वैश्विक आपूर्तिकर्त्ताओं के लिये एकल विंडो प्रणाली | 18 Aug 2017

चर्चा में क्यों ? 

भारत में किस तरह के उत्पादों की आपूर्ति की जाए और किस तरह की नहीं, इसके लिये किस प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिये, इत्यादि जानकारियों के बारे में विभिन्न मंत्रालयों की वेबसाइटों पर अनेक अधिसूचनाएँ हैं, परंतु वैश्विक आपूर्तिकर्त्ताओं को इनसे अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिये सरकार अब एकल विंडो प्रणाली बनाने जा रही है जिसके माध्यम से निर्यात संबंधी सभी सूचनाएँ एक ही खिड़की से सुलभ हो जाएंगी।   

यह कैसे होगा ?

  • केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सी.बी.ई.सी.) केंद्रीय संग्रह का निर्माण करने के लिये एक व्यापक अभ्यास कर रहा है जो वैश्विक आपूर्तिकर्त्ताओं को उनके द्वारा निर्यात किये जाने वाले उत्पादों के संबंध में आवश्यक समस्त सूचनाओं को प्रदर्शित करेगा। यह एक ही वेबसाइट पर या मोबाइल ऐप के माध्यम से उपलब्ध होगा। इस पहल का एक उद्देश्य व्यापार को आसान बनाना भी है।  
  • केंद्रीय संग्रह बन जाने से किसी भी विनियमन के बारे में कोई जानकारी माउस के एक क्लिक पर या मोबाइल पर उपलब्ध होगी। 
  • यह कार्य व्यापार करने को और सुविधाजनक बनाने के सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है। 
  • सी.बी.ई.सी. ने पहले ही एक पोर्टल शुरू किया है जिसमें आयातकों और निर्यातकों को भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल, पादप संगरोध और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण सहित सभी सरकारी एजेंसियों से मंज़ूरी के लिये बंदरगाहों पर एक एकल फार्म दर्ज़ करने की अनुमति है। 

कारोबार करने में आसानी

  • उल्लेखनीय है कि विश्व बैंक की 'सीमाओं के पार व्यापार' पर कारोबार करने में आसानी रैंकिंग में भारत 133वें स्थान पर रहा है क्योंकि भारत में कागज़ी कार्रवाई के कारण समय और लागत दोनों अधिक लगती है।
  • इसी तरह वैश्विक आपूर्तिकर्त्ताओं को सीमा अनुपालन के मामले में उच्च आय वाले ओ.ई.सी.डी. (OECD) देशों में 9 घंटे की तुलना में भारत में 311 घंटे लगते हैं। इसी तरह प्रलेखन अनुपालन में ओ.ई.सी.डी. देशों में 4 घंटे की तुलना में भारत में 67 घंटे लगते हैं। 
  • अतः सरकार ने व्यापार करने में आसानी को निवेश आकर्षित करने के लिये महत्त्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में पहचान की है।