एमनेस्टी इंटरनेशनल और दिल्ली के दंगे | 28 Aug 2020

प्रिलिम्स के लिये

एमनेस्टी इंटरनेशनल

मेन्स के लिये

मानवाधिकारों के संबंध में एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

चर्चा में क्यों?

मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने अपनी एक रिपोर्ट में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों के दौरान पुलिस द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के सभी आरोपों की स्वतंत्र जाँच करने की मांग की है।

प्रमुख बिंदु

  • 50 से अधिक वकीलों, दंगे से सुरक्षित बचे लोगों, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों का साक्षात्कार करने के पश्चात् एमनेस्टी इंटरनेशनल (AI) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हिंसा के दौरान कई घटनाओं में पुलिसकर्मियों का आचरण चिंता का विषय है।
    • रिपोर्ट के अनुसार, दंगों में सुरक्षित बचे कई लोगों ने दावा किया है कि 23 से 29 फरवरी के बीच दंगों के दौरान कई अवसरों पर पुलिस ने कॉल का कोई जवाब नहीं दिया।
  • वहीं दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि दिल्ली दंगों के सभी मामलों की जाँच पूरी तरह कानूनी और पेशेवर तरीके से की गई है। 
  • गौरतलब है कि इसी वर्ष 23 फरवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और उसके विरोधियों के बीच दंगे भड़क उठे और जल्द ही इन दंगों ने सांप्रदायिक रंग ले लिया। 
  • दिल्ली में हुए इन सांप्रदायिक दंगों ने एक बार पुनः देश में विभिन्न धर्मों के बीच गहराती जा रही खाई को उजागर किया था। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के केंद्रबिंदु में हुए इन दंगों में 50 से अधिक लोग मारे गए थे।
  • एमनेस्टी इंटरनेशनल (AI) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोई भी व्यक्ति कानून से अधिक नहीं है और खासकर वे लोग जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिये उत्तरदायी हैं।
  • ध्यातव्य है कि इतिहास में ऐसे बहुत कम अवसर दिखाई देते है जब सांप्रदायिक हिंसा के दौरान पुलिस अधिकारियों को उनकी भूमिका के लिये उत्तरदायी ठहराया गया हो।
    • वर्ष 1987 के हाशिमपुरा नरसंहार मामले में 31 वर्ष बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 अधिकारियों को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

एमनेस्टी इंटरनेशनल के बारे में

  • एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) लंदन स्थित एक गैर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 1961 में पीटर बेन्सन नामक एक ब्रिटिश वकील द्वारा की गई थी।
  • पीटर बेन्सन ने एक जनांदोलन के रूप में इसकी स्थापना मुख्य तौर पर दुनिया भर में उन कैदियों को रिहा कराने के उद्देश्य से की थी, जिन्हें अपनी राजनीतिक, धार्मिक, या अन्य धर्मनिरपेक्ष मान्यताओं की शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति के लिये कैद किया गया हो, भले ही उन्होंने न कभी हिंसा का इस्तेमाल किया और न ही इसकी वकालत की।
  • एमनेस्टी इंटरनेशनल (AI) का लक्ष्य एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना है जहाँ प्रत्येक व्यक्ति मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संबंधी दस्तावेज़ों में निर्धारित अधिकारों का उपयोग कर सके।
    • मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज़ है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर, 1948 को पेरिस में अपनाया गया था और इसी दस्तावेज़ के माध्यम से पहली बार मानवधिकारों को सुरक्षित करने का प्रयास किया गया था।
  • यह संगठन मुख्य तौर पर मानवाधिकार के विषय पर अनुसंधान करता है, मानव अधिकारों के गंभीर दुरुपयोग को रोकने के लिये कार्रवाई करता है और उन लोगों के लिये न्याय की मांग करता है जिनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया है।
  • इसे वर्ष 1977 में ‘अत्याचारों के विरुद्ध मानवीय गरिमा की रक्षा करने’ के लिये नोबेल शांति पुरस्कार से और वर्ष 1978 में मानव अधिकारों के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया, एमनेस्टी इंटरनेशनल (AI) द्वारा शुरू किये गए मानवाधिकार आंदोलन का हिस्सा है, जिसका पंजीकृत कार्यालय कर्नाटक के बंगलूरू में स्थिति है।

स्रोत: द हिंदू