बेंगलुरु की बेल्लानदुर झील पर धुएँ का आवरण : पर्यावरण मंत्रालय चिंताग्रस्त | 18 Feb 2017

सन्दर्भ :

17 फरवरी को बेंगलुरु की बेल्लानदुर झील के आस पास बिखरे कचरे में आग लगाने के बाद यह आग बुरी तरह से भड़क गई और इसके कारण झील के ऊपर धुएं का गुबार छा गया । पर्यावरण मंत्रालय इसकी जाँच के आदेश दे चुका है |

प्रमुख बिंदु :

  • कूड़े के ढेर में आग लगने के पश्चात बेल्लान्दुर झील में धुएँ का आवरण छा गया |
  • यद्यपि इस आग पर डेढ़ घंटे में ही नियंत्रण कर लिया गया परन्तु वह क्षेत्र कुछ समय के लिए धुएँ के आवरण से आच्छादित हो गया था|
  • निवासियों ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (Bruhat Bengaluru Mahanagara Palike -BBMP) के अधिकारियों द्वारा कूड़े की डंपिंग को रोकने के लिए अपनाए गए भावुक (lackadaisical) रवैये को जिम्मेदार ठहराया |
  • कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कचरे की डंपिंग को रोकने के लिए बीबीएमपी,बंगलोर जल आपूर्ति ,सीवेज बोर्ड तथा अन्य एजेंसियों को संकेत जारी किये गए  हैं|
  • कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड निकाय इस क्षेत्र में गंदा पानी साफ़ करने के संयंत्रों (sewage treatment plants) की जाँच करने की प्रक्रिया में कार्यरत है |
  • यह झील झाग और जहरीले धुएं के कारण पिछले एक वर्ष से चर्चा का विषय बनी हुई है| 
  • हालाँकि, पर्यावरण मंत्रालय ने इस घटना की जाँच का आदेश दिया है तथा पर्यावरण मंत्री ने कहा है जल्दी ही इस जांच की रिपोर्ट आ जाएगी तब यह देखा जा सकेगा कि आग लगने के क्या कारण थे |

पृष्ठभूमि :

आम तौर पर झील के आस पास बिखरे कचरे में आग लगायी जाती है लेकिन इसके चलते गुरुवार (16 फरवरी) शाम झील के चारों ओर और इसके निचले हिस्से में धुंआ फैलने से वहां के निवासी और मोटरवाहन चालक भयभीत हो गये।हालांकि दो घंटे में आग को बुझा लिया गया। किन्तु कुछ घंटे के लिये इलाके में धुंए का गुबार छा गया था।

वहां के निवासियों ने बृहद् बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के अधिकारियों पर बरसते हुए कचरा निपटारे के इस अनुचित तरीके पर रोक लगाने की मांग की थी ।