अंतर्राष्ट्रीय चिंता संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल | 31 Jan 2020

प्रीलिम्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल

मेन्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने का कारण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कोरोनावायरस (Coronavirus) के अंतर्राष्ट्रीय प्रसार के जोखिम को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) ने ‘अंतर्राष्ट्रीय चिंता संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ (Public Health Emergency of International Concern- PHEIC) लागू करने की घोषणा की है।

मुख्य बिंदु:

  • WHO के अनुसार, यह वायरस कमज़ोर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली वाले देशों में सर्वाधिक प्रभावी हो सकता है।
  • WHO के अनुसार, जर्मनी, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम सहित 18 अन्य देशों में कोरोनावायरस संक्रमण के 82 मामलों की पुष्टि की गई है।

अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के कारण:

  • चीन से प्रसारित कोरोनावायरस दुनिया के कई देशों में दस्तक दे रहा है, अकेले चीन में ही इस वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है।
  • चीन में 7,700 से अधिक व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हुए हैं जिनमें से लगभग 170 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।
  • पूरे विश्व में कोरोनावायरस से संक्रमित लगभग 8,200 से अधिक मरीज़ हैं, जिसे देखते हुए कोरोनावायरस को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया जाना चाहिये।

अन्य वायरस जिनके संबंध में लागू हुआ अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल:

  • WHO ने वर्ष 2007 में अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल से संबंधित कानून के प्रभावी होने के बाद से पाँच बार सार्वजनिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल लागू किया है।
  • इससे पहले स्वाइन फ्लू (Swine Flu), पोलियो (Polio), ज़ीका (Zika) के संबंध में एक-एक बार तथा इबोला (Ebola) के संक्रमण के संबंध में दो बार आपातकाल लगाया जा चुका है।

क्या है अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल?

  • कुछ गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य घटनाएँ जिनसे अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न होता है और ऐसी आपात स्थितियों के नियमन के लिये WHO द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल लागू किया जाता है।
  • WHO अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल के लिये ‘अंतर्राष्ट्रीय चिंता संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ (Public Health Emergencies of International Concern- PHEIC) नामक पद का प्रयोग करता है।
  • PHEIC को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमन, 2005 (International Health Regulations- IHR)मेंएक असाधारण घटना के रूप में परिभाषित किया गया है जो निम्नलिखित स्थितियों पर विनियमों के उद्देश्य से लगाया जाता है-
    • रोग के अंतर्राष्ट्रीय प्रसार से अन्य देशों के लिये एक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न होना।
    • ऐसी स्थिति जो कि गंभीर, असामान्य या अप्रत्याशित हो तथा जिसका संक्रमण प्रभावित राज्य की राष्ट्रीय सीमा से परे हो और जिसने सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये खतरा उत्पन्न कर दिया हो तथा ऐसी स्थिति के लिये तत्काल अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता हो।

कैसे होता है आपात स्थिति का निर्धारण?

  • आपात स्थिति निर्धारित करने की ज़िम्मेदारी WHO महानिदेशक की होती है, ऐसी स्थिति के निर्धारण के लिये विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाता है जिसे ‘IHR इमरजेंसी कमेटी’ (IHR Emergency Committee) के नाम से जाना जाता है।
  • यह समिति WHO के महानिदेशक को आपातकाल लागू करने के मापदंडों पर सलाह देती है, जिन्हें अस्थायी सिफारिशों के रूप में जाना जाता है।
  • इन अस्थायी सिफारिशों में PHEIC की स्थिति वाले देशों द्वारा प्रयोग में लाए गए स्वास्थ्य देखभाल उपाय भी शामिल किये जाते हैं।
  • इस समिति की सिफारशों के आधार पर WHO महानिदेशक द्वारा PHEIC को लागू किया जाता है।

स्रोत- द हिंदू