डेली अपडेट्स

महिलाओं के लिये जमानत संबंधी प्रावधान | 05 Sep 2022 | भारतीय राजनीति

प्रिलिम्स के लिये:

CRPC में जमानत का प्रावधान, जमानत के प्रकार।

मेन्स के लिये:

महिलाओं के मामले में गिरफ्तारी की प्रक्रिया, CRPC और इसके प्रावधान, जमानत के प्रकार।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कार्यकर्त्ता तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि "अपीलकर्त्ता (तीस्ता) को इस तथ्य सहित कि अपीलकर्त्ता एक महिला है, असाधारण तथ्यों में अंतरिम जमानत की राहत दी जाती है"।

महिलाओं के लिये जमानत संबंधी उपलब्ध प्रावधान:

महिलाओं की गिरफ्तारी पर CRPC के प्रावधान:

गिरफ्तारी से संरक्षण हेतु भारत में संवैधानिक प्रावधान

दंडात्मक नजरबंदी के तहत प्रदान अधिकार

निवारक निरोध के तहत प्रदान अधिकार

  • गिरफ्तारी के आधार के विषय में सूचित करने का अधिकार।
  • किसी व्यक्ति की नजरबंदी तीन महीने से अधिक नहीं हो सकती जब तक कि एक सलाहकार बोर्ड विस्तारित नजरबंदी के लिये पर्याप्त कारण की रिपोर्ट नहीं करता है।
  • बोर्ड में एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शामिल होते हैं।
  • विधि व्यवसायी से परामर्श करने और बचाव करने का अधिकार।
  • नजरबंदी के आधारों के विषय में नजरबंद व्यक्ति को सूचित किया जाना चाहिये।
  • तथापि, जनहित के विरुद्ध माने जाने वाले तथ्यों को प्रकट करने की आवश्यकता नहीं है।
  • यात्रा के समय को छोड़कर 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होने का अधिकार।
  • हिरासत में लिये गए व्यक्ति को निरोध आदेश के खिलाफ अभ्यावेदन देने का अवसर प्रदान करना चाहिये।
  • 24 घंटे के बाद रिहा होने का अधिकार जब तक कि मजिस्ट्रेट, हिरासत को जारी रखने के लिये अधिकृत नहीं करता।
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  • ये सुरक्षा उपाय किसी विदेशी शत्रु के लिये उपलब्ध नहीं हैं।
  • यह सुरक्षा नागरिकों के साथ-साथ विदेशियों  के लिये भी उपलब्ध है।

जमानत और उसके प्रकार:

स्रोत: द हिंदू