राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल अकादमी | 09 Jan 2020

प्रीलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल अकादमी 

मेन्स के लिये:

आपदा प्रबंधन 

चर्चा में क्यों?

2 जनवरी, 2020 को केंद्रीय गृह मंत्री ने महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले में राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल अकादमी (National Disaster Response Force Academy) की आधारशिला रखी। भविष्य में इस विश्वस्तरीय अकादमी में विभिन्न आपदाओं से निपटने के लिये प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु:

  • राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल अकादमी का निर्माण कार्य 2 जनवरी, 2020 से महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले में शुरू हुआ है।
  • इस अकादमी के निर्माण के लिये 18.6 करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2012 में 153 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया था।
  • इस परिसर के अंतर्गत कुछ छोटी पहाड़ियाँ और नदी की एक धारा भी शामिल है। अकादमी में राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल के सदस्यों के साथ स्वयंसेवियों को भी विश्वस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल अकादमी के निर्माण के लिये सरकार ने 400 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।
  • इस अकादमी में भारत के साथ-साथ विश्व के कई अन्य देशों के आपदा प्रबंधन दलों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • इसके साथ ही इस परिसर में भविष्य के आतंकी खतरों, रासायनिक हमलों आदि से निपटने के लिये भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल के अनुसार, अनुमानतः अगले पाँच वर्षों में इस अकादमी का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।  

NDRF-BNS

(मैप में प्रस्तुत आँकड़ें जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन से पूर्व के हैं)  

राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल

(National Disaster Response Force-NDRF)

  • वर्ष 2006 में ‘आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005’ के तहत 6 बटालियनों के साथ NDRF की स्थापना की गई थी।
  • वर्तमान में NDRF में 12 बटालियन हैं जिनमें BSF और CRPF से तीन-तीन और CISF, SSB एवं ITBP से दो-दो बटालियन हैं तथा इसकी प्रत्येक बटालियन में 1149 सदस्य हैं।
  • अपनी स्थापना के बाद से NDRF ने अपनी कार्यकुशलता से देश तथा विदेशों में प्रशंसा प्राप्त की है।

आपदा से निपटने में NDRF की भूमिका:  

  • प्राकृतिक व मानव निर्मित आपदा में त्वरित सहायता प्रदान करना। 
  • राहत बचाव कार्यों में जुटी अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना।  
  • आपदा क्षेत्र से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना एवं राहत सामग्री का वितरण करना, आदि। 
  • पिछले कुछ वर्षों में NDRF वैश्विक स्तर पर अग्रणी आपदा प्रबंधन बल के रूप में उभरा है। 

आपदा प्रबंधन में भारत की भूमिका 

  • अन्य देशों में आपदा के समय सहायता प्रदान करने के साथ ही भारत विभिन्न देशों के सुरक्षा बालों को प्रक्षिक्षण भी प्रदान करता है। 
  • पिछले कुछ वर्षों में भारत सार्क (SAARC) क्षेत्र में आपदा प्रबंधन कर्मियों के प्रशिक्षण का केंद्र बन गया है।   

आगे की राह:  

प्रस्तावित अकादमी देश के विभिन्न सुरक्षा संस्थानों के बीच परस्पर संपर्क को बढ़ाने और उनके प्रशिक्षण में सहायक साबित होगीइसके साथ ही यह देश के आपदा प्रबंधन ढाँचे को मज़बूती प्रदान कर देश के आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करेगी

स्रोत: pib