नासा के स्पिट्ज़र दूरबीन ने अंतरिक्ष में पूरे किये 15 साल | 12 Sep 2018

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नासा के स्पिट्ज़र स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में 15 साल पूरे कर लिये हैं। उल्लेखनीय है स्पिट्ज़र को 25 अगस्त, 2003 को सौर कक्षा में लॉन्च किया गया था।

स्पिट्ज़र के बारे में

  • यह नासा के चार ‘ग्रेट ऑब्ज़र्वेटरी’ कार्यक्रमों का आखिरी टेलीस्कोप था। अन्य तीन कार्यक्रम थे- हबल स्पेस टेलीस्कोप, द कॉम्पटन गामा रे ऑब्ज़र्वेटरी व चंद्रा एक्स-रे ऑब्जरवेटरी।
  • शुरुआत में इस दूरबीन को केवल 2.5 वर्ष के लिये निर्धारित किया गया था लेकिन अब यह अपने अपेक्षित जीवन-काल से काफी आगे निकल गया है।
  • स्पिट्ज़र अवरक्त किरणों (infrared light) का पता लगाता है जो प्रायः गर्म वस्तुओं द्वारा उत्सर्जित उष्मीय विकिरण है। पृथ्वी पर अवरक्त किरणों का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जाता है जिसमें नाइट-विज़न यंत्र आदि शामिल हैं।
  • स्पिट्ज़र ने अपनी अवरक्त दृष्टि (infrared vision) और उच्च संवेदनशीलता के साथ, ज्ञात ब्रह्मांड में कुछ सबसे दूर स्थित आकाशगंगाओं के अध्ययन में योगदान दिया है।
  • स्पिट्ज़र ने इस अवलोकन में लगभग 106,000 घंटे व्यतीत किये हैं।
  • स्पिट्ज़र द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा का उल्लेख 8,000 से अधिक पत्र-पत्रिकाओं में किया गया है।

स्पिट्ज़र द्वारा की गई कुछ प्रमुख खोजें

  • इस अंतरिक्ष दूरबीन ने न केवल ब्रह्मांड में सबसे पुरानी आकाशगंगाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है बल्कि शनि के चारों ओर एक नए वलय का भी खुलासा किया है। साथ ही, धूलकणों के विशालकाय भंडार के माध्यम से नए सितारों और ब्लैक होल्स का भी अध्ययन किया।
  • स्पिट्ज़र ने हमारे सौरमंडल से परे अन्य ग्रहों की खोज में सहायता की, जिसमें पृथ्वी के आकार वाले सात ग्रह जो TRAPPIST-1 के चारों तरफ प्रक्रिमा कर रहे थे, के बारे में पता लगाना भी शामिल है।

स्पिट्ज़र द्वारा की गई कुछ अन्य खोजें निम्नलिखित है:

  • शनि के चारों ओर एक पतले तथा धुँधले वलय की खोज (जो शनि के व्यास का लगभग 300 गुना है।)
  • एक गैसीय एक्सोप्लेनेट की सतह पर तापमान की विविधता को प्रदर्शित करने वाले पहले एक्सोप्लेनेट  मौसम का मानचित्रण।
  • क्षुद्रग्रह और ग्रहों के टुकड़े।
  • नवजात सितारों की छिपी हुई परतें।
  • अंतरिक्ष में बकीबॉल्स (Buckyballs)। (Buckyballs  अंतरिक्ष में 60 कार्बन परमाणुओं से बनी त्रि-आयामी, गोलाकार संरचनाएँ हैं।)
  • आकाशगंगाओं के विशाल समूह।
  • आकाशगंगा (Milky way) का सबसे व्यापक मानचित्रण।