केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन | 13 Apr 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organization- CDSCO) ने दवा निर्माताओं से सामान्य रूप से उपयोग में आने वाली एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों की जानकारी आम जनता के लिये उपलब्ध कराने को कहा है।

प्रमुख बिंदु

  • भारत के फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम (Pharmacovigilance Programme of India- PvPI) के राष्ट्रीय समन्वय केंद्र ने CDSCO को कुछ सामान्य एंटीबायोटिक दवाओं से उत्पन्न होने वाले प्रतिकूल प्रभावों की जानकारी दी थी।
  • इसी के परिप्रेक्ष्य में CDSCO ने दवा निर्माताओं को निर्देश दिया है कि इन दवाओं से होने वाले दुष्प्रभाव (Side Effect) की जानकारी दवाओं में संलग्न पत्रक में उपलब्ध कराई जाए।
  • CDSCO ने दवा निर्माताओं को लिखा है निम्नलिखित सात यौगिकों के संभावित दुष्प्रभावों की जानकारी आम आदमी के लिये उपलब्ध कराई जाए:

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  • सभी ज़ोनल और सब- ज़ोनल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इन यौगिकों के निर्माताओं को निर्देश दें कि वे दवा के पैकेट में संलग्न पत्रक में इनके प्रतिकूल प्रभाव का उल्लेख करें।

CDSCO

  • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (NRA) है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • देश भर में इसके छह ज़ोनल कार्यालय, चार सब-ज़ोनल कार्यालय, तेरह पोर्ट ऑफिस और सात प्रयोगशालाएँ हैं।
  • विज़न: भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना और उसे बढ़ावा देना।
  • मिशन: दवाओं, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता बढ़ाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा तय करना।
  • ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 एंड रूल्स 1945 (The Drugs & Cosmetics Act,1940 and rules 1945) के तहत CDSCO दवाओं के अनुमोदन, क्लिनिकल परीक्षणों के संचालन, दवाओं के मानक तैयार करने, देश में आयातित दवाओं की गुणवत्ता पर नियंत्रण और राज्य दवा नियंत्रण संगठनों को विशेषज्ञ सलाह प्रदान करके ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के प्रवर्तन में एकरूपता लाने के लिये उत्तरदायी है।

स्रोत: द हिंदू, www.cdsco.gov.in