बॉक्साइट लीज़ रद्द करने की मांग | 06 Jan 2023

प्रिलिम्स के लिये:

पर्यावरण प्रभाव आकलन, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, धातुकर्म प्रक्रिया और संबंधित चिंताएँ।

मेन्स के लिये:

बॉक्साइट और इसका वितरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन।

चर्चा में क्यों?

माली पर्वत बॉक्साइट खनन पट्टे की पर्यावरणीय मंज़ूरी पर ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Odisha State Pollution Control Board’s- OSPCB) में सुनवाई से पहले पट्टे को स्थायी रूप से रद्द करने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है।

संबंधित मुद्दा:

  • पृष्ठभूमि: 
    • माली पर्वत में खनन गतिविधियों को लेकर वर्ष 2003 में पर्यावरणीय मंज़ूरी के लिये OSPCB द्वारा जन सुनवाई के समय से ही विरोध चला आ रहा है।
    • वर्ष 2007 में हिंडाल्को को पट्टा/लीज़ दिये जाने के बाद ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि परियोजना को लेकर उनकी शिकायतों और आपत्तियों को नज़रअंदाज कर दिया गया।
    • कार्यकर्त्ताओं के अनुसार, कंपनी की पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि माली पर्वत में कोई जलाशय नहीं था।
    • हालाँकि ग्रामीणों ने तर्क दिया था कि माली पर्वत से 36 बारहमासी नदियाँ बहती हैं, जो ग्रामीणों के लिये उनकी कृषि और पीने के उद्देश्यों के लिये जल का स्रोत हैं, अतः बॉक्साइट खनन परियोजना को रद्द कर दिया जाना चाहिये।
    • वर्ष 2011 तक कंपनी खनन करने में विफल रही और बाद में इसकी पर्यावरणीय मंज़ूरी समाप्त हो गई लेकिन इसने वर्ष 2012-2014 में पर्यावरणीय मंज़ूरी के नवीनीकरण के बिना अवैध रूप से खनन शुरू कर दिया।
    • उद्योग को 50 वर्ष के लिये नया पट्टा मिला है, जिसके लिये जन सुनवाई ज़रूरी थी। 
  • संबंधित चुनौतियाँ: 
    • आस-पास के गाँवों में रहने वाले आदिवासियों ने आरोप लगाया है कि माली पर्वत में खनन गतिविधियों से सोरीशपोदर, दलाईगुड़ा और पखाझोला पंचायतों के लगभग 42 गाँव प्रभावित होंगे।
    • पर्यावरणविदों ने यह भी दावा किया है कि माली पर्वत की 32 बारहमासी धाराओं और चार नहरों में पानी की आपूर्ति के प्रभावित होने के कारण जनजातीय लोगों के जीवन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
      • माली और इसके वन क्षेत्र के अंतर्गत कोंधा, परजा एवं गदाबा जनजातियाँ निवास करती हैं

पर्यावरणीय प्रभाव आकलन: 

  • इसे पर्यावरण पर प्रस्तावित गतिविधि/परियोजना के प्रभाव की संभावनाओं के लिये अध्ययन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। 
  • यह कुछ परियोजनाओं के लिये पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत वैधानिक है।
  • प्रक्रिया:
    • निवेश के पैमाने, विकास के प्रकार और विकास के स्थान के आधार पर यह पता करने के लिये जाँच की जाती है कि किसी परियोजना को वैधानिक अधिसूचनाओं के अनुसार पर्यावरण मंज़ूरी की आवश्यकता है या नहीं।
    • स्कोपिंग EIA की संदर्भ शर्तों (Terms of Reference -ToR) का विवरण देने की एक प्रक्रिया है, जो किसी परियोजना के विकास में मुख्य मुद्दे या समस्याएँ हैं।
    • संभावित प्रभाव में परियोजना के महत्त्वपूर्ण पहलुओं और इसके विकल्पों के पर्यावरणीय परिणामों का मानचित्रण शामिल है। 
  • EIA रिपोर्ट के पूरा होने के बाद प्रस्तावित विकास पर जनता को अनिवार्य रूप से सूचित करने और परामर्श प्रदान करने की आवश्यकता होती है।

बॉक्साइट: 

  • परिचय:
    • बॉक्साइट एल्यूमिनियम अयस्क है, एक ऐसा चट्टान जिसमें मुख्य रूप से हाइड्रेटेड एल्यूमीनियम ऑक्साइड होते हैं।
    • गुजरात और गोवा के तटीय क्षेत्रों को छोड़कर बॉक्साइट भण्डार मुख्य रूप से लेटराइट्स से जुड़े हैं तथा पहाड़ियों एवं पठारों पर आच्छादन के रूप में पाए जाते हैं।
    • बॉक्साइट का प्रयोग मुख्य रूप से बेयर प्रक्रिया (Bayer process) के माध्यम से एल्युमिना का उत्पादन करने के लिये किया जाता है।
    • कई अन्य धातुओं की तरह विकसित हो रही एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के विस्तार में पिछले कुछ वर्षों के दौरान एल्यूमीनियम और बॉक्साइट की वैश्विक मांग में काफी वृद्धि हुई है।
  • वैश्विक वितरण: 
    • भंडार: वर्ष 2015 के आँकड़ों के अनुसार, संभावित विश्व बॉक्साइट भंडार 30 बिलियन टन है और यह मुख्य रूप से गिनी (25%), ऑस्ट्रेलिया (20%), वियतनाम (12%), ब्राज़ील (9%), जमैका (7%),  इंडोनेशिया (4%) तथा चीन (3%) में पाया जाता है।
    • इनमें से ऑस्ट्रेलिया प्रमुख उत्पादक है जिसका कुल उत्पादन में लगभग 29% हिस्सा रहा, इसके बाद चीन (19%), गिनी (18%), ब्राज़ील (10%) और भारत (7%) का स्थान है।
  • भारत में वितरण: 
    • भण्डार: वर्ष 2019 के आँकड़ों के अनुसार, अकेले ओडिशा में देश के बॉक्साइट संसाधनों का 51% हिस्सा है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (16%), गुजरात (9%), झारखंड (6%), महाराष्ट्र (5%) और मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ (4%) का स्थान है। प्रमुख बॉक्साइट संसाधन ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश के पूर्वी तट पर पाए जाते हैं।
    • उत्पादन: वर्ष 2020 में कुल उत्पादन में ओडिशा का योगदान 71% और इस क्रम में गुजरात का 9% एवं झारखंड का 6% रहा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन सा खनिज छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है? (2008)

  1. बॉक्साइट 
  2. डोलोमाइट
  3. लौह अयस्क 
  4. टिन

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (d)


प्रश्न. निम्नलिखित खनिजों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. बेंटोनाइट 
  2. क्रोमाइट
  3. कानाइट 
  4. सिलिमेनाइट

भारत में उपर्युक्त में से किसे आधिकारिक रूप से प्रमुख खनिजों के रूप में नामित किया गया है?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 4
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2, 3 और 4

उत्तर: (d)

  • राष्ट्रीय खाता सांख्यिकी (2007) के अनुसार, खनिजों को मोटे तौर पर प्रमुख और गौण खनिजों में वर्गीकृत किया गया है।
  • प्रमुख खनिजो में शामिल हैं:
    • ईंधन खनिज: कोयला, लिग्नाइट, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम (कच्चा)।
    • धात्विक खनिज: बॉक्साइट, क्रोमाइट, तांबा अयस्क, सोना, लौह अयस्क, सीसा (सांद्र), जस्ता (सांद्र), मैंगनीज़ अयस्क, चांदी, टिन (सांद्र), टंगस्टन (सांद्र)।
  • गैर-धात्विक खनिज: अगेट, एंडालुसाइट, एपेटाइट, एस्बेस्टस, बॉल क्ले, बैराइट्स, कैल्साइट, चॉक, क्ले, कोरंडम, कैलकेरियस सैंड, डायमंड, डायस्पोर, डोलोमाइट, कानाइट, लेटराइट, लाइमस्टोन, लाइमस्टोन कंकर, लाइम शेल, मैग्नेसाइट, अभ्रक (अपरिष्कृत), गेरू, पायराइट्स, पाइरोफिलाइट, फॉस्फोराइट, क्वार्ट्ज़, अशुद्ध क्वार्ट्ज़, क्वार्टज़ाइट, फुकसाइट क्वार्टज़ाइट, सिलिका सैंड, नमक (रॉक), नमक (वाष्पीकृत), शेल, स्लेट, स्टीटाइट, सिलिमेनाइट, वर्मीक्यूलाइट, वोलास्टोनाइट।
  • माइनर मिनरल्स में बेंटोनाइट, बोल्डर, ब्रिक अर्थ, बिल्डिंग स्टोन्स, कैल्सेडनी या कोरंडम, फुलर्स अर्थ, बजरी, लाइम स्टोन, ड्यूनाइट, फेल्सपर, फायर क्ले, फेलसाइट, फ्लोराइट (ग्रेडेड), फ्लोराइट (सांद्र), जिप्सम, गार्नेट (अब्रेसिव्स) शामिल हैं। गार्नेट (जेम), ग्रेफाइट रन-ऑन-माइन, जैस्पर, काओलिन, मार्बल, मुर्रम, मृदा, साधारण रेत, कंकड़, क्वार्टज़ाइट और सैंड स्टोन, रोड मेटल, साल्ट पेट्रे, शेल, शिंगल, स्लेट।
  • क्रोमाइट, कानाइट और सिलिमेनाइट प्रमुख खनिज हैं, जबकि बेंटोनाइट एक गौण खनिज है। अतः 1 सही नहीं है और 2, 3 और 4 सही हैं।

अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।

स्रोत: द हिंदू