ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी वर्षावन बने कार्बन स्रोत | 24 Oct 2025

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों?

नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के उष्णकटिबंधीय वन विश्व में पहले ऐसे वन बन गए हैं, जिन्होंने कार्बन सिंक से शुद्ध कार्बन स्रोत में परिवर्तन किया है।

  • यह परिवर्तन मुख्यतः जलवायु दबाव कारकों के कारण बढ़ी हुई वृक्ष मृत्यु-दर ट्री मॉर्टैलिटी से प्रेरित है, जिनमें चक्रवात भी शामिल हैं। ये कारक कार्बन के भंडारण को लगभग 6 वर्षों तक कम कर सकते हैं।
  • इस स्थिति के प्रमुख कारणों में बढ़ता तापमान, वायुमंडलीय शुष्कता और सूखे की परिस्थितियाँ शामिल हैं। यह अध्ययन दर्शाता है कि जलवायु परिवर्तन किस प्रकार वैश्विक कार्बन बजट के लिये गंभीर खतरा बन सकता है।

कार्बन सिंक क्या है?

  • परिचय: कार्बन सिंक वह कोई भी तत्त्व या प्रणाली है जो वायुमंडल से अधिक कार्बन अवशोषित करती है, जितना वह उत्सर्जित करती है
    • यह एक प्राकृतिक या कृत्रिम भंडार की तरह कार्य करता है जो कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को अवशोषित और संग्रहित करता है, जो एक प्रमुख ग्रीनहाउस गैस है, इस प्रकार जलवायु परिवर्तन को कम करने में सहायता करता है।
  • प्रमुख उदाहरण:
    • वन: प्रकाशसंश्लेषण (Photosynthesis) के माध्यम से वृक्ष और पौधे CO₂ को अवशोषित करते हैं तथा इसे लकड़ी, जड़, पत्ते एवं मृदा में संग्रहीत करते हैं।
    • महासागर: महासागर सबसे बड़ा सक्रिय कार्बन सिंक है। यह वायु से सीधे CO₂ को अवशोषित करता है और समुद्री जीव (जैसे फाइटोप्लांकटन) इसे प्रकाशसंश्लेषण के लिये उपयोग करते हैं।
    • मृदा और पीटलैंड्स: मृदा कार्बन की विशाल मात्रा संग्रहीत करती हैं, जो विघटित पौधों और जानवरों के जैविक पदार्थ से बनी होती है।

Carbon_Sink

कार्बन स्रोत क्या है?

  • परिचय: कार्बन सिंक का विपरीत कार्बन स्रोत होता है। वह कोई भी तत्त्व या प्रणाली है जो वायुमंडल में अधिक कार्बन उत्सर्जित करती है, जितना वह अवशोषित करती है
  • प्रमुख उदाहरण:
    • प्राकृतिक कार्बन स्रोत
      • श्वसन (Respiration): जानवर, पौधे और सूक्ष्मजीव कोशिकीय श्वसन के दौरान CO₂ उत्सर्जित करते हैं।
      • ज्वालामुखी विस्फोट (Volcanic Eruptions): पृथ्वी की परत के नीचे से बड़े पैमाने पर CO₂ और मीथेन उत्सर्जित होते हैं।
      • वनाग्नि (Wildfires): वनस्पतियों के जलने से संग्रहीत कार्बन वायुमंडल में रिलीज़ होता है।
      • महासागर से उत्सर्जन (Ocean Release): उष्ण महासागर विलीन CO₂ को पुन: वायु में उत्सर्जित कर देते हैं।
      • मृदा में विघटन (Soil Decomposition): मृदा में सूक्ष्मजीवों की गतिविधि कार्बन को उत्सर्जित करती है जब कार्बनिक पदार्थ का विघटन होता है।
    • मानव-जनित (Anthropogenic) कार्बन स्रोत
      • जीवाश्म ईंधन का दहन (Fossil Fuel Combustion): विद्युत्, परिवहन और उद्योग के लिये कोयला, तेल तथा प्राकृतिक गैस जलाने से CO₂ उत्सर्जित होता है।
      • निर्वनीकरण और भूमि उपयोग परिवर्तन (Deforestation and Land-Use Change): कार्बन अवशोषण कम होता है और वनस्पति में संग्रहीत कार्बन वायुमंडल में उत्सर्जित कर दिया जाता है।
      • औद्योगिक प्रक्रियाएँ (Industrial Processes): सीमेंट उत्पादन, स्टील निर्माण और रासायनिक उद्योग CO₂ उत्सर्जित करते हैं।
      • कृषि (Agriculture): पशुपालन मीथेन (CH₄) उत्पन्न करता है; धान के खेत और उर्वरक नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) जोड़ते हैं।
      • अपशिष्ट प्रबंधन (Waste Management): लैंडफिल और अपशिष्ट दहन से मीथेन तथा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होते हैं।

वनों के कार्बन स्रोत में परिवर्तित होने के परिणाम और इसके नियंत्रण हेतु आवश्यक उपाय क्या हैं?

परिणाम

आवश्यक उपाय

दुष्चक्र:

जलवायु परिवर्तन वनों को क्षति पहुँचाता है, जिससे वृक्ष मृत हो जाते हैं और कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि होती है, जो आगे अधिक वनाग्नि और सूखे के माध्यम से जलवायु परिवर्तन को और तीव्र बना देता है।

आक्रामक वैश्विक उत्सर्जन कटौती: जीवाश्म ईंधन के उत्सर्जन में गहन, तीव्र और सतत् कटौती को प्राथमिकता दी जाए और पेरिस समझौते के अंतर्गत संवर्द्धित कार्बन बजटों का सख्ती से पालन किया जाए।

सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव: वनों का क्षरण आदिवासी समुदायों की आजीविका, खाद्य, औषधि और संस्कृति को खतरे में डालता है, जिससे विस्थापन और संघर्ष की संभावना बढ़ जाती है।

सक्रिय वन प्रबंधन: वृक्ष मृत के चक्र को तोड़ने के लिये प्रजातियों के सहायक प्रवास, ईंधन भार कम करने हेतु नियंत्रित दहन और एकीकृत कीट प्रबंधन जैसी वृहद पैमाने की रणनीतियाँ लागू की जाएँ।

पारिस्थितिकी तंत्र का पतन: वनों के क्षरण और बदलती जलवायु के कारण जैव विविधता में कमी और स्थानीय प्रजातियों के विलुप्त होने का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे ये क्षेत्र मूल प्रजातियों के लिये अनुपयुक्त हो जाते हैं।

जलवायु-अनुकूल नीतियाँ: जल-कुशल सिंचाई में निवेश करना, सूखा-रोधी फसलों को बढ़ावा देना, ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं का विविधीकरण करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र को सुदृढ़ बनाना।

मानव प्रणालियों पर प्रभाव: यह स्थिति जल सुरक्षा, कृषि और खाद्य उत्पादन को खतरे में डालती है, जिससे आर्थिक क्षति होती है और सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं।

स्थानीय समुदायों का सशक्तीकरण: वन प्रशासन में आदिवासी ज्ञान को समेकित करना, भूमि अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सतत् प्रबंधन में उनकी सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करना।

निष्कर्ष

वनों का कार्बन सिंक से कार्बन स्रोत में परिवर्तन एक महत्त्वपूर्ण जलवायु परिवर्तन बिंदु का संकेत देता है, जो एक दुष्चक्र उत्पन्न कर वैश्विक तापमान को तेज़ करता है। यह स्थिति त्वरित उत्सर्जन कटौती, प्रभावी वन प्रबंधन तथा सामुदायिक कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न: 

प्रश्न: कार्बन सिंक और कार्बन स्रोत क्या हैं? वनों की पारिस्थितिकी प्रणालियों के सिंक से स्रोत में परिवर्तन के परिणामों का परीक्षण कीजिये तथा इसके नियंत्रण हेतु एक रूपरेखा प्रस्तुत कीजिये।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. कार्बन सिंक क्या है?
कार्बन सिंक वह प्राकृतिक तंत्र है जो वातावरण से अधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) अवशोषित करता है जितना वह उत्सर्जित करता है, जिससे जलवायु परिवर्तन को कम करने में सहायता मिलती है। उदाहरण: वन, महासागर और मिट्टी।

2. कार्बन स्रोत क्या है?
कार्बन स्रोत वह तंत्र है जो वातावरण में अधिक CO₂ उत्सर्जित करता है जितना वह अवशोषित करता है, जिससे जलवायु परिवर्तन में वृद्धि होती है। उदाहरण: जीवाश्म ईंधन का दहन, वनाग्नि और निर्वनीकरण।

3. वनों के कार्बन सिंक से कार्बन स्रोत में परिवर्तित होने के प्रमुख कारण क्या हैं?
बढ़ते तापमान, लगातार पड़ने वाले सूखे, वायुमंडलीय शुष्कता (VPD) में वृद्धि तथा चक्रवातों जैसी चरम मौसमी घटनाओं के कारण ट्री मॉर्टैलिटी में वृद्धि होना इसके प्रमुख कारण हैं।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रीलिम्स

प्रश्न1. निम्नलिखित कृषि पद्धतियों पर विचार कीजिये: (2012)

  1. समोच्च बाँध
  2. अनुपद सस्यन
  3. शून्य जुताई

वैश्विक जलवायु परिवर्तन के सन्दर्भ में, उपर्युक्त में से कौन-सा/से मृदा में कार्बन प्रच्छादन/संग्रहण में सहायक है/है?

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 3

(c) 1, 2 और 3

(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर: (b)


प्रश्न2. कार्बन डाइऑक्साइड के मानवोद्भवी उत्सर्जनों के कारण आसन्न भूमंडलीय तापन के न्यूनीकरण के सन्दर्भ में, कार्बन प्रच्छादन हेतु निम्नलिखित में से कौन-सा/से संभावित स्थान हो सकता/सकते है/हैं? (2017)

  1. परित्यक्त एवं गैर-लाभकारी कोयला संस्तर
  2. निःशेष तेल एवं गैस भण्डार
  3. भूमिगत गभीर लवणीय शैलसमूह

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a केवल 1 और 2

(b) केवल 3

(c) केवल 1 और 3

(d) 1,2 और 3

उत्तर: (d)