ब्रैडीकिनिन स्टॉर्म | 10 Sep 2020

प्रिलिम्स के लिये:

ब्रैडीकिनिन स्टॉर्म, COVID-19, साइटोकिन स्टॉर्म 

मेन्स के लिये:

COVID-19 का मानव शरीर पर प्रभाव, COVID-19 की चुनौती से निपटने के प्रयास  

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिका स्थित ‘ओक रिज़ नेशनल लेबोरेटरी’ (Oak Ridge National Laboratory- ORLN) के वैज्ञानिकों के समूह ने COVID-19 संक्रमण के कुछ मामलों में मरीज़ों के स्वास्थ्य में तीव्र गिरावट के लिये ‘ब्रैडीकिनिन स्टॉर्म’ (Bradykinin Storm) को उत्तरदायी बताया है।

प्रमुख बिंदु:

  • ‘ओक रिज़ नेशनल लेबोरेटरी’ के कुछ वैज्ञानिकों ने एक सुपर कंप्यूटर के माध्यम से COVID-19 मरीज़ों के फेफड़ों से लिये गए नमूनों के डेटा अध्ययन के आधार पर मरीज़ों के स्वास्थ्य पर ‘ब्रैडीकिनिन स्टॉर्म’ के प्रभावों की जानकारी दी है।
  • द साइंटिस्ट पत्रिका के अनुसार, ‘रेडबाउड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर, नीदरलैंड’ के एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ ‘फ्रैंक वैन डे वीरडोंक’ और उनकी टीम ने एक अवधारणा प्रस्तुत की थी, जिसमें उन्होंने फेफड़ों में रक्त वाहिकाओं में रिसाव के लिये एक अनियंत्रित ब्रैडीकिनिन प्रणाली को मुख्य कारण बताया और यह भी अनुमान लगाया कि यह फेफड़ों में अतिरिक्त द्रव निर्माण के लिये उत्तरदायी हो सकता है।
  • गौरतलब है कि इससे पहले वैज्ञानिकों ने COVID-19 संक्रमण के कुछ मामलों में मरीज़ों के स्वास्थ्य में गिरावट के लिये साइटोकिन स्टॉर्म (Cytokine Storm) की भूमिका के बारे में पुष्टि की थी।

क्या है ब्रैडीकिनिन?

  • ब्रैडीकिनिन एक यौगिक है जो दर्द संवेदना और मानव शरीर में रक्तचाप को कम करने से संबंधित है।
  • शोधकर्ताओं के अनुसार, ’SARS-CoV-2 मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिये ACE2 नामक एक मानव एंज़ाइम का प्रयोग करता है।
  • ACE2 मानव शरीर में रक्तचाप को कम करता है और ACE नामक एक अन्य एज़ाइम के खिलाफ काम करता है।
  • शोधकर्ताओं ने पाया कि COVID-19 वायरस मानव फेफड़ों में  ACE एंजाइम के स्तर को बहुत ही कम कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप  ACE2 के स्तर में वृद्धि होती है।
  • यह प्रक्रिया एक श्रृंखला अभिक्रिया (Chain Reaction) के रूप में कोशिकाओं में ब्रैडीकाइनिन अणु के स्तर को बढ़ा देती है, जो ब्रैडीकाइनिन स्टॉर्म का कारण बनता है।

दुष्प्रभाव:  

  • ब्रैडीकिनिन रक्त वाहिकाओं के आकार में वृद्धि हो जाती है और उनमें रक्त का रिसाव होने लगता है, जिससे इसके आसपास के ऊतकों में सूजन हो जाती है।
  • शोधकर्त्ताओं ने पाया कि ऐसे मरीज़ों में हायल्यूरोनिक एसिड (Hyaluronic Acid) नामक एक पदार्थ का स्तर बढ़ गया।
    • यह एसिड हाइड्रोजेल बनाने के लिये अपने वजन से 1000 गुना जल अवशोषित कर सकता है।
  • ब्रैडीकिनिन स्टॉर्म के कारण मरीज़ के फेफड़ों में द्रव के रिसाव और हायल्यूरोनिक एसिड के मिलने से एक जेलो (Jello) जैसे पदार्थ का निर्माण होता है, जो गंभीर रूप से प्रभावित COVID-19 मरीज़ों में ऑक्सीजन के अपवर्तन को रोक देता है।
  • मरीज़ों के फेफड़ों में इस द्रव का तीव्र संचय कभी-कभी वेंटिलेटर जैसी उन्नत गहन देखभाल प्रणालियों को भी प्रभावहीन बना देता है।
  • ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंस’ के निदेशक के अनुसार, ब्रैडीकिनिन स्टॉर्म की अवधारण कुछ COVID-19 मरीज़ों के स्वास्थ्य में तीव्र गिरावट के संदर्भ में काफी हद तक सही प्रतीत होती है हालाँकि इसमें अभी और अधिक पुष्टि (प्रोटीन मापने के संदर्भ में) की आवश्यकता होगी। 

निष्कर्ष:

COVID-19 महामारी और मानव शरीर पर इसके प्रभावों के बारे में अभी बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में बिना किसी प्रमाणिक वैक्सीन के इस बीमारी का इलाज अलग-अलग मरीज़ों के लक्षणों के आधार पर ही किया जा सकता है। COVID-19 संक्रमण के मामलों में ‘ब्रैडीकिनिन स्टॉर्म’ के बारे में प्राप्त जानकारी के आधार पर मरीज़ों को लक्षित उपचार उपलब्ध कराने में सहायता प्राप्त हो सकती है हालाँकि इस संदर्भ में और अधिक अनुसंधान की आवश्यकता होगी।    

आगे की राह:

  • वैज्ञानिकों ने COVID-19 के गंभीर प्रभावों को नियंत्रित करने के लिये ब्रैडीकिनिन मार्ग को लक्षित करते हुए  चिकित्सीय हस्तक्षेप को बढ़ावा देने का समर्थन किया है। 
  • मरीज़ों में ब्रैडीकिनिन के लक्षणों के आधार पर वर्तमान में उपलब्ध दवाओं के प्रयोग पर परीक्षण और शोध को बढ़ावा दिया जाना चाहिये।

Kinin-Cascade

स्रोत: द हिंदू