अफ्रीकी संघ की बैठक | 13 Feb 2020

प्रीलिम्स के लिये

अफ्रीकी संघ के बारे में

मेन्स के लिये

भारत पर पड़ने वाले प्रभाव

चर्चा में क्यों?

9-10 फरवरी, 2020 को इथोपिया के आदिस अबाबा (Addis Ababa) में अफ्रीकी संघ की 33वीं बैठक का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • अफ्रीकी संघ की 33वीं बैठक की थीम- साइलेंसिंग द गन्स: क्रिएटिंग कंडक्टिव कंडीशंस फाॅर अफ्रीकाज़ डेवलपमेंट (Silencing the Guns: Creating conducive conditions for Africa’s development) है।
  • इसकी अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा (Cyril Ramaphosa) द्वारा की गई।
  • अपने उद्घाटन भाषण में अफ्रीकी संघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सिरिल रामफोसा ने एजेंडा 2063 (Agenda 2063) की रूपरेखा सहित उन प्राथमिकताओं को रेखांकित किया, जिसके अंतर्गत अफ्रीका के विकास पथ में हो रही प्रगति को बढ़ावा देने के लिये यूनियन का ध्यान केंद्रित करना होगा।
  • जुलाई 2020 में प्रारंभ होने वाले अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र (African Continental Free Trade Area-AfCFTA) पर रामफोसा ने कहा कि यह औद्योगीकरण का एक प्रमुख चालक होगा जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में अफ्रीका के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
  • अफ्रीका में महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण के मुद्दे पर रामफोसा ने योजनाओं को धरातल पर उतारने तथा व्यावहारिक समाधान प्राप्त करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
  • अफ्रीका के विकास एजेंडा में महिलाओं को शामिल करने के लिये अफ्रीकी संघ द्वारा किये जा रहे प्रयासों के अनुरूप महासभा ने वर्ष 2020 से 2030 के दशक को महिलाओं के लिये वित्तीय समावेशन का दशक घोषित किया है।

एजेंडा 2063

  • यह संकल्प मई 2013 में अफ्रीकी संघ की महासभा द्वारा पारित किया गया।
  • यह अफ्रीका महाद्वीप का एक रणनीतिक ढाँचा है जिसका उद्देश्य समावेशी और संवहनीय विकास लक्ष्य को प्राप्त करन है और एकता, आत्मनिर्णय, स्वतंत्रता, उन्नति तथा सामूहिक समृद्धि के लिये पैन-अफ्रीकन अभियान की ठोस अभिव्यक्ति है।
  • इसका उद्देश्य अगले 50 वर्षो (वर्ष 2013-2063) में अफ्रीका महाद्वीप को पावर हाउस के रूप में स्थापित करना है।
  • एजेंडा 2063 भविष्य के लिये न केवल अफ्रीका की आकांक्षाओं को कूटबद्ध करता है, बल्कि प्रमुख फ्लैगशिप कार्यक्रमों की भी पहचान करता है जो अफ्रीका के आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं और परिवर्तित हो रही वैश्विक भूमिका में महाद्वीप का नेतृत्व कर सकते हैं।

अफ्रीकी संघ

  • अफ्रीकी संघ एक महाद्वीपीय निकाय है जिसमें अफ्रीका महाद्वीप के 55 सदस्य देश शामिल हैं।
  • इसे वर्ष 1963 में स्थापित अफ्रीकी एकता संगठन (Organisation of African Unity) के स्थान पर आधिकारिक रूप से जुलाई 2002 में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में गठित किया गया।
  • अफ्रीकी संघ का सचिवालय आदिस अबाबा में स्थित है।

उद्देश्य

  • अफ्रीकी देशों और उनके लोगों के बीच अधिक एकता और एकजुटता हासिल करना।
  • अपने सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता की रक्षा करना।
  • महाद्वीप के राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण का प्रयास करना।
  • महाद्वीप और उसके लोगों के हित के मुद्दों को बढ़ावा देना तथा उनका बचाव करना।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना।
  • महाद्वीप में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देना।
  • लोकतांत्रिक सिद्धांतों और संस्थानों, लोकप्रिय भागीदारी और सुशासन को बढ़ावा देना।
  • संघ के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये मौजूदा और भविष्य के क्षेत्रीय आर्थिक समुदायों के बीच नीतियों का समन्वय करना।
  • व्यापार, रक्षा और विदेशी संबंधों पर सामान्य नीतियों को विकसित करना और बढ़ावा देना, ताकि महाद्वीप की रक्षा और इसकी वार्ता की स्थिति को मजबूत किया जा सके।
  • अफ्रीका के युवाओं को विकास की मुख्य धारा में शामिल करने के लिये कौशल विकास संस्थानों के निर्माण पर बल दिया जा रहा है।
  • इस बैठक में एजेंडा 2063 के कार्यान्वयन पर पहली महाद्वीपीय रिपोर्ट (First Continental Report) लॉन्च की गई है।

स्रोत: अफ्रीकी संघ की वेबसाइट