कंबोडिया का अंकोर शहर | 28 Feb 2019 | विश्व इतिहास
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जारी एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि खमेर (Khmer) साम्राज्य की प्राचीन राजधानी अंकोर का पतन अचानक नहीं हुआ था बल्कि इसका पतन क्रमिक क्षरण के कारण हुआ था।
इससे पहले कई पुरातत्त्वविदों और इतिहासकारों द्वारा यह कहा गया था कि 15वीं शताब्दी में अंकोर पतन का कारण, इस साम्राज्य पर अयुत्या (Ayutthaya) के थाई साम्राज्य द्वारा 1431 में किया गया आक्रमण था।
अंकोर शहर में यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल, अंकोर वाट भी स्थित है।
अंकोर दक्षिण-पूर्वी एशिया के सबसे महत्त्वपूर्ण पुरातात्त्विक स्थलों में से एक है।
वन क्षेत्र सहित लगभग 400 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में फैले हुए अंकोर पुरातत्त्व पार्क में 9वीं से 15वीं शताब्दी तक खमेर साम्राज्य की विभिन्न राजधानियों के विशाल अवशेष विद्यमान हैं।
इनमें विश्व प्रसिद्द अंकोर वाट मंदिर और अंकोर थॉम (Angkor Thom) में अनगिनत मूर्तियों की सजावट के साथ बेयोन मंदिर (Bayon Temple) शामिल है।
अंकोर वाट मंदिर
अंकोर वाट कंबोडिया में स्थित एक मंदिर परिसर है तथा यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक स्मारकों में से एक है।
इसकी स्थापना मूल रूप से खमेर साम्राज्य के लिये भगवान विष्णु को समर्पित एक हिंदू मंदिर के रूप में की गई थी, लेकिन धीरे-धीरे 12वीं शताब्दी के अंत तक इसे एक बौद्ध मंदिर में बदल दिया गया था।
12वीं शताब्दी की शुरुआत में खमेर राजा सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा खमेर साम्राज्य की राजधानी यशोधरपुर (वर्तमान में अंकोर), में इसका निर्माण उनके राज्य मंदिर और संभावित मकबरे के रूप में करवाया गया था।