वाॅटर फॉल अप्रोच तथा पूंजी बाज़ार | 05 Oct 2019

चर्चा में क्यों?

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड- सेबी (Securities and Exchange Board of India- SEBI) ने म्यूचुअल फंड हाउसों को मुद्रा बाज़ार और ऋण प्रतिभूतियों के मूल्यांकन के लिये वाॅटरफॉल अप्रोच (Waterfall Approach) अपनाने को कहा है, जिससे मूल्यांकन में एकरूपता और निरंतरता को बढ़ावा मिल सके।

प्रमुख बिंदु:

  • सेबी ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से बताया है कि म्यूचुअल फंडस (Mutual Funds) ने प्रतिभूतियों पर अपने पूर्ण स्वामित्व को बनाये रखने के उद्देश्य से अपेक्षाकृत कम मात्रा में व्यापार किया है, इससे बचने के लिये वाॅटर फॉल अप्रोच को अपनाना होगा।
  • वाटरफॉल एप्रोच के तहत सभी व्यापारिक प्रतिभूतियों का कारोबार निवेश में प्राप्त आय या लाभांश (Traded Yields) के आधार पर किया जाएगा।
  • वॉल्यूम भारित औसत उपज (Volume Weighted Average Yield- VWAY) का उपयोग सरकारी प्रतिभूतियों (ट्रेज़री बिल सहित) के कारोबार हेतु व्यापार के अंतिम एक घंटे में किया जाएगा।
  • पूरे दिन के दौरान हुए अन्य सभी मुद्रा बाजार और ऋण प्रतिभूतियों (पिछले एक घंटे में सरकारी प्रतिभूतियों का कारोबार नहीं किया जाता है) का मूल्यांकन VWAY कारोबार के आधार पर किया जाएगा।

म्यूचुअल फंड (Mutual Funds):

  • म्यूचुअल फंड अल्पकालिक तरल निवेश हैं जो उच्च गुणवत्ता वाले मुद्रा बाज़ार के साधनों जैसे ट्रेज़री बिल्स (T-Bills), वाणिज्यिक पत्रों तथा जमाकर्त्ताओं के प्रमाण पत्र आदि में निवेश करते हैं।
  • म्यूचुअल फंड के रूप में छोटे-छोटे निवेशकों से विभिन्न प्रकार की योजनाओं के माध्यम से उनकी बचत को एकत्र किया जाता है जिससे जोखिम को कम किया जा सके एवं उच्च प्रतिफल प्राप्त किया जा सके।
  • यह पेशेवर रूप में प्रबंधित योजना है।
  • यह एक निवेश वित्तीय मध्यस्थ है जो छोटे निवेशकों की बचत को गतिशीलता प्रदान करता है।

वॉल्यूम भारित औसत उपज

(Volume Weighted Average Yield- VWAY):

  • यह व्यापारियों द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक ट्रेडिंग बेंचमार्क है जो वॉल्यूम और कीमत दोनों के आधार पर दिन भर में औसत मूल्य की प्रतिभूति प्रदान करता है।
  • यह महत्त्वपूर्ण इसलिये है क्योंकि यह व्यापारियों को प्रतिभूतियों के रुझान और मूल्य दोनों की जानकारी प्रदान करता है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड

(Securities and Exchange Board of India)

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय मुंबई में है।
  • इसके मुख्य कार्य हैं -
    • प्रतिभूतियों (Securities) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना।
    • प्रतिभूति बाज़ार (Securities Market) के विकास का उन्नयन करना तथा उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना।

स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड