सुगम्य भारत अभियान | 16 Dec 2019

प्रीलिम्स के लिये:

सुगम्य भारत अभियान, संबंधित मंत्रालय तथा विभाग, इंचियोन कार्यनीति, विकलांग व्यक्ति अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन

मेन्स के लिये:

सुगम्य भारत अभियान के घटक, लक्ष्य तथा इस प्रकार के अभियानों का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

सुगम्य भारत अभियान (Accessible India Campaign) की धीमी प्रगति के कारण सरकार ने इसकी समय सीमा मार्च 2020 तक बढ़ा दी है।

अभियान के बारे में

  • सुगम्य भारत अभियान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग (Department of Empowerment of Person with Disability) का राष्ट्रव्यापी महत्त्वपूर्ण अभियान है।
  • इस अभियान की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 3 दिसंबर, 2015 को विकलांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर की गई थी।
  • यह अभियान विकलांगता के सामाजिक मॉडल के इस सिद्धांत पर आधारित है कि किसी व्‍यक्ति की सीमाओं और अक्षमताओं के कारण नहीं बल्कि सामाजिक व्‍यवस्‍था के तरीके के कारण विकलांगता है।

उद्देश्य

  • इस अभियान का उद्देश्‍य देशभर में दिव्‍यांगजनों के लिये बाधा रहित और सुखद/अनुकूल वातावरण तैयार करना है।

Accessible India Campain

विज़न/दृष्टिकोण:

  • अभियान का दृष्टिकोण एक समावेषी समाज की परिकल्पना है जिसमें दिव्‍यांग व्‍यक्तियों की प्रगति और विकास के लिए समान अवसर उपलब्‍ध हों ताकि वे उत्‍पादक, सु‍रक्षित और सम्‍मानजनक जीवन जी सकें।

सुगम्य भारत अभियान घटक

  • भौतिक वातावरण में सुगम्यता को बढ़ाना।
  • सार्वजनिक परिवहन की सुगम्यता तथा उपयोग में बढ़ोत्तरी।
  • सूचना तथा संचार सेवाओं की सुगम्यता और उपयोग में बढ़ोत्तरी।

घटकों के आधार पर निर्धारित लक्ष्य

लक्ष्य 1 : सरकारी भवनों में सुगम्यता अनुपात में वृद्धि

  • एक सुगम्य सरकारी भवन वह होता है जहाँ एक विकलांग व्यक्ति बिना किसी बाधा के इसमें प्रवेश कर सके और इसमें उपलब्ध सुविधाओं का इस्तेमाल कर सके। इसमें निम्नलिखित निर्मित वातावरण शामिल हैं- सेवाएँ, सीढि़याँ तथा रैंप्स, प्रवेश द्वार, आकस्मिक निकास, पार्किंग के साथ-साथ लाईटिंग, साईनेजिस, अलार्म सिस्टम तथा प्रसाधन जैसी आंतरिक तथा बाह्य सुविधाएँ।

लक्ष्य 2: हवाई अडडो के सुगम्यता अनुपात में वृद्धि

  • किसी एयरपोर्ट को तभी सुगम्य माना जाता है जब कोई भी विकलांग व्यक्ति इसमें बिना किसी बाधा के प्रवेश कर सके और इसकी सभी सुविधाओं एवं' बोर्डिंग तथा जहाज़ से उतरने जैसी सभी सुविधाओं का प्रयोग कर सके।

लक्ष्य 3: रेलवे स्टेशनों के सुगम्यता अनुपात में वृद्धि।

लक्ष्य 4: सार्वजनिक परिवहन के सुगम्यता अनुपात में वृद्धि।

लक्ष्य 5: सुगम्य और प्रयोग योग्य सार्वजनिक दस्तावेज़ और वेबसाइट जो अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सुगम्यता मानकों को पूरा करती हैं की सुगम्यता अनुपात में वृद्धि।

लक्ष्य 6ः संकेत भाषा द्विभाषियों के पूल को बढ़ाना।

लक्ष्य 7ः सार्वजनिक टेलिविजन समाचार कार्यक्रमों की दैनिक कैप्शनिंग और सांकेतिक भाषा व्याख्या के अनुपात को बढ़ाना।

दिव्यांगों के अधिकारों का संरक्षण:

  • विकलांगजन (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की धारा 44, 45 एवं 46 के अंतर्गत क्रमश: परिवहन, सड़क और निर्मित वातावरण में स्पष्ट तौर पर गैर-भेदभाव का प्रावधान किया गया है।
    • ध्यातव्य है कि विकलांग व्यक्तियों का अधिकार अधिनियम, 2016 ; विकलांग व्यक्ति अधिनियम,1995 का संशोधित रूप है।
  • भारत, विकलांग व्यक्ति अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UN Convention on the Rights of Persons with Disabilities-UNCRPD) का एक हस्ताक्षरकर्त्ता देश है। UNCRPD का अनुच्छेद 9, सभी हस्ताक्षकर्त्ता सरकारों को विकलांग व्यक्तियों को अन्य व्यक्तियों की तरह ही समान आधार पर, भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना तथा संचार में समुचित उपाय सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपता है। ये उपाय जिनमें, सुगम्यता हेतु, अवरोधों और बाधाओं की पहचान एवं उन्मूलन शामिल हैं, अन्य बातों के साथ-साथ निम्न पर लागू होंगे-
  1. स्कूलों, आवासों, चिकित्सा सुविधाओं तथा कार्य स्थलों सहित, भवनों, सड़कों, परिवहन और अन्य आंतरिक तथा बाहरी सुविधाएँ।
  2. इलेक्ट्रॉनिक्स सेवाओं तथा आकस्मिक सेवाओं सहित, सूचना, संचार तथा अन्य सेवाएँ।

UNCRPD द्वारा सभी सरकारों को निम्न समुचित उपाय करने का अधिदेश भी प्रदान किया गया है:

  • सार्वजनिक रुप से उपलब्ध सेवाएँ को प्रदान करने के लिए सुविधाओं तक पहुँच हेतु, न्यूनतम मानक दिशा निर्देशों के कार्यान्वयन को विकसित, प्रचारित और मॉनिटर करना।
  • निजी संगठन जो सार्वजनिक रुप से सुविधाएँ तथा सेवाएँ प्रदान कराते हैं, विकलांग व्यक्तियों हेतु सुगम्यता के सभी पहलुओं को सुनिश्चित करवाना।
  • दिव्यांगजनों के समक्ष आने वाले सुगम्यता संबंधी मुद्दों पर स्टेकहोल्डर्स को प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • भवनों में, सार्वजनिक रुप से उपलब्ध सुविधाओं को दिव्यांग्जनों के अनुकूल बनाना तथा ऐसे संकेतक उपलब्ध कराना जिन्हें पढ़ने और समझने में आसानी हो।
  • भवनों में सुगम्यता और सार्वजनिक रुप से उपलब्ध अन्य सुविधाओं को सुसाधक बनाने के लिये, दिशा-निर्देश, रीडर्स तथा पेशेवर सांकेतिक भाषा दुभाषियों सहित, प्रत्यक्ष और मध्यवर्ती प्रकार की सहायता उपलब्ध कराना।
  • सहायता के अन्य समुचित प्रकारों का संवर्द्धन और विकलांग व्यक्तियों को सूचना तक पहुँच सुनिश्चित कराने में सहायता प्रदान करना।
  • इंटरनेट सहित, विकलांग व्यक्तियों को नई जानकारी तथा संचार प्रौद्योगिकियों और प्रणाली तक पहुँच का संवर्द्धन करना।

इंचियोन कार्यनीति (Incheon Strategy):

  • भारत सरकार ने रिपब्लिक ऑफ कोरिया सरकार द्वारा आयोजित उच्च स्तरीय अंतर-सरकारी बैठक में मंत्रालयी उद्घोषणा और एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र में विकलांग व्यक्तियों हेतु ‘‘अधिकारों को साकार करना’’ (Make the Right Real) हेतु इंचियोन कार्यनीति को अपनाया है।
  • इंचियोन कार्यनीति में एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र और विश्व में क्षेत्रीय आधार पर सहमत समावेशी विकास लक्ष्यों का प्रावधान है।
  • कार्यनीति में 10 उद्देश्य 27 लक्ष्य और 62 संकेतक निहित हैं।

इस प्रकार के अभियान की आवश्यकता:

  • शारीरिक, सामाजिक, संरचनात्‍मक और व्‍यवहार संबंधी बाधाएँ सामाजिक, सांस्‍कृतिक और आ‍र्थिक गतिविधियों में दिव्‍यांगजनों को समान रूप से भागीदारी करने से रोकती हैं। बाधारहित वातावरण के निर्माण से दिव्‍यांगजनों के लिये सभी गतिविधियों में समान प्रतिभागिता की सुविधा होगी और इससे स्‍वतंत्र और सम्‍मानजनक तरीके से जीवन जीने के लिये उन्‍हें प्रोत्‍साहन मिलेगा।

स्रोत: द हिंदू