एजेंट ऑरेंज | 02 May 2025
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
30 अप्रैल 2025 को वियतनाम युद्ध (1954-75) अंत के 50 वर्ष पूरे हुए। युद्ध अंत के पश्चात् भी वियतनाम के असंख्य लाख अभी भी एजेंट ऑरेंज के चिरकालिक प्रभावों से पीड़ित हैं, जो युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा उपयोग में लाया गया एक विषैला रसायन है।
- एजेंट ऑरेंज: यह शाकनाशियों (Herbicides) का मिश्रण है जिसका उपयोग वृक्षों और झाड़ियों को पत्र रहित करने के लिये किया जाता है, जिससे दुश्मन सैनिकों को छिपने की जगह नहीं मिलती।
- यह दो शाकनाशियों (2,4-D और 2,4,5-T) को मिलाकर बनाया गया था, जिसमें अत्यधिक विषैले संदूषक डाइऑक्सिन का मिश्रण था।
- मानव शरीर में डाइऑक्सिन का अर्द्ध-आयु काल 20 वर्ष तक होता है तथा मृदा और जल में यह 100 वर्षों तक बना रह सकता है, जिससे दीर्घकालिक संदूषण होता है।
- रेडियोधर्मिता में, अर्द्ध-आयु वह काल है जो किसी रेडियोधर्मी प्रतिदर्श के आधे परमाणुओं के क्षय में लगता है।
प्रभाव:
- स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे- जन्मदोष, कैंसर, मधुमेह और तंत्रिकीय विकार।
- जिन क्षेत्रों पर इस रसायन का छिड़काव किया गया वे वर्षों तक कृषि के लिये अनुपयुक्त रहे, जिससे वन्य जीवन, मृदा गुणवत्ता को गंभीर नुकसान पहुँचा, तथा आजीविका में बाधा उत्पन्न हुई, तथा पारिस्थितिकी तंत्र पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा।
- वियतनाम युद्ध: यह हो ची मिन्ह के नेतृत्व वाली साम्यवादी उत्तरी वियतनाम (साइगॉन) और अमेरिका द्वारा समर्थित दक्षिण वियतनाम सरकार के बीच संघर्ष था।
- यह अमेरिका और सोवियत संघ के बीच व्यापक शीत युद्ध का हिस्सा था, जिसमें उत्तरी वियतनाम को साम्यवादी सहयोगियों (सोवियत संघ और चीन) का समर्थन प्राप्त था।
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