राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों को संबोधन | 21 Jun 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ही लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ तथा 17वीं लोकसभा का गठन किया गया अतः राष्ट्रपति ने अपनी विधायी शक्तियों के अंतर्गत इस संयुक्त सत्र को संबोधित किया है।

संबोधन के प्रमुख बिंदु

  • अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने सरकार के लक्ष्यों एवं कार्यों पर प्रकाश डाला।
  • महिलाओं से संबंधित मुद्दों जैसे तीन तलाक, निकाह हलाला पर भी गंभीरता से चर्चा की।
  • इस लोकसभा में लगभग आधे सांसद पहली बार निर्वाचित हुए हैं जिसमें 78 महिलाएँ है जो भारत की नई तस्वीर को प्रस्तुत करता है।
  • नई सरकार के आने वाले पाँच सालों की संकल्पना ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के साथ नए भारत के निर्माण की विस्तृत रूपरेखा भी प्रस्तुत की।
  • सरकार की प्राथमिकता ‘एक राष्ट्र, एक साथ चुनाव’ (One Nation, One Election) को समय की मांग बताते हुए सभी सांसदों को देश के विकासोन्मुख प्रस्ताव पर गंभीरतापूर्वक विचार करने को कहा।
  • विगत वर्षों में दुनिया भर में भारत की एक अच्छी छवि बनी है, वर्ष 2022 में होने वाले G-20 शिखर सम्मलेन की मेजबानी भारत द्वारा की जायेगी जिसकी सर्वोच्च प्राथमिकता आतंकवाद के खिलाफ विश्व का एकजुट करना और राष्ट्रीय सुरक्षा है।
  • पहली बार सरकार द्वारा छोटे दुकानदारों के लिये पेंशन योजना लाई गई है।
  • जल संरक्षण के लिये आंदोलन, लंबित सिंचाई योजनाओं को पूरा किया जाना तथा कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिये आगामी वर्षों में 25 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा।
  • नई औद्योगिक नीति के तहत ‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ में शीर्ष 50 देशों की सूची में आना सरकार का लक्ष्य है।
  • गंगा नदी के साथ-साथ अन्य नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने पर विशेष बल दिया जाएगा।

भारतीय संविधान, अनुच्छेद 87

  • संविधान के अनुच्छेद 87 में दिये गए प्रावधान के अनुसार राष्ट्रपति विधायी शक्तियों के अंतर्गत दो बार संसद के दोनों सदनों को संबोधित करता है- प्रत्येक नए चुनाव के बाद तथा प्रत्येक वर्ष संसद के प्रथम अधिवेशन को।
  • इसके अंतर्गत राष्ट्रपति के विशेष अभिभाषण में सरकार की आगे की नीतियों, प्राथमिकताओं और योजनाओं का उल्लेख किया जाता है।

स्रोत- PIB