर अभी निर्णय नहीं किया गया है। कोयला और लिग्नाइट पर प्रति टन 400 रुपये उपकर लगेगा। मिनरल वाटर, शीतल पेय पदार्थों, लक्जरी कारों और किसी भी अन्य अधिसूचित श्रेणी पर 15 प्रतिशत उपकर लगेगा। वास्तविक दर इस सीमा से कम होगी। इन वस्तुओं की मौजूदा दर को अधिकतम जीएसटी दर और उपकर के जरिये बरकरार रखा जाएगा। उदाहरण के लिये, लग्जरी कारों पर इस समय कर की दर 40 प्रतिशत है, इसलिये उन पर 28 प्रतिशत की अधिकतम जीएसटी दर पर 12 प्रतिशत उपकर लगाया जाएगा। वैसे इसकी सीमा 15 प्रतिशत होगी यानी राज्य सरकारों के लिये 3 प्रतिशत की गुंज़ाइश रहेगी|