चौथी औद्योगिक क्रांति के केंद्र की शुरुआत | 12 Oct 2018

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथी औद्योगिक क्रांति के लिये विश्व आर्थिक मंच (WEF) के केंद्र की शुरुआत के अवसर पर कहा कि ‘उद्योग 4.0’ में मानव जीवन के वर्तमान और भविष्य को बदलने की क्षमता मौजूद है। उन्होंने कहा कि सैन फ्रांसिस्को, टोकियो और पेइचिंग के बाद दुनिया में यह चौथा केंद्र है, जिसकी शुरुआत होने से भविष्य में अपार संभावनाओं के दरवाज़े खुलेंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • कृत्रिम बौद्धिकता, मशीन-लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन और बिग डाटा जैसे उभरते क्षेत्र भारत को विकास की नई ऊँचाइयों पर ले जा सकते हैं तथा नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं। 
  • यह भारत के लिये न सिर्फ एक औद्योगिक परिवर्तन है बल्कि सामाजिक परिवर्तन भी है। ‘उद्योग 4.0’ में भारत में अपरिवर्तनीय रचनात्मक बदलाव लाने की क्षमता है। इससे भारत में कामों में आवश्यक तेज़ी आएगी और काम-काज बेहतर बनाने में सहायता मिलेगी।
  • डिजिटल इंडिया अभियान ने डेटा को भारत के गाँवों तक पहुँचाया है। निकट भविष्य में संचार-सघनता, इंटरनेट कवरेज और मोबाइल इंटरनेट सुविधा लेने वालों की तादाद बहुत बढ़ने की संभावना है।
  • दूरसंचार के क्षेत्र में 93% की वृद्धि हुई है और लगभग 50 करोड़ भारतीयों के पास अब मोबाइल फोन हैं।
  • विश्व में सबसे अधिक मोबाइल डेटा खपत भारत में होती है और भारत एक ऐसा देश है जहाँ डेटा सबसे कम कीमत पर उपलब्ध है। इस संदर्भ में भारत की डिजिटल अवसंरचना और आधार, यूपीआई, ई-नाम तथा जीईएम सहित उसके इंटरफेस की प्रमुख भूमिका रही है।
  • ऑप्टिक फाइबर के साथ सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। 2014 में केवल 59 ग्राम पंचायतें ऑप्टिक फाइबर से जुड़ी थी, जबकि वर्तमान में यह संख्या 1 लाख से अधिक पहुँच गई है|
  • कृत्रिम बौद्धिकता में अनुसंधान के लिये कुछ महीने पूर्व एक मज़बूत अवसंरचना बनाने के लिये राष्ट्रीय रणनीति तैयार की गई है। नए केंद्र से इस प्रक्रिया को बल मिलेगा।
  • उद्योग 4.0’ और कृत्रिम बौद्धिकता के विस्तार से स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर सुधार होगा और स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च कम होगा। इससे किसानों को मदद मिलेगी और यह कृषि क्षेत्र के लिये काफी सहायक होगा।
  • यातायात और स्मार्ट मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में यह केंद्र अहम भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में कार्य में होने वाली प्रगति के मद्देनज़र ‘भारत के लिये समाधान, विश्व के लिये समाधान’ हमारा लक्ष्य है।
  • स्किल इंडिया मिशन, स्टार्टअप इंडिया और अटल नवाचार अभियान जैसी सरकार की पहलें युवाओं को नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिये तैयार कर रही हैं।

चतुर्थ औद्योगिक क्रांति या उद्योग 4.0

  • पहली औद्योगिक क्रांति जल व भाप की शक्ति से हुई थी। दूसरी विद्युत ऊर्जा से, तीसरी क्रांति वर्तमान में चल रही इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रोद्योगिकी जनित है।
  • चौथी औद्योगिक क्रांति में आइटी व विनिर्माण सेक्टर को मिलाकर कार्य किया जाएगा। अमेरिका और जर्मनी ने 2010 के बाद इस पर कार्य शुरू किया।
  • ‘उद्योग 4.0’ विश्व आर्थिक फोरम की 2016 में आयोजित वार्षिक बैठक की थीम थी, जिसके बाद चतुर्थ औद्योगिक क्रांति का विचार तेज़ी से प्रसिद्ध होता गया।
  • ‘उद्योग 4.0’ विश्वभऱ में एक शक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है और इसे अगली औद्योगिक क्रांति कहा जा रहा है। यह मुख्यत: इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), बाधा रहित इंटरनेट कनेक्टिविटी, तीव्र गति वाली संचार तकनीकियों और 3डी प्रिंटिंग जैसे अनुप्रयोगों पर आधारित है, जिसके अंतर्गत अधिक डिजिटलीकरण तथा उत्पादों, वैल्यू चेन, व्यापार मॉडल को एक-दूसरे से अधिकाधिक जोड़ने की परिकल्पना की गई है।