बीमा लोकपाल नियमों में संशोधन, 2017 | 06 Mar 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार ने बीमा लोकपाल नियम (Insurance Ombudsman Rules), 2017 में संशोधन किया है। इस संशोधन के माध्यम से बीमा लोकपाल के दायरे में बीमा दलालों को लाया गया है और पॉलिसीधारकों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की भी अनुमति दी गई है।

प्रमुख बिंदु

संशोधित बीमा लोकपाल नियम के विषय में: 

  • शिकायतों का दायरा बढ़ाया गया: संशोधित नियमों द्वारा बीमाकर्त्ताओं, एजेंटों, दलालों आदि को भी कवर किया जाएगा।
  • प्रस्तावित आईसीटी सक्षम शिकायत निवारण:
    • यह इलेक्ट्रॉनिक रूप से शिकायत करने में सक्षम बनाता है।
    • पॉलिसीधारक द्वारा अपनी शिकायत की स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक करने हेतु  शिकायत प्रबंधन प्रणाली का उपबंध है।
    • सुनवाई के लिये वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा।
  • यह संशोधन तंत्र की समयबद्धता और लागत-प्रभावशीलता को मज़बूत करेगा।

लोकपाल को सशक्त बनाना:

  • लोकपाल की चयन प्रक्रिया की स्वतंत्रता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिये कई संशोधन किये गए हैं, साथ ही लोकपाल के रूप में सेवा करने हेतु नियुक्त व्यक्तियों की स्वतंत्रता तथा निष्पक्षता को सुरक्षित करने के लिये सुरक्षा उपाय किये गए हैं।
  • चयन समिति अब बीमा क्षेत्र में उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने के ट्रैक रिकॉर्ड वाले एक व्यक्ति को शामिल करेगी।

बीमा लोकपाल

बीमा लोकपाल के विषय में: 

  • केंद्र सरकार द्वारा बीमा लोकपाल (Insurance Ombudsman) की स्थापना बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम (Insurance Regulatory and Development Authority Act), 1999 तथा  लोक शिकायत निवारण नियम (Redressal of Public Grievances Rules), 1998 के अंतर्गत की गई।
  • इसकी शक्तियाँ, कार्य, कार्यालय की शर्तें आदि बीमा लोकपाल नियम, 2017 द्वारा निर्धारित किये गए थे।

अहर्ता:

  • लोकपाल को बीमा उद्योग, सिविल सेवा, प्रशासनिक सेवा या न्यायिक सेवा का अनुभव रखने वाले व्यक्तियों में से चुना जाएगा।  

चयन:

  • लोकपाल का चयन एक चयन समिति द्वारा किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
    • बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) का अध्यक्ष, जिसे  चयन समिति का भी अध्यक्ष चुना जाएगा।
    • जीवन बीमा परिषद (Life Insurance Council) और बीमा कंपनियों के कार्यकारी परिषद के सामान्य बीमा परिषद से एक-एक प्रतिनिधि।
    • भारत सरकार का एक प्रतिनिधि जिसको संयुक्त सचिव पद से नीचे का नहीं होना चाहिये।

कार्यालय की अवधि:

  • इसका कार्यकाल तीन साल और अधिकतम 70 वर्ष की आयु तक होगा, इसकी पुनर्नियुक्ति की जा सकती है।

कर्तव्य और कार्य:

  • मध्यस्थता और परामर्श: लोकपाल उन मामलों में परामर्शदाता और मध्यस्थ के रूप में कार्य करेगा जहाँ विवादों में मध्यस्थता के लिये संबंधित पक्षों ने लिखित सहमति व्यक्त की हो।
  • शिकायत निवारण: IRDA किसी भी समय बीमा से संबंधित किसी भी शिकायत या विवाद का उल्लेख बीमा लोकपाल से कर सकता है।

स्रोत: द हिंदू