एशियाई शेर संरक्षण परियोजना | 21 Dec 2018

चर्चा में क्यों?


भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forest and Climate Change) ने एशियाई शेर की दुनिया की आखिरी स्वतंत्र आबादी और इसके संबंधित पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से ‘एशियाई शेर संरक्षण परियोजना’ (Asiatic Lion Conservation Project) शुरू की है।

उद्देश्य

  • ‘एशियाई शेर संरक्षण परियोजना’ एशियाई शेर के संरक्षण और पुनर्प्राप्ति के लिये चलाए जा रहे अन्य प्रयासों को बल प्रदान करेगी, इस परियोजना के तहत आधुनिक तकनीक/उपकरणों, नियमित वैज्ञानिक अनुसंधान संबंधी अध्ययनों, रोग प्रबंधन, आधुनिक निगरानी/गश्त तकनीक की सहायता से कार्य किया जाएगा।

वित्त पोषण

  • इस परियोजना का कार्यकाल 3 साल का है, इसके क्रियान्वयन के लिये केंद्रीय प्रायोजित योजना वन्यजीव आवास का विकास [Development of Wildlife Habitat (CSS-DWH)] से लगभग 9784 लाख रुपए का वित्त उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ-साथ 60:40 के अनुपात में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी भी रहेगी।

एशियाई शेर

  • एक समय में पूर्वी एशिया में पलामू (Palamau) से लेकर फारस (ईरान) तक पाई जाने वाली एशियाई शेरों की प्रजाति अंधाधुंध शिकार और आवासीय क्षति के कारण विलुप्त होने को है।
  • 1890 के दशक के अंत तक गुजरात के गिर जंगलों में शेरों की 50 से भी कम जनसंख्या बची थी। राज्य और केंद्र सरकार द्वारा समय पर कड़े सुरक्षा उपाय किये जाने के बाद वर्तमान में एशियाई शेरों की संख्या बढ़कर 500 से अधिक हो पाई है।
  • वर्ष 2015 में आखिरी जनगणना में 1648.79 वर्ग किमी. के गिर संरक्षित क्षेत्र के नेटवर्क (Gir Protected Area Network) में एशियाई शेरों की संख्या 523 दर्ज की गई।
  • इस नेटवर्क के अंतर्गत गिर राष्ट्रीय उद्यान (Gir National Park); गिर अभयारण्य (Gir Sanctuary); पानिया अभयारण्य (Pania Sanctuary)’ आरक्षित, संरक्षित एवं अनगिनत वनों के समीप अवस्थित मितीला अभयारण्य (Mitiyala Sanctuary) शामिल है।
  • यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि हमेशा से एशियाई शेरों का संरक्षण भारत सरकार की प्राथमिकता रहा है।

शेरों के संरक्षण के संबंध में किये गए प्रयास

  • इस परियोजना से पहले भी मंत्रालय ने गुजरात में एशियाई शेर के संरक्षण हेतु कई प्रयास किये हैं, ऐसे ही एक कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार द्वारा 21 गंभीर रूप से लुप्तप्राय (critically endangered) प्रजातियों की सूची में एशियाई शेरों को शामिल किया गया है। साथ ही CSS-DWH के तहत वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है।
  • इस परियोजना के अंतर्गत देश में एक स्थिर और व्यावहारिक शेर आबादी सुनिश्चित करने के लिये आवासीय सुधार के उपायों, वैज्ञानिक हस्तक्षेप, रोग नियंत्रण और पशु चिकित्सा देखभाल तथा पर्याप्त पारिस्थितिकी विकास कार्यों पर विशेष रूप से विचार किया गया है।

स्रोत- पीआईबी (PIB)