GST परिषद की 45वीं बैठक | 22 Sep 2021

प्रिलिम्स के लिये:

GST परिषद, GST 

मेन्स के लिये:

GST परिषद की संरचना और संबंधित मुद्दे 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की 45वीं बैठक संपन्न हुई।

GST-Council-Meeting

प्रमुख बिंदु 

  • रियायती GST दरों का विस्तार:
    • परिषद ने दिसंबर 2021 तक कोविड-19 उपचार से संबंधित कई दवाओं पर GST राहत के विस्तार का निर्णय लिया।
  • खाद्य वितरण एप्स एकत्र करेंगे GST:
    • अब रेस्तराँ भागीदारों के बजाय ऑनलाइन फूड डिलीवरी एग्रीगेटर फर्म जैसे स्विगी और ज़ोमैटो GST का भुगतान करने के लिये उत्तरदायी होंगे।
      • वर्तमान में फूड एग्रीगेटर्स द्वारा उत्पन्न ऑनलाइन बिलों में पहले से ही GST एक कर घटक होता है।
      • अभी तक कर की राशि का भुगतान रेस्तराँ भागीदारों को वापस कर दिया जाता है, जिनसे उम्मीद की जाती है कि वे इस राशि का भुगतान सरकार को करेंगे।
  • पेट्रोल-डीज़ल GST के दायरे में नहीं आएगा:
    • परिषद ने पेट्रोल और डीज़ल को GST के दायरे में नहीं लाने का फैसला किया है। राज्यों ने इनकी कीमतों में उछाल पर चिंता जताते हुए बैठक के दौरान ईंधन को शामिल करने का कड़ा विरोध किया।
      • यदि पेट्रोल और डीज़ल GST व्यवस्था के तहत आते हैं, तो कीमतें सभी राज्यों में एक समान हो जाएगी क्योंकि केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए विभिन्न उत्पाद शुल्क तथा वैट दरों को हटा दिया जाएगा।
      • इससे डीज़ल और पेट्रोल की कीमतों में महत्त्वपूर्ण कमी लाने में मदद मिलेगी, हाल के समय में जिनकी कीमतें बहुत बढ़ गई हैं।
  • फोर्टिफाइड चावल पर GST घटाया गया:
  • दर को युक्तिसंगत बनाने के लिये GOM:
    • रिवर्स शुल्क ढाँचे को ठीक करने और राजस्व बढ़ाने के प्रयास हेतु दर युक्तिकरण संबंधी मुद्दों को देखने के लिये राज्य के मंत्रियों के एक समूह (GOM) का गठन किया जाएगा।
      • रिवर्स शुल्क संरचना तब उत्पन्न होती है जब आउटपुट या अंतिम उत्पाद पर कर, इनपुट पर कर से कम होता है, इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट का एक रिवर्स संचय होता है जिसे ज़्यादातर मामलों में वापस करना पड़ता है।
      • रिवर्स शुल्क संरचना (Inverted Duty Structure) में राजस्व बहिर्वाह की समस्या निहित है, इसके लिये सरकार को शुल्क संरचना पर फिर से विचार करना चाहिये।
    • ई-वे बिल, फास्टैग, अनुपालन (Compliances), प्रौद्योगिकी, वर्तमान कमियों को दूर करने, कंपोज़िशन स्कीम आदि के मुद्दों को व्यवस्थित करने के लिये अन्य GOM स्थापित किये जाएंगे।

GST परिषद

  • यह माल और सेवा कर से संबंधित मुद्दों पर केंद्र एवं राज्य सरकार को सिफारिशें करने के लिये  अनुच्छेद 279A के तहत एक संवैधानिक निकाय है।
  • GST परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करता है और सभी राज्यों के वित्त मंत्री परिषद के सदस्य होते हैं।
  • इसे एक संघीय निकाय के रूप में स्थापित किया गया है जहाँ केंद्र और राज्यों दोनों को उचित प्रतिनिधित्व मिलता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस