कृषि विज्ञान केंद्रों की निरंतरता, सुदृढ़ीकरण और स्‍थापना को मंजूरी | 30 Mar 2018

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता वाली आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने 31 मार्च, 2017 तक स्‍थापित 669 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) एवं 11 कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्‍थानों (ATRIs) की वर्ष 2019–20 तक निरंतरता/सुदृढ़ीकरण संबंधी कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के प्रस्‍ताव को मंज़ूरी दे दी है।

  • इसके अतिरिक्त कृषि विश्‍वविद्यालयों के विस्‍तार, शिक्षा निदेशालयों (DEEs) और इस योजना से जुड़े सभी विशेष कार्यक्रमों को सहायता देने तथा 12वीं योजना में पहले ही स्वीकृत किये जा चुके 76 KVK की स्‍थापना करने संबंधी प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दे दी गई है।
  • कृषि विज्ञान केंद्र विभिन्‍न ज़िलों के कृषि क्षेत्र में ज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र के रूप में काम करेंगे और प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं किसानों के सशक्तीकरण के मॉडलों का निर्माण करेंगे जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने संबंधी भारत सरकार की पहल को आवश्‍यक सहायता सुनिश्चित होगी।

KVK योजना के ज़रिये निम्‍नलिखित विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी-

♦ नई विस्‍तार कार्य पद्धतियों एवं अवधारणाओं; पोषण-संवेदी कृषि संसाधनों एवं नवाचारों (NARI) पर एक नेटवर्क परियोजना।
♦ जनजातीय क्षेत्रों में ज्ञान प्रणालियों पर आधारित और वासभूमि कृषि प्रबंधन (KSHAMTA) शीर्षक वाले कार्यक्रम।
♦ कृषि में मूल्‍यवर्द्धन और प्रौद्योगिकी इन्‍क्‍यूबेशन केंद्र (Value Addition and Technology Incubation Centres in Agriculture-VATICA)। 
♦ कृषि नवाचार संसाधन प्रबंधन (Farm Innovation Resource Management-FIRM)। 
♦ कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र की स्‍थापना।
♦ वर्षा जल के संचयन, एकीकृत कृषि प्रणाली प्रोसेसिंग, मत्‍स्‍य बीज के उत्‍पादन, ICT आधारित सेवाओं, हरित कृषि और मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण के लिये भी सहायता दी जाएगी।

  • इसके अतिरिक्‍त दो महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों को मंज़ूरी दी गई जिनमें 52 केंद्रों में ‘फार्मर फर्स्‍ट’ और 100 ज़िलों के लिये ‘कृषि क्षेत्र की ओर युवाओं को आकर्षित करना एवं बनाए रखना’ (Attracting and Retaining Youth in Agriculture-ARYA) शामिल है।
  • ‘आर्य’ घटक को वर्तमान समय में KVK के जरिये 25 राज्‍यों में क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके तहत ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास के ज़रिये उद्यमिता गतिविधियाँ शुरू करने के लिये ICAR संस्‍थानों और कृषि विश्‍वविद्यालयों से प्राप्‍त तकनीकी साझेदारों के साथ प्रत्‍येक राज्य के एक ज़िले में इसे क्रियान्वित किया जा रहा है जिससे रोज़गारों का सृजन हो रहा है।

कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra-KVK) योजना

  • KVK राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (NARS) का एक अभिन्न हिस्सा है।
  • KVK योजना को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि शोध एवं शिक्षा विभाग (DARE) के तहत शत-प्रतिशत केंद्रीय वितपोषण के ज़रिये संचालित किया जा रहा है।
  • KVK की गतिविधियों में प्रौद्योगिकियों का खेतों में परीक्षण एवं प्रदर्शन करना, किसानों एवं विस्‍तार कर्मियों की क्षमता का विकास करना, कृषि प्रौद्योगिकियों के एक ज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र के रूप में कार्य करना और किसानों के हित वाले विभिन्‍न विषयों पर ICT तथा अन्‍य मीडिया साधनों का उपयोग कर कृषि परामर्श जारी करना शामिल है।
  • इसके अलावा KVK गुणवत्तापूर्ण प्रौद्योगिकी उत्‍पादों (बीज, रोपण सामग्री, बॉयो–एजेंट, पशुधन) का उत्‍पादन करते हैं एवं इन्‍हें किसानों को उपलब्‍ध कराते हैं, विस्‍तार गतिविधियाँ आयोजित करते हैं, चयनित कृषि नवाचारों की पहचान करने के साथ-साथ उनका प्रलेखन करते हैं और पहले से ही जारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के साथ सामंजस्‍य सुनिश्चित करते हैं।

KVKs की यूटिलिटी

  • KVK के ज़रिये विभिन योजनाओं के बीच सामंजस्‍य स्‍थापित करना आसान हो सकता है और ये कृषि सहयोग एवं किसान कल्‍याण विभाग, पशुपालन, डेयरी एवं मत्‍स्‍य पालन विभाग, खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय आदि की कृषि एवं ग्रामीण विकास पर केंद्रित विभिन स्‍कीमों के लिये प्रमुख एजेंसी के रूप में काम कर सकते हैं ताकि सूक्ष्‍म सिंचाई, एकीकृत पोषक तत्त्व प्रबंधन (INM), एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM), पशुधन प्रबंधन, प्रसंस्‍करण एवं मूल्‍यवर्द्धन और मोबाइल प्रौद्योगिकी के उपयोग, इत्‍यादि से जुड़े मसलों को सुलझाया जा सके।
  • ऐसी ही कुछ प्रमुख योजनाएँ निम्नलिखित हैं-

♦ मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना
♦ परंपरागत कृषि विकास योजना
♦ राष्‍ट्रीय कृषि विकास योजना
♦ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
♦ राष्‍ट्रीय गोकुल मिशन
♦ राष्‍ट्रीय पशुधन मिशन
♦ प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना

KVK के तहत उपलब्धियाँ  

  • 12वीं योजना के दौरान 97 दाल बीज केन्द्रों की स्‍थापना करना एवं दालों पर 1,11,150 प्रौद्योगिकी प्रदर्शन आयोजित करना (जिससे वर्ष 2016-17 में दालों का रिकॉर्ड उत्‍पादन संभव हो पाया)।
  • जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से कठिन माने जाने वाले विभिन्‍न क्षेत्रों में 151 जलवायु स्‍मार्ट गाँवों की स्‍थापना कर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना एवं इनमें कमी करने संबंधी रणनीतियाँ क्रियान्वित करना।
  • राज्‍य सरकारों द्वारा अपनाए जा रहे इच्छित नियुक्ति‍केंद्र का एक सफल मॉडल विकसित करना, विशेषकर सोयाबीन के रोपण (मध्‍य प्रदेश में 3 मिलियन हेक्‍टेयर) के लिये कृषि के संरक्षण एवं शून्‍य जुताई, ले़जर भूमि समतल सहित विभिन्न संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकियों को अपनाने में सुविधा प्रदान करना।
  • मृदा के स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में किसानों को शिक्षित करने और मृदा परीक्षण प्रक्रिया में कृषि विद्यार्थियों को शामिल करने के लिये KVK स्‍तर पर सामंजस्‍य प्‍लेटफॉर्म सृजित करना।
  • ‘मेरा गाँव-मेरा गौरव’ पहल के तहत अनुसंधान प्रणाली से 13,500 गाँवों को जोड़ना।
  • ‘कृषि में युवाओं को आकर्षित करना एवं बनाए रखना (आर्य)’ शीर्षक वाले कार्यक्रम के तहत आर्थिक उद्यम शुरू करने के लिये 4400 युवाओं को सशक्‍त बनाना।
  • ‘फार्मर फर्स्‍ट परियोजना’ के तहत सहभागितापूर्ण प्रौद्योगिकी अनुपालन प्रक्रिया में 20000 किसान परिवारों को जोड़ना शामिल है।
  • 100 KVK ने कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया है तथा कौशल विकास मंत्रालय के सहयोग से 154 और KVK को कौशल विकास से जोड़ा गया है।
  • KVK स्‍वदेशी ज्ञान और प्रथाओं को भी राष्‍ट्रीय मुख्‍य धारा में ला रहे हैं जिनमें राष्‍ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (NARS) के अनुसंधान कार्यक्रमों के तहत जनजातीय क्षेत्रों में उपलब्‍ध ज्ञान एवं प्रथाएँ भी शामिल हैं।
  • पिछली योजनावधि के दौरान विभिन्‍न कमज़ोरियों को दूर करने के लिये विशिष्‍ट खूबियों एवं क्षमताओं से युक्‍त 5500 जर्मप्‍लाज्‍म परिग्रहण की पहचान की गई और पौध किस्‍म एवं किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण में इनका पंजीकरण किया गया। इनका उपयोग नई किस्‍मों के विकास में किया जाएगा।
  • 564 KVK द्वारा हाल ही में आयोजित ‘संकल्‍प से सिद्धि’ कार्यक्रम में पांच लाख किसानों के साथ केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, राज्‍य सरकारों के मंत्रियों, विधायकों और बड़ी संख्‍या में सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भी शिरकत की थी।