COVID-19 हेतु ADB से 1.5 बिलियन डॉलर के ऋण की मंज़ूरी | 29 Apr 2020

प्रीलिम्स के लिये:  

एशियन डेवलपमेंट बैंक, ‘COVID-19 सक्रिय प्रतिक्रिया और व्यय समर्थन’ कार्यक्रम

मेन्स लिये: 

COVID-19 से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के प्रयास, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विकास में ADB का योगदान   

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘एशियन डेवलपमेंट बैंक’ (Asian Development Bank- ADB) नें COVID-19 की महामारी से निपटने हेतु भारत को 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण देने के लिये अपनी मंज़ूरी दे दी है।

मुख्य बिंदु: 

  • ADB ने यह ऋण COVID-19 से उत्पन्न हुई चुनौतियों जैसे- इस बीमारी के संक्रमण को नियंत्रित करने और इसकी रोकथाम तथा गरीब एवं आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के प्रयासों में सहयोग देने के लिये दिया है।
  • ADB के अनुसार, बैंक अपने ‘COVID-19 सक्रिय प्रतिक्रिया और व्यय समर्थन’ (COVID-19 Active Response and Expenditure Support- CARES) कार्यक्रम के माध्यम से 800 मिलियन से अधिक लोगों के लिये स्वास्थ्य सुविधा और देखभाल तथा सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएँ उपलब्ध कराने में सहयोग करेगा।
  • इनमें गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों, किसानों, स्वास्थ्य कर्मियों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, कम आय वाले लोगों आदि को शामिल किया गया है।
  • ADB से प्राप्त इस पैकेज का लगभग 65% भाग गरीबों और महिलाओं सहित अन्य सुभेद्य लोगों को सामाजिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के रूप में होगा। 
  • इस ऋण के लिये हुए समझौते के अनुसार, इसके तहत COVID-19 महामारी से निपटने में लगे सभी प्रकार के स्वास्थ्य कर्मियों के लिये इंश्योरेंस कवरेज को शामिल किया गया है।

‘COVID-19 सक्रिय प्रतिक्रिया और व्यय समर्थन’

(COVID-19 Active Response and Expenditure Support- CARES):

  • ‘COVID-19 सक्रिय प्रतिक्रिया और व्यय समर्थन’ (CARES) कार्यक्रम ADB की ‘काउंटर साइक्लिक सपोर्ट फैसिलिटी’ (Countercyclical Support Facility) के तहत संचालित Covid-19 ‘पैंडेमिक रिस्पांस ऑप्शन’ (Pandemic Response Option-CPRO) द्वारा वित्तपोषित है। 
  • CPRO की स्थापना विकासशील सदस्य देशों को COVID-19 से निपटने हेतु 13 अप्रैल, 2020 को ADB द्वारा घोषित $ 20 बिलियन की विस्तारित सहायता के हिस्से के रूप में की गई थी।
  • ADB के अनुसार, CARES कार्यक्रम के तहत सरकार को गरीबों को ध्यान में रखते हुए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने और स्वास्थ्य क्षेत्र तथा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के परिचालन ढाँचे को मज़बूत करने एवं इनकी निगरानी करने हेतु 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का तकनीकी सहायता अनुदान प्रदान किया जाएगा।

अन्य सहयोग: 

  • ADB अर्थव्यवस्था को पुनः गति प्रदान करने, सरकार की योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन करने तथा भविष्य में ऐसे आर्थिक संकट की स्थिति से निपटने के लिये आर्थिक लचीलेपन (Economic Resilience) में सुधार करने के लिये सरकार के प्रयासों में सहयोग एवं अन्य हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित करने का कार्य करेगा।
  • इसके तहत COVID-19 के कारण आर्थिक रूप से प्रभावित उद्यमों को बेहतर आर्थिक पहुँच और ऋण वृद्धि की सुविधाओं आदि के माध्यम से सहायता उपलब्ध करना शामिल है।   
  • ध्यातव्य है कि अप्रैल 2020 की शुरुआत में ही विश्व बैंक ने विश्व के 25 विकासशील देशों में COVID-19 महामारी से निपटने के लिये 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आपातकालीन फंड की मंज़ूरी दी थी। 
  • साथ ही एशिया का तीसरा सबसे बड़ा देश होने के कारण भारत को COVID-19 की जाँच करने, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों आइसोलेशन वार्ड (Isolation Ward) के निर्माण आदि के लिये इस फंड में से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता देने की घोषणा की गई थी।
    • भारत के अतिरिक्त विश्व बैंक द्वारा इस फंड से पाकिस्तान को 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर, श्रीलंका 129 मिलियन अमेरिकी डॉलर, अफगानिस्तान को 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर और इथियोपिया को 82.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सहयोग को मंज़ूरी दी गई थी   

लाभ : 

  • COVID-19 के कारण पिछले कुछ दिनों में भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में भारी गिरावट देखने को मिली है, ऐसे में ADB के आर्थिक सहयोग के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों (स्वास्थ्य, उद्योग, आदि) को उनकी आवश्यकता के अनुरूप लक्षित सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी।
  • ADB के सहयोग के माध्यम से केंद्रीय बैंक पर पड़ने वाले आर्थिक दबाव को कम करने में सहायता मिलेगी।

स्रोत: द हिंदू बिज़नेस लाइन