उड़ान योजना के 5 वर्ष | 20 Aug 2022

प्रिलिम्स के लिये:

उड़ान योजना, नागरिक उड्डयन

मेन्स के लिये:

उड़ान योजना, सरकार की नीतियाँ और हस्तक्षेप

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नागर विमानन मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) ने अपनी सफलता  के 5 वर्ष पूरे कर लिये हैं। 27 अप्रैल, 2017 को प्रधानमंत्री ने इसकी पहली उड़ान शुरू की थी।

उड़ान योजना:

  • परिचय:
    • उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना को वर्ष 2016 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (आरसीएस) के रूप में शुरू किया गया था।
    • इसे राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति (एनसीएपी)-2016 की समीक्षा के आधार पर तैयार किया गया था और इसे 10 वर्षों की अवधि के लिये लागू रखने की योजना थी।
      • इस योजना के तहत आरसीएफ बनाया गया था, जो कुछ घरेलू उड़ानों पर लेवी के माध्यम से योजना की वीजीएफ आवश्यकताओं को पूरा करता है।
        • वीजीएफ का अर्थ है एकमुश्त या आस्थगित अनुदान, जो कि आर्थिक रूप से उचित लेकिन वित्तीय व्यवहार्यता से कम होने वाली बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का समर्थन करने के लिये प्रदान किया जाता है।
  • उद्देश्य:
    • क्षेत्रीय विमानन बाज़ार का विकास करना।
    • छोटे शहरों में भी आम आदमी को क्षेत्रीय मार्गों पर किफायती, आर्थिक रूप से व्यवहार्य और लाभदायक हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करना।
  • विशेषताएँ:
    • इस योजना में मौजूदा हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों के पुनरुद्धार के माध्यम से देश के असेवित तथा कम सेवा वाले हवाई अड्डों को कनेक्टिविटी प्रदान करने की परिकल्पना की गई है।
      • कम सेवा वाले हवाई अड्डे वे होते हैं जिनमें एक दिन में एक से अधिक उड़ानें नहीं होती हैं, जबकि अनारक्षित हवाई अड्डे वे होते हैं जहाँ कोई परिचालन नहीं होता है।
    • केंद्र, राज्य सरकारों और हवाई अड्डा संचालकों की ओर से चयनित एयरलाइंस को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है ताकि असेवित तथा कम सेवा वाले हवाई अड्डों से संचालन को प्रोत्साहित किया जा सके एवं हवाई किराए को किफायती रखा जा सके।
  • अब तक की उपलब्धियाँ:
    • वर्ष 2014 में 74 परिचालन हवाईअड्डे थे जो अब तक बढ़कर 141 हो गए हैं।
    • उड़ान योजना के तहत 58 हवाईअड्डे, 8 हेलीपोर्ट और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित 68 अंडरसर्व्ड/असेवित गंतव्यों को जोड़ा गया है।
    • उड़ान ने 425 नए मार्गों की शुरुआत के साथ देश भर में 29 से अधिक राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को हवाई संपर्क प्रदान किया है।
    • 4 अगस्त, 2022 तक एक करोड़ से अधिक यात्रियों ने इस योजना का लाभ उठाया है।
  • लक्ष्य:
    • उड़ान के तहत 220 गंतव्यों (हवाई अड्डे/हेलीपोर्ट/वाटर एयरोड्रोम) को वर्ष 2026 तक 1000 मार्गों के साथ पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि देश में असंबद्ध गंतव्यों के लिये हवाई संपर्क प्रदान किया जा सके।
      • उड़ान के तहत, 156 हवाई अड्डों को जोड़ने के लिये 954 मार्ग पहले ही आवंटित किये जा चुके हैं।
  • पुरस्कार और पहचान:

उड़ान योजना का प्रदर्शन

  • उड़ान 1.0
    • इस चरण के तहत 5 एयरलाइन कंपनियों को 70 हवाई अड्डों (36 नए बनाए गए परिचालन हवाई अड्डों सहित) के लिये 128 उड़ान मार्ग प्रदान किये गए।
  • उड़ान 2.0
    • वर्ष 2018 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 73 ऐसे हवाई अड्डों की घोषणा की, जहाँ कोई सेवा नहीं प्रदान की गई थी या उनके द्वारा की गई सेवा बहुत कम थी।
    • उड़ान योजना के दूसरे चरण के तहत पहली बार हेलीपैड भी योजना से जोड़े गए थे।
  • उड़ान 3.0
    • पर्यटन मंत्रालय के समन्वय से उड़ान 3.0 के तहत पर्यटन मार्गों का समावेश।
    • जलीय हवाई-अड्डे को जोड़ने के लिये जल विमान का समावेश।
    • उड़ान के दायरे में पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई मार्गों को लाना।
  • उड़ान 4.0
    • वर्ष 2020 में देश के दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (उड़ान) के चौथे संस्करण के तहत 78 नए मार्गों के लिये मंज़ूरी दी गई थी
    • लक्षद्वीप के मिनिकॉय, कवरत्ती और अगत्ती द्वीपों को उड़ान 4.0 के तहत नए मार्गों से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
  • उड़ान 4.1
    • उड़ान 4.1 मुख्यतः छोटे हवाई अड्डों, विशेष तौर पर हेलीकॉप्टर और सी-प्लेन मार्गों को जोड़ने पर केंद्रित है।
    • सागरमाला विमान सेवा के तहत कुछ नए मार्ग प्रस्तावित किये गए हैं।
      • सागरमाला सी-प्लेन सेवा संभावित एयरलाइन ऑपरेटरों के साथ पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे अक्तूबर 2020 में शुरू किया गया था।
  • उड़ान 5.0
    • 21 अक्तूबर, उड़ान दिवस से पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ान योजना के तहत उत्तर-पूर्वी भारत की हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार करते हुए 6 मार्गों को हरी झंडी दिखाई।
  • लाइफलाइन उड़ान:
    • इसे महामारी के दौरान मेडिकल कार्गो के परिवहन के लिये लॉन्च किया गया था।
    • यह मार्च 2020 में COVID-19 अवधि के दौरान शुरू हुआ और इसने देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 1000 टन भारी माल और आवश्यक चिकित्सा सेवाओं के परिवहन के लिये 588 उड़ानों को संचालित करने में मदद की।
  • कृषि उड़ान:
    • इसे विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) और आदिवासी ज़िलों में कृषि उत्पादों के मूल्य प्राप्ति के लिये लॉन्च किया गया था
  • अंतर्राष्ट्रीय उड़ान:
    • अंतर्राष्ट्रीय उड़ान के तहत भारत के छोटे शहरों को पड़ोस के कुछ प्रमुख विदेशी गंतव्यों से सीधे जोड़ने की योजना है।

आगे की राह:

  • एयरलाइंस ने इस योजना का रणनीतिक रूप से भीड़भाड़ वाले टियर-1 हवाई अड्डों पर अतिरिक्त स्लॉट हासिल करने, मार्गों पर एकाधिकार की स्थिति और कम परिचालन लागत प्राप्त करने की दिशा में लाभ उठाया है।
    • इस प्रकार, हितधारकों को उड़ान योजना को टिकाऊ बनाने और इसकी दक्षता में सुधार करने की दिशा में काम करना चाहिये ।
  • एयरलाइंस को इसके मार्केटिंग पहल करनी चाहिये ताकि अधिक से अधिक लोग उड़ान योजना का लाभ उठा सकें।
  • देश भर में योजना के सफल कार्यान्वयन के लिये मज़बूत बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):

मेन्स

Q. सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत संयुक्त उद्यमों के माध्यम से भारत में हवाई अड्डों के विकास की जाँच करें। इस संबंध में अधिकारियों के सामने क्या चुनौतियाँ हैं? (2017)

Q.अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन कानून सभी देशों को उनके हवाई क्षेत्र पर पूर्ण और अनन्य संप्रभुता प्रदान करते हैं। 'हवाई क्षेत्र' से आप क्या समझते हैं? इस हवाई क्षेत्र के ऊपर अंतरिक्ष पर इन कानूनों के क्या प्रभाव हैं? इससे उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा करें और खतरे को नियंत्रित करने के उपाय सुझाएँ। (2014)

स्रोत: पी.आई.बी.