विभिन्न देशों के साथ केंद्र सरकार ने दी कई समझौतों को मंज़ूरी | 07 Dec 2018

केंद्र सरकार ने वैश्विक जगत में अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज़ कराने और द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत बनाने के लिये कई देशों के साथ सहयोग समझौतों को मंज़ूरी दी है।

संक्षिप्त में इनका विवरण निम्नानुसार है:

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1. बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिये भारत-ताजिकिस्तान समझौता : यह समझौता पृथ्वी के दूरसंवेदी, सेटेलाइट संचार, सेटेलाइट आधारित नैविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान तथा ग्रहों की खोज, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष प्रणालियों तथा ग्राउंड सिस्टम, अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी ऐप्लीकेशन सहित अंतरिक्ष विज्ञान टेक्नोलॉजी तथा एप्लीकेशनों में सहयोग की संभावनाओं में सहायक होगा। इस समझौते से एक संयुक्त कार्यसमूह बनेगा जो इसे लागू करने की समय-सीमा और उपायों सहित एक कार्य योजना तैयार करेगा। कार्यसमूह में डीओएस/ इसरो तथा ताजिकिस्तान की लैंड मैनेजमेंट तथा जियोडेसी स्टेट कमेटी के सदस्य होंगे। (ऐसे ही समझौते भारत ने उज़्बेकिस्तान, मोरक्को, अल्जीरिया आदि देशों के साथ भी किये हैं)

2. भूगर्भ, खनन एवं खनिज संसाधनों के क्षेत्र में भारत-ज़िम्बाब्वे समझौता: इस समझौते से भारत और ज़िम्बाब्वे के बीच चयनित क्षेत्रों में सहयोग के लिये संस्थागत प्रणाली उपलब्ध होगी। संसाधनों, कानूनों और नीतियों पर आधारित जानकारी का आदान-प्रदान करना, विकास से जुड़ी रणनीतियों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिये विचार गोष्ठियाँ आयोजित करना, दोनों पक्षों के बीच प्रौद्योगियों के हस्तांतरण को बढ़ावा देना, खनन क्षेत्र में मूल्य संवर्द्धन को बढ़ावा देना और निवेश के अवसर तैयार करना इस समझौते के उद्देश्य हैं।

3. स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल और आरोग्‍य के लिये भारत-जापान समझौता: इस समझौते से पारंपरिक औषधि प्रणाली के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। शोध, प्रशिक्षण, सम्‍मेलन, बैठक तथा विशेषज्ञों की नियुक्ति पर आने वाला खर्च आयुष मंत्रालय के बजट से पूरा किया जाएगा।

4. डाक क्षेत्र में सहयोग के लिये भारत-जापान सहयोग-समझौता: इस समझौते से भारत और जापान के बीच डाक सेवाओं में सुधार होगा और डाक क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा। डाक नीति के संबंध में दोनों पक्ष अपने अनुभवों के आधार पर सूचनाएँ साझा करेंगे।

5. पर्यावरण सहयोग के क्षेत्र में भारत-जापान के बीच सहयोग: इस सहयोग ज्ञापन से दोनों देश के उपयुक्त कानूनों और कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए समानता, पारस्परिकता और आपसी लाभ के आधार पर प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे। इसके तहत दोनों देशों के बीच सूचना और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान करना भी शामिल है।

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6. ऊर्जा सक्षमता और ऊर्जा संरक्षण के लिये भारत-फ्रांस समझौता: यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी समझौता है, जिसमें केवल तकनीकी सहायता हेतु ज्ञान का आदान-प्रदान और सहयोग शामिल है। यह समझौता ज्ञापन ऊर्जा सक्षमता बढ़ाने तथा मांग प्रबंधन से संबंधित नीतियों, कार्यक्रमों और टेक्नोलॉजी पर सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। इस समझौते से ऊर्जा सक्षमता के बारे में जागरूकता पैदा होगी। इससे कार्बन उत्सर्जनों तथा वैश्विक उत्सर्जन की निगरानी के लिये डेटा के संग्रहण, उपयोग तथा विश्लेषण के लिये तंत्र विकसित होंगे।

7. मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत संयुक्त गतिविधियों पर भारत-रूस समझौता: इस समझौते से भारत और रूस के बीच सहयोग मज़बूत होगा और रेडियेशन शील्डिंग, लाइफ स्पोर्ट सिस्टम, क्रू मॉड्यूल, मीटिंग पॉइंट तथा डॉकिंग प्रणाली, अंतरिक्ष कक्ष, अंतरिक्ष यात्रियों के लिये प्रशिक्षण जैसे मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिये टेक्नोलॉजी तथा अग्रिम प्रणालियाँ विकसित करने के काम को गति मिलेगी।

8.पृथ्वी विज्ञान में वैज्ञानिक तथा तकनीकी सहयोग पर भारत-अमेरिका समझौता:  इसके तहत दोनों देशों के संगठनों के पास उपलब्ध विशेषज्ञता साझा करने में मदद मिलेगी और पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी अपनाई जा सकेगी। सहयोग के विशेष क्षेत्रों में ईको प्रणालियाँ, जलवायु अस्थिरता तथा भूमि उपयोग परिवर्तनों, ऊर्जा, खनिज संपदा, पर्यावरण, प्राकृतिक संकटों, जोखिम तथा मूल्यांकन दृढ़ता, जल संसाधन, इन्फोर्मेटिक्स तथा डेटा एकीकरण के क्षेत्र शामिल हैं।

9.संयुक्त डाक टिकट जारी करने पर भारत-आर्मेनिया समझौता: इसके तहत संचार मंत्रालय का डाक विभाग और आर्मेनिया का राष्ट्रीय डाक संचालक (‘HayPost CJSC) पारस्परिक रूप से नृत्य विषय पर संयुक्त डाक टिकट जारी करने पर सहमत हुए। स्मृति डाक टिकटों में भारत के मणिपुरी नृत्य तथा आर्मेनिया के हौब एरेक नृत्य दिखाए गए हैं।


स्रोत : पी.आई.बी