'PURA पहल' | 17 Aug 2020

प्रिलिम्स के लिये:

PURA, PURA 2.0, रुर्बन मिशन

मेन्स के लिये:

ग्रामीण क्षेत्र के विकास में PURA का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

पुणे ग्रामीण प्रशासन COVID-19 महामारी के मध्य ‘प्रोविज़न ऑफ अर्बन एमेनिटीज़ इन रूलर एरिया’ (Provision of Urban Amenities in Rural Areas-PURA) के प्रावधान/पहलों को लागू करने में सक्षम है।

प्रमुख बिंदु:

  • PURA को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम द्वारा जनवरी 2003 में तीव्र एवं सशक्त ग्रामीण विकास के लिये प्रस्तुत किया गया।
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय ( Ministry of Rural Development-MoRD) ने PURA योजना को तीन वर्षों (2004- 05 से 2006-07) की अवधि के लिये सात समूहों (Seven Clusters) में पायलट आधार पर लागू किया।
  • PURA 2.0 को एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में वर्ष 2012 में संभावित विकास केंद्रों जैसे-शहरी जनगणना के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए शुरू किया गया था।

उद्देश्य:

  • ग्रामीण एवं शहरी विभाजन को कम करने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसरों एवं शहरी सुविधाओं को उपलब्ध कराना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिये आजीविका के अवसर एवं शहरी सुविधाएँ प्रदान करने के लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी ( Public Private Partnership- PPP) के माध्यम से एक ग्राम पंचायत (या ग्राम पंचायतों के एक समूह) में एक संभावित विकास केंद्र के आसपास सुगठित क्षेत्रों का समग्र और त्वरित विकास करना।
  • PURA के तहत दी जाने वाली सुविधाओं तथा आर्थिक गतिविधियों में जल एवं मल निकासी, गांव की सड़कों का निर्माण एवं रखरखाव, ड्रेनेज, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्किल डेवलपमेंट, गांव की स्ट्रीट लाइटिंग, टेलीकॉम, बिजली उत्पादन, गांव से जुड़े पर्यटन आदि को शामिल किया जाता है।
  • वर्ष 2014-15 में, सरकार ने PURA योजना के तहत कोई राशि आवंटित नहीं की बल्कि इसके स्थान पर 100 करोड़ रुपए की शुरुआती आवंटन राशि के साथ रुर्बन मिशन (Rurban Mission) की शुरुआत की।
  • रुर्बन मिशन का उद्देश्य पूरे देश में 300 ग्रामीण विकास समूहों का निर्माण करना है।

स्रोत: द हिंदू