मंत्रिमंडल ने मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2018 को स्वीकृति दी | 05 Apr 2018

चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में मानव अधिकारों के बेहतर संरक्षण और संवर्द्धन के लिये  मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2018 को अपनी स्वीकृति दे दी है।

पृष्ठभूमिः
मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम. 1993 में संशोधन से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) तथा राज्य मानव अधिकार आयोग (एसएचआरसी) कारगर तरीके से मानव अधिकारों का संरक्षण और संवर्द्धन करने के लिये अपनी स्वायत्तता, स्वतंत्रता, बहुलवाद तथा व्यापक कार्यों से संबंधित पेरिस सिद्धांत का परिपालन करेंगे।

प्रमुख विशेषताएँ:

  1. विधेयक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को मानित सदस्य के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव है।
  2. विधेयक आयोग के गठन में एक महिला सदस्य को जोड़ने का प्रस्ताव करता है।
  3. विधेयक राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तथा राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष पद के लिये पात्रता और चयन के दायरे को बढ़ाने का प्रस्ताव करता है।
  4. विधेयक में केंद्रशासित प्रदेशों में मानव अधिकारों के उल्लंघन के मामलों को देखने के लिये एक व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव है।
  5. विधेयक में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तथा राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के कार्यकाल में संशोधन का प्रस्ताव है, ताकि इसे अन्य आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों के कार्यकाल के अनुरूप बनाया जा सके।

लाभः
इस संशोधन से भारत में मानव अधिकार संस्थानों को मज़बूती मिलेगी और संस्थान अपने दायित्वों एवं भूमिकाओं तथा ज़िम्मेदारियों का कारगर निष्पादन कर सकेंगे। इतना ही नहीं, संशोधित अधिनियम से मानवाधिकार संस्थान जीवन, स्वतंत्रता, समानता तथा व्यक्ति के सम्मान से संबंधित अधिकारों को सुनिश्चित करने में सहमत वैश्विक मानकों का परिपालन करेंगे।