आसियान के रक्षामंत्रियों की छठी बैठक | 19 Nov 2019

प्रीलिम्स के लिये-

ADMM Plus

मेन्स के लिये-

ASEAN

चर्चा में क्यों?

हाल ही में थाईलैंड की राजधानी बैंकाॅक में आसियान के रक्षामंत्रियों की छठी बैठक (ASEAN Defence Minister’s Meeting Plus- ADMM Plus) आयोजित की गई।

ADMM

प्रमुख बिंदु

  • ADMM Plus आसियान के सदस्य देशों के सुरक्षा सम्बन्धी रणनीतिक संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने के लिये उपयुक्त मंच प्रदान करता है।
  • इस वर्ष बैठक की थीम- स्थायी सुरक्षा (Sustainable Security) है।
  • बैठक में भारत द्वारा वर्ष 2025 तक ड्राफ्ट डिफेंस प्रोडक्शन पॉलिसी 2018 ’के तहत, रक्षा निर्यात का लक्ष्य 5 बिलियन डॉलर और रक्षा वस्तुओं एवं सेवाओं में 10 बिलियन डॉलर का निवेश निर्धारित किया गया है।
  • भारत ने म्याँमार के साथ मिलकर आसियान के लिये सैन्य चिकित्सा पर हैंडबुक (Handbook on Military medicine for ASEAN) भी जारी किया।

आसियान रक्षामंत्रियों की बैठक

(ASEAN Defence Ministers’ Meeting- ADMM)

  • 10वें आसियान शिखर सम्मेलन में ASEAN द्वारा सुरक्षा समुदाय योजना (ASEAN Security Community- Plan of Action) अपनाई गई, जिसके तहत वार्षिक ADMM के गठन की योजना बनाई गई।
  • ADMM की पहली बैठक 9 मई, 2006 को कुआलालंपुर में आयोजित की गई थी।
  • ASEAN के सभी सदस्य देश ADMM के सदस्य हैं।
  • इसका उद्देश्य ASEAN देशों में रक्षा के क्षेत्र में बातचीत और सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना है।

आसियान रक्षामंत्रियों की बैठक- प्लस

(ASEAN Defence Ministers’ Meeting Plus- ADMM Plus)

  • वर्ष 2007 में सिंगापुर में आयोजित ADMM की दूसरी बैठक में ADMM Plus के गठन की बात की गई।
  • ADMM-Plus में आसियान के सदस्य देशों के अलावा आठ वार्ता साझेदार (Dialogue partners) देशों को शामिल किया गया।
  • इसकी पहली बैठक वर्ष 2010 में हनोई (वियतनाम) में आयोजित की गई।
  • इस नए तंत्र के तहत रक्षा के क्षेत्र में सहयोग के पाँच क्षेत्रों- समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी, मानवीय सहायता और आपदा राहत, शांति व्यवस्था और सैन्य चिकित्सा पर सहमति व्यक्त की गई।
  • इन क्षेत्रों में सहयोग के लिये अलग से विशेषज्ञ कार्यदल (Expert’s Working Group-EWG) स्थापित किये गए।
  • वर्तमान समय में ADMM Plus में सदस्य देशो के अलावा ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूज़ीलैंड, दक्षिणी कोरिया , रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।

स्रोत- द हिंदू