ग्रीनपीस इंडिया की वायु प्रदूषण संबंधी रिपोर्ट | 23 Jan 2020

प्रीलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम

मेन्स के लिये:

ग्रीनपीस द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के संबंध में जारी रिपोर्ट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ग्रीनपीस इंडिया द्वारा जारी एयरपोकैलिप्स रिपोर्ट (Airpocalypse Report) के अनुसार 231 भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण का उच्च स्तर बरकरार है।

मुख्य बिंदु:

  • नेशनल एम्बियेंट एयर क्वॉलिटी मॉनीटरिंग प्रोग्राम (National Ambient Air Quality Monitoring Programme- NAMP) में शामिल 287 भारतीय शहरों में से 231 शहरों में वायु प्रदूषण का उच्च स्तर बरकरार है।
  • इन शहरों में पीएम-10 की मात्रा तय राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कहीं ज़्यादा दर्ज की गई।
  • इस रिपोर्ट को 287 शहरों के 52 दिनों से अधिक के आँकड़ों के आधार पर तैयार किया गया।

रिपोर्ट से संबंधित मुख्य बिंदु:

झरिया सबसे प्रदूषित शहर:

  • इस रिपोर्ट के अनुसार, कोयला खदानों के लिये मशहूर झारखंड का झरिया सबसे प्रदूषित शहर है।
  • वर्ष 2018 में झरिया में PM-10 (Particulate Matter-10) का वार्षिक औसत स्तर 322 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया।

दिल्ली की स्थिति:

  • पिछले 2 वर्षों की तुलना में दिल्ली के वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार हुआ है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली भारत का 10वाँ सबसे प्रदूषित शहर है।
  • हालाँकि यहाँ पीएम-10 की मात्रा अब भी तय राष्ट्रीय मानक से साढ़े तीन गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization- WHO) के मानकों से 11 गुना अधिक है।

सबसे कम वायु प्रदूषण वाला शहर:

  • इस रिपोर्ट के अनुसार, मिज़ोरम के लुंगलेई (Lunglei) में सबसे कम वायु प्रदूषण पाया गया।
  • लुंगलेई में पीएम-10 का वार्षिक औसत स्तर 11 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया।

दस सर्वाधिक प्रदूषित शहर:

शहर

पीएम-10 का वार्षिक औसत स्तर- वर्ष 2018 के आधार पर
(माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में)

झरिया (झारखंड) 322
धनबाद (झारखंड) 264
नोएडा (उत्तर प्रदेश) 264
गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश) 245
अहमदाबाद (गुजरात) 236
बरेली (उत्तर प्रदेश) 233
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) 231
मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) 227
फिरोज़ाबाद (उत्तर प्रदेश) 226
दिल्ली 225
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में छह उत्तर प्रदेश के हैं।
  • गैर-सरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया की इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाज़ियाबाद, बरेली, प्रयागराज, मुरादाबाद और फिरोज़ाबाद की वायु सर्वाधिक प्रदूषित है।

अन्य बिंदु:

  • रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में कई ऐसे शहर हैं, जहाँ पीएम-10 का स्तर राष्ट्रीय मानक से अधिक है। इसके बावजूद उन्हें राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनाया गया है।
  • जनवरी 2019 में शुरू किये गए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत चयनित 122 शहरों में से अभी महज 102 शहर इस कार्यक्रम से जुड़ पाए हैं।

प्रदूषण निगरानी कार्यक्रम में शामिल 80 फीसदी से ज़्यादा भारतीय शहरों में पीएम-10 की मात्रा तय मानकों से अधिक है। इन शहरों को राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम में शामिल किये बगैर वायु प्रदूषण पर काबू पाना संभव नहीं होगा।

स्रोत- डाउन टू अर्थ