जानवरों के अंगों का मानवों में प्रत्यारोपण संभव | 14 Aug 2017

चर्चा में क्यों ?
अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने एक महत्त्वपूर्ण सफलता अर्जित की है। हाल ही अमेरिकी चिकित्साविज्ञानियों का दावा है कि अब से इंसानों में सूअर के अंग आसानी से प्रत्यारोपित किये जा सकते हैं। इसे एक महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक घटनाक्रम इसलिये माना जा रहा है क्योंकि वर्षों तक इस दिशा में प्रयास करने के बावजूद वैज्ञानिकों को सफलता नहीं मिली थी।

संबंधित प्रक्रिया 

  • विदित हो कि वैज्ञानिकों ने जीन एडिटिंग टूल ‘क्रिस्पर (CRISPR ) की सहायता से सूअर (पिग) के डीएनए में मिलने वाला वह वायरस हटा दिया है जिसके चलते अभी तक उसके अंगों को इंसानों में प्रत्यारोपित करने में मुश्किल आ रही थी।
  • दरअसल, सूअर के डीएनए में पोरसिन इंडोजीनस रेट्रोवायरसेज़ (Porcine endogenous retroviruses- Pervs) पाए जाते हैं, जो मानव कोशिका के लिये खतरनाक माने जाते हैं।
  • अमेरिकी वैज्ञानिकों ने सबसे पहले सूअर में पर्व्स (Pervs) की मैपिंग की। फिर सूअर की उन कोशिकाओं का परीक्षण किया जो मानव कोशिका को संक्रमित करती हैं।
  • इसके बाद वैज्ञानिकों ने इन पर्व्स को 100% तक हटाने में कामयाबी हासिल की है। इससे सूअर के किडनी,  हॉर्ट और अन्य अंगों को इंसानों में प्रत्यारोपित किया जा सकता है।

क्यों इतना महत्त्वपूर्ण है यह अनुसन्धान ?

  • दरअसल, यह आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के लिये पिछले 20 साल की सबसे बड़ी कामयाबी है। इससे आने वाले समय में जानवरों के अंगों और उतकों को इंसानों में प्रत्यारोपित करने में सफलता मिलेगी।
  • साथ ही अंगों के लिये डोनर की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी। दुनिया में मेडिकल साइंस के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रत्यारोपण के लिये अंगों की उपलब्धता है। इसके चलते हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। इसलिये अमेरिकी वैज्ञानिकों की इस सफलता को काफी अहम माना जा रहा है।

निष्कर्ष

  • जानवरों के हार्ट, लिवर और किडनी को इंसानों में प्रत्यारोपित करने की कोशिशें वैज्ञानिक 1960 के दशक से कर रहे हैं, लेकिन यह कभी सफल नहीं हुआ था। 2015 में सूअर के अंगों को लंगूर में प्रत्यारोपित किया गया था लेकिन दो साल में ही उसकी मौत हो गई थी।
  • सूअर के हॉर्ट, किडनी और लिवर इंसान से काफी मिलते-जुलते हैं| वैज्ञानिकों ने अंग प्रत्यारोपित करने के लिये बाकी जानवरों की तुलना में सूअर को बेहतर विकल्प पाया, क्योंकि उसके किडनी और हार्ट का आकार इंसान की ही तरह होता है।
  • साथ ही उसमें बीमारियों का खतरा भी कम है। इनका विकास भी कम समय में हो जाता है और ये आसानी से उपलब्ध भी हैं। हालाँकि इस बारे में अभी और शोध की ज़रूरत है, लेकिन फिर भी यह आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की सबसे महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।