लोकसभा के मानसून स्तर में एक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री ने जननी सुरक्षा योजना के संदर्भ में जानकारी प्रदान की।
निम्न प्रदर्शन करने वाले राज्यों में JSY के तहत लाभों का उपयोग करने के लिये गरीब गर्भवती महिलाओं की मदद हेतु ‘आशा’ मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की भूमिका अहम् होती है।
1. अपने क्षेत्र में उन गर्भवती महिलाओं की पहचान करना जो इस योजना से लाभ के लिये पात्र हैं।
2. गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लाभों के बारे में बताना।
3. गर्भवती महिलाओं की पंजीकरण में मदद करना और कम-से-कम 3 प्रसव पूर्व जाँच प्राप्त करना, जिसमें टिटनेस के इंजेक्शन एवं आयरन फोलिक एसिड की गोलियाँ शामिल हैं।
4. JSY कार्ड और बैंक खाता सहित आवश्यक प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में गर्भवती महिलाओं की सहायता करना।
5. गर्भवती महिलाओं के लिये अलग-अलग सूक्ष्म जन्म योजना तैयार करना, जिसमें उन निकटवर्ती स्वास्थ्य संस्थाओं की पहचान करना शामिल है जहाँ उनको प्रसव के लिये भेजा जा सकता है।
6. टीबी के खिलाफ BCG टीकाकरण सहित, नवजात शिशुओं के लिये टीकाकरण की व्यवस्था करना।
7. प्रसवोत्तर यात्रा के लिये जन्म के 7 दिनों के भीतर महिलाओं से मिलना।
8. परिवार नियोजन को बढ़ावा देना।
स्वास्थ्य केंद्र में प्रजनन कराने से माता के साथ-साथ शिशु की भी सुरक्षा सुनिश्चित होती है। जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत जहाँ गर्भवती महिला को नकद सहायता दी जाती है, वहीं जननी सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं तथा रूग्ण नवजात शिशुओं पर कम खर्च करना पड़ता है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की शुरुआत करने से सभी गर्भवती महिलाओं को सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रजनन कराने में प्रोत्साहन मिलेगा। रूग्ण नवजात शिशुओं का मुफ्त इलाज किये जाने से नवजात शिशुओं की मृत्यु दर घटाने में सहायता मिलेगी। इस कार्यक्रम से माता एवं नवजात शिशुओं की रूग्णता और मृत्यु दर में कमी आएगी।