जलवायु और स्वच्छ वायु संघ | 18 Jul 2019

चर्चा में क्यों?

भारत औपचारिक रूप से जलवायु और स्वच्छ वायु संघ (Climate & Clean Air Coalition-CCAC) में शामिल हो गया है।

मुख्य बिंदु:

  • भारत CCAC से जुड़ने वाला विश्व का 65वाँ देश बन गया है।
  • भारत का यह कदम, वायु प्रदूषण से मुकाबला करने के लिये भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
  • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार इस संघ का हिस्सा बनने के बाद भारत स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये पर्यावरण के अनुकूल परिवहन, कृषि, उद्योग और अपशिष्ट प्रबंधन को अपनाने के लिये अन्य देशों के साथ मिलकर काम करेगा।
  • इसके साथ-साथ भारत अपने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme-NCAP) के सफल कार्यान्वयन के लिये CCAC के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रहा है।
  • भारत लगातार पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी को अपनाने के प्रयास कर रहा है और इस संदर्भ में यह संघ काफी मददगार साबित हो सकता है।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम :

(National Clean Air Programme-NCAP)

  • यह वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिये व्यापक और समयबद्ध रूप से बनाया गया पाँच वर्षीय कार्यक्रम है।
  • इसमें संबंद्ध केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों और अन्य हितधारकों के बीच प्रदूषण एवं समन्वय के सभी स्रोतों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • इसका प्रमुख लक्ष्य वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन के लिये कार्य करना है।
  • देश के ज़्यादातर शहरों में गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिये पर्यावरण मंत्रालय की इस देशव्यापी योजना के तहत 102 प्रदूषित शहरों की वायु को स्वच्छ करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • इसके तहत वर्ष 2017 को आधार वर्ष मानते हुए वायु में मौजूद PM2.5 और PM10 पार्टिकल्स को 20 से 30 फीसदी तक कम करने का ‘अनुमानित राष्ट्रीय लक्ष्य’ निर्धारित किया गया है।
  • इस योजना के तहत राज्यों को आर्थिक सहायता भी दी जाएगी, ताकि वायु प्रदूषण से निपटने के लिये जो कार्य किये जाने हैं, उनमें पैसे की कमी बाधा न बने।
  • NCAP केवल एक योजना है, यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है तथा इसमें किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई करने या जुर्माना लगाने का प्रावधान शामिल नहीं है।

जलवायु और स्वच्छ वायु संघ

(Climate & Clean Air Coalition-CCAC)

  • CCAC विश्व के 65 देशों (भारत सहित), 17 अंतर सरकारी संगठनों, 55 व्यावसायिक संगठनों, वैज्ञानिक संस्थाओं और कई नागरिक समाज संगठनों की एक स्वैच्छिक साझेदारी है।
  • इस संघ का प्राथमिक उद्देश्य मीथेन, ब्लैक कार्बन और हाइड्रो फ्लोरोकार्बन जैसे पर्यावरणीय प्रदूषकों को कम करना है।
  • CCAC की 11 प्रमुख पहलें (Initiatives) हैं जो जागरूकता बढ़ाने, संसाधनों को एकत्रित करने और प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तनकारी कार्यों का नेतृत्व करने के लिये कार्य कर रही हैं।

एक अनुमान के मुताबिक, CCAC की ये पहलें हर साल वायु प्रदूषण के कारण होने वाली 2.5 मिलियन मौतों की रोकथाम में मददगार साबित हो सकती हैं।

स्रोत: डाउन टू अर्थ