वाहनों में सुरक्षा स्विच : महिला सुरक्षा है प्राथमिकता | 21 Apr 2018

चर्चा में क्यों?

देश में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर भारी दबाव का सामना कर रही एनडीए सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिये प्रौद्योगिकी की ओर रुख करने का निर्णय लिया है। 2016 में सरकार द्वारा मोबाइल फोन निर्माताओं के लिये (जनवरी 2017 से बनने वाले नए डिवाइस में) एक पैनिक बटन की सुविधा प्रदान करने का अनिवार्य प्रावधान किया गया था, परंतु इस योजना के क्रियान्वयन में लगभग एक साल की देरी हो गई।

प्रमुख बिंदु

  • आईआईटी-दिल्ली के साथ साझेदारी में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा महिलाओं की सुरक्षा हेतु कारों और बसों में स्विच-आधारित डिवाइस पर काम किया जा रहा है।
  • सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करते समय संकट की स्थिति में सहायता सुनिश्चित करने के लिये  प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
  • प्रस्तावित पैनिक स्विच सिस्टम को दबाने पर गाड़ी में बहुत तेज़ आवाज़ (अलार्म) बजेगा, जो लोगों का ध्यान आकर्षित करेगा और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिये पुलिस नियंत्रण कक्ष को भी संकेत भेजेगा।

अन्य महत्त्वपूर्ण पक्ष

  • इस सिस्टम में वाहन चालक और एक कैमरा इंटरफेस को प्रमाणित करने जैसी सुविधाएँ होंगी।
  • इस सिस्टम के बीटा संस्करण के लिये फील्ड परीक्षण पहले से ही चल रहा है, इसके अगले महीने तक शुरू होने की संभावना है।
  • इस परियोजना का विकास आईआईटी-दिल्ली द्वारा किया जा रहा है जो वर्ष 2013 में स्थापित निर्भया कोष से वित्तपोषित है, जिसका उद्देश्य देश में महिलाओं की संरक्षा और सुरक्षा को बढ़ाने के लिये शुरू की गई पहलों का कार्यान्वयन करना है। 

वन स्टॉप सेंटर्स 

  • वन स्टॉप सेंटर्स (OSC) जो लैंगिक हिंसा से लोगों को बचाने लिये सहायता प्रदान करते हैं, को निर्भया योजना के तहत शुरू किया गया था।
  • हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक धन आवंटित किया गया है।
  • छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जिसके सभी 27 ज़िलों में वन स्टॉप सेंटर स्थापित हैं।

पैनिक स्विच 

  • 2016 में केंद्र सरकार ने मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों से सभी मोबाइल फोन सैटों में एक पैनिक बटन देने को कहा था।
  • यह योजना कारों के लिये मई 2018 में और बसों के लिये अगस्त 2018 में शुरू की जाएगी।

यह स्विच टैम्पर प्रूफ होगा।

  • इस बटन को दबाते ही तेज़ आवाज़ उत्पन्न होगी। 
  • संकट के समय इससे पुलिस को संदेश भेजने के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।