एडिप योजना | 17 Jun 2020

प्रीलिम्स के लिये:

ADIP Scheme, ALIMCO

मेन्स के लिये:

केंद्र एवं राज्यों द्वारा अति संवेदनशील वर्गों के लिये चलाई गईं कल्याणकारी योजनाएँ, निकाय, क्रियान्वयन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice & Empowerment) द्वारा पंजाब के फिरोजपुर में एडिप योजना (ADIP Scheme) के तहत पहली बार वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से दिव्यांगजनों को सहायक यंत्रों व उपकरणों का वितरण किया गया है।

प्रमुख बिंदु: 

  • योजना की शुरुआत- 
    • सहायक यंत्रों/उपकरणों की खरीद/फिटिंग के लिये विकलांग व्‍यक्तियों को सहायता योजना-एपिड (Assistance to Disabled persons for purchasing/fitting of aids/appliances scheme- ADIP) की शुरुआत सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा की गई थी तथा इसे 1 अप्रैल, 2017 से लागू किया गया था।
  • योजना के उद्देश्य-
    • इस योजना `का उद्देश्य विकलांगों के टिकाऊ, परिष्कृत और वैज्ञानिक रूप से निर्मित, आधुनिक, मानक सहायता और उपकरणों को खरीदने में ज़रूरतमंद दिव्यांगजनों की सहायता करना है। 
    • इससे दिव्यांगजनों की दिव्यांगता के प्रभाव को कम करने के साथ- साथ उनकी समाजिक और शारीरिक क्षमता को बढ़ाकर उनका आर्थिक विकास किया जा सकता है।
  • कार्यान्वयन एजेंसी- 
    • इस योजना का कार्यान्वयन गैर-सरकारी संघटनों (NGOs), सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय संस्थानों तथा भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम- एलिम्को (ALIMCO) जैसी एजेंसियों के माध्यम से किया जाता है।

ALIMCO: 

  • एलिम्को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन एक गैर लाभकारी  निगम है। 
  • इसकी स्थापना दिव्यांगजनों के लाभ के लिये पुनर्वास साधन और कृत्रिम अंग घटकों के निर्माण और आपूर्ति के लिये वर्ष 1972 में की गई थी तथा वर्ष 1976 में उत्पादन शुरु किया गया था।
  • लाभार्थियों की पात्रता: 
    • ADIP योजना के अंतर्गत निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करने वाले दिव्यांगजन सहायता के पात्र होंगे-
      • वह किसी उम्र का भारतीय नागरिक हो।
      • उसके पास 40 प्रतिशत या अधिक का दिव्यांगता प्रमाण पत्र हो।
      • मासिक आय 20000 रुपए से अधिक न हो।
      • आश्रितों के मामले में, माता-पिता / अभिभावकों की आय 20,000 रुपये प्रति माह से अधिक नहीं होनी चाहिए।
      • इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जिन्हें पिछले 3 वर्षों के दौरान सरकार, स्थानीय निकायों और गैर-सरकारी संगठनों से इस तरह की कोई सहायता प्राप्त नहीं हुई है। हालांकि, 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये यह सीमा 1 वर्ष होगी।

योजना का महत्त्व:

  • जनगणना 2011 के अनुसार, भारत में लगभग 2.68 करोड़ व्यक्ति दिव्यांग हैं इसके अलावा 14 वर्ष से कम आयु के लगभग 3 प्रतिशत बच्चों का विकास देरी से होता है। 
  • इनमें से अनेक बच्चे मानसिक मंदता (Intellectual Disability) और प्रमस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral Palsy) से पीड़ित हैं जिन्हें स्वयं की देखभाल तथा स्वतंत्र जीवन व्यतीत करने के लिये सहायक यंत्रों/उपकरणों की आवश्यकता होती है।
  • यह योजना दिव्यांगजनों को न्यूनतम लागत पर सहायक यंत्र और उपकरण प्रदान करके उनका सामाजिक, आर्थिक विकास तथा व्यावसायिक पुनर्वास करने में सहायक सिद्ध होगी।

स्रोत: PIB