राष्ट्रीय समुद्री दिवस-2021 | 07 Apr 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में (5 अप्रैल को) पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा 58वांँ राष्ट्रीय समुद्री दिवस (National Maritime Day) मनाया गया।
- इस अवसर पर मेरीटाइम इंडिया विज़न-2030 (Maritime India Vision-2030) पर भी चर्चा की गई।
प्रमुख बिंदु:
5 अप्रैल, 1919 को मुंबई से लंदन की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय फ्लैग मर्चेंट पोत (एम/एस सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी के स्वामित्व वाली) ‘एस. एस. लॉयल्टी’ (S.S LOYALTY) की पहली यात्रा की स्मृति में 58वाँ राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया गया।
- राष्ट्रीय समुद्री दिवस के बारे में:
राष्ट्रीय समुद्री दिवस-2021:
- ‘कोविड-19 से आगे सतत् नौपरिवहन’ (Sustainable Shipping beyond Covid-19) थी।
महत्त्व:
- इसका आयोजन भारत के शिपिंग उद्योग को प्रोत्साहित करने हेतु किया जाता है। शिपिंग उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
- वर्तमान में भारत का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वॉल्यूम के संदर्भ में 90% और मूल्य के संदर्भ में 77% समुद्र के माध्यम से किया जाता है।
अन्य पहलें:
- सागरमाला पहल:
- सागरमाला कार्यक्रम (Sagarmala Programme) को वर्ष 2015 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था जिसका उद्देश्य आधुनिकीकरण, मशीनीकरण और कंप्यूटरीकरण के माध्यम से 7,516 किलोमीटर लंबी समुद्री तट रेखा के आस-पास बंदरगाहों के इर्द-गिर्द प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विकास को बढ़ावा देना है।
- प्रोजेक्ट उन्नति:
- वर्ष 2014 में जलमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रोजेक्ट उन्नति को शुरू किया गया जिसके तहत उपकरणों की दक्षता का अध्ययन और हर गतिविधि की जांँच की गई ताकि गलतियों की पहचान की जा सके।
- नीली अर्थव्यवस्था की नीति:
- नीति दस्तावेज़ राष्ट्रीय विकास के दस प्रमुख आयामों में से एक के रूप में नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) पर प्रकाश डालता है जो भारत की अर्थव्यवस्था के समग्र विकास हेतु कई प्रमुख क्षेत्रों में नीतियों के निर्माण पर ज़ोर देता है।
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन में शामिल:
- भारत अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन का भी सदस्य है।
- IMO संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष एजेंसी है। यह एक वैश्विक अंतर्राष्ट्रीय मानक-निर्धारण प्राधिकरण है जो मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग की सुरक्षा में सुधार करने और जहाज़ों द्वारा होने वाले प्रदूषण को रोकने हेतु उत्तरदायी है।
- राष्ट्रीय जलमार्ग:
- राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम 2016 के अनुसार, 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग (National Waterways- NW) घोषित किया गया है।
- सागर-मंथन:
- राष्ट्रीय समुद्री डोमेन जागरूकता (NDMA) केंद्र’ की स्थापना की गई है।
- यह समुद्री सुरक्षा, खोज और बचाव क्षमताओं तथा सुरक्षा एवं समुद्री पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु एक सूचना प्रणाली है।
- शिप रिपेयर क्लस्टर:
- इन्हें वर्ष 2022 तक दोनों समुद्री तटों के साथ विकसित किया जाएगा।
- जहाज़ का पुनर्चक्रण:
- 'वेल्थ फ्रॉम वेस्ट' (Wealth from Waste) के सृजन हेतु घरेलू जहाज़ रिसाइक्लिंग उद्योग (Ship Recycling Industry) को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
- भारत ने जहाज़ रिसाइक्लिंग अधिनियम, 2019 (Recycling of Ships Act, 2019) को लागू किया है और हॉन्गकॉन्ग अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन पर सहमति व्यक्त की है।
- 'वेल्थ फ्रॉम वेस्ट' (Wealth from Waste) के सृजन हेतु घरेलू जहाज़ रिसाइक्लिंग उद्योग (Ship Recycling Industry) को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
मेरीटाइम इंडिया विज़न-2030
मेरीटाइम इंडिया विज़न-2030 के बारे में
- यह भारत के समुद्री क्षेत्र हेतु अगले दशक का व्यापक दृष्टिकोण है जिसे भारत के प्रधानमंत्री द्वारा मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन 2021 (Maritime India Summit 2021) में जारी किया गया।
- यह सागरमाला पहल को आगे बढ़ाएगा और जलमार्ग को बढ़ावा देकर जहाज़ निर्माण उद्योग को गति प्रदान करेगा तथा भारत में क्रूज़ पर्यटन (Cruise Tourism) को प्रोत्साहित करेगा।
नीतिगत पहल और विकास परियोजनाएंँ:
- समुद्री विकास निधि:
- समुद्री क्षेत्र हेतु 25,000 करोड़ रुपए की निधि जिसमें केंद्र द्वारा 2,500 करोड़ रुपए की सहायता भी शामिल होगी, निम्न दर पर सात वर्ष के लिये उपलब्ध कराई जाएगी।
- पोर्ट नियामक प्राधिकरण:
- प्रमुख बड़े एवं छोटे बंदरगाहों की निगरानी हेतु नए भारतीय बंदरगाह अधिनियम के तहत (पुराने भारतीय बंदरगाह अधिनियम 1908 को बदलने के लिये) एक अखिल भारतीय बंदरगाह प्राधिकरण (Pan-India Port Authority) की स्थापना की जाएगी। इस प्राधिकरण द्वारा बंदरगाहों हेतु संस्थागत कवरेज में वृद्धि और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने हेतु बंदरगाह क्षेत्र में संरचात्मक वृद्धि की जाएगी।
- पूर्वी जलमार्ग संपर्क परिवहन ग्रिड परियोजना:
- इस परियोजना का उद्देश्य बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्याँमार के साथ क्षेत्रीय संपर्क स्थापित करना है।
- तटीय विकास कोष:
- यह तटीय विकास निधि (RDF) के समर्थन से अंतर्देशीय जहाज़ों हेतु कम लागत वाले तथा दीर्घावधिक वित्तपोषण को बढ़ाने एवं टन भार टैक्स योजना (Tonnage Tax Scheme) जो कि महासागरों में उतरने वाले जहाज़ों और निकर्षण पोतों पर लागू है, को अंतर्देशीय जहाज़ों तक विस्तारित करने का आह्वान करती है ताकि ऐसे जहाज़ों की उपलब्धता में वृद्धि की जा सके।
- बंदरगाह शुल्कों का युक्तिकरण:
- शिप लाइनर (Ship Liners) द्वारा अधिरोपित सभी हिडन चार्जेज़ (Hidden Charges) को समाप्त करने में अधिक पारदर्शिता के साथ यह उन्हें अधिक प्रतिस्पर्द्धी बनाएगा।
- जल परिवहन को बढ़ावा देना:
- शहरी क्षेत्रों में विखंडन/विंसकुलन तथा शहरी परिवहन के वैकल्पिक साधन के रूप में जलमार्गों को विकसित करना।