विश्व में नारियल उत्पादन और उत्पादकता में भारत अग्रणी | 01 Feb 2018

चर्चा में क्यों?
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, नारियल विकास बोर्ड (Coconut Development Board’s - CDB) की प्रमुख योजनाओं का मुख्य फोकस बिहार में नारियल के उत्पादन, उत्पादकता, नारियल उत्पादों के प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन, विपणन एवं निर्यात में वृद्धि करना है। 

नारियल विकास बोर्ड

  • नारियल विकास बोर्ड (सीबीडी) देश में नारियल की खेती और उद्योग के समेकित विकास के लिये कृषि मंत्रालय के अंतर्गत स्थापित एक सांविधिक निकाय है।
  • इसका कार्य रोपण सामग्री के उत्पादन और वितरण, नारियल के तहत क्षेत्र के विस्तार, उत्पादकता में सुधार, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन हेतु एकीकृत खेती जैसी योजनाओं के विषय में जानकारी प्रदान करना जैसे-नारियल पानी, खोपरा, नारियल तेल, कच्ची गिरी, नारियल केक आदि नारियल उत्पादों से संबंधित विवरण उपलब्ध कराना है।
  • इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत नारियल उत्पादों के प्रसंस्करण, प्रौद्योगिकी आदि के विषय में भी जानकारी प्रदान की जाती है।

लक्ष्य

  • नारियल विकास बोर्ड का लक्ष्य नारियल कृषकों को नारियल के उत्पादन, प्रक्रमण, विपणन और नारियल एवं मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात में सहायता देकर भारत को नारियल के उत्पादन, उत्पादकता, प्रसंस्करण एवं निर्यात में अग्रणी बनाना है।

प्रमुख क्षेत्र

  • गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्रियों के उत्पादन में वृद्धि करना।
  • नारियल के अधीन अधिकाधिक क्षेत्र को कवर करते हुए उसकी भावी उत्पा‍दन क्षमता में वृद्धि करना।
  • वर्तमान नारियल जोतों की उत्पादकता में सुधार करना।
  • मुख्य पीड़कों और रोगों का एकीकृत प्रबंधन करना।
  • उत्पाद विविधीकरण और उपयोगिता को बढ़ावा देकर नारियल उद्योग को मज़बूती प्रदान करना।

नारियल पेड़ बीमा योजना 
नारियल विकास बोर्ड द्वारा नारियल एवं इससे संबद्ध उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि करने तथा कृषकों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू किया गया है। 

  • प्राकृतिक तथा अन्य खतरों से नारियल कृषकों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से नारियल के पेड़ों का बीमा करवाने के लिये सहायता प्रदान करना।
  • नारियल के पेड़ों के क्षतिग्रस्त होने या मृत होने के कारण कृषकों की आय में होने वाले नुकसान के संबंध में कृषकों को समय पर राहत दिलाना।
  • नारियल की खेती को लाभकर बनाने के लिये पुनर्रोपण एवं वन कार्य को बढ़ावा देना।

आँकड़ाबद्ध विवरण 

  • सम्पूर्ण विश्व में भारत नारियल उत्पादन और उत्पादकता में अग्रणी देश है। 
  • भारत की वार्षिक नारियल उत्पादन क्षमता 20.82 लाख हेक्टेयर से 2,395 करोड़ नारियल तथा उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 11,505 नारियल प्राप्त करने की है।
  • देश के सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product -GDP) में नारियल की फसल का योगदान करीब 27,900 करोड़ रुपए है। 
  • वर्ष 2016-17 में देश से 2,084 करोड़ रुपए मूल्य के नारियल उत्पादों का निर्यात किया गया।
  • देश की तकरीबन एक करोड़ से अधिक आबादी अपनी जीविका चलाने के लिये इस फसल पर निर्भर करती है। 
  • पिछले कुछ समय से देश में नारियल के उत्पादन मे वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2013-15 में  42,104 मिलियन का उत्पादन हुआ था, जबकि वर्ष 2015-17 के दौरान 44,405 मिलियन नारियल का उत्पादन हुआ। 
  • एक अन्य बड़ी उपलब्धि के रूप में वर्ष 2011-14 में नारियल के उत्पादों का निर्यात 3017.30 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2014-17 में 4846.36 करोड़ रुपए (60.62% की वृद्धि) हो गया।
  • वर्ष 2016 की शुरुआत में ही भारत ने मलेशिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका को नारियल तेल का निर्यात करना आरंभ कर दिया है, ज्ञात हो कि अभी तक हम इसका आयात करते थे।
  • इसके अतिरिक्त पहली बार भारत द्वारा अमेरिका और यूरोप को नारियल के बुरादे (desiccated coconut) का निर्यात किया गया।

बिहार में नारियल उत्पादन के संदर्भ में

  • बिहार में वास भूमि में भी अच्छी तरह देखभाल करके नारियल की खेती की जा सकती है। वर्तमान में बिहार की 14,900 हेक्टेयर भूमि में नारियल की खेती की जाती है।
  • हालाँकि, बोर्ड के अनुमान के मुताबिक, बिहार में तकरीबन 50 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र के सिंचित स्थिति में नारियल की खेती की जा सकती है।
  • यदि राज्य में नारियल के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है तो इससे जहाँ एक ओर रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, वहीं दूसरी ओर इससे लोगों की आजीविका के साथ-साथ जीवन स्तर में भी सुधार होगा।
  • नारियल आधारित विभिन्न उत्पाद जैसे- नारियल चिप्स, नारियल दूध, नारियल शक्कर (coconut sugar), नारियल नीर (coconut water), नारियल शहद (coconut honey), नारियल गुड़ (coconut jiggery), नारियल दूध शेक (coconut milkshake), नारियल स्नैक्स (coconut snacks), वर्जिन नारियल तेल (virgin coconut oil), नारियल नेचुरल क्रीम (coconut natural cream), समेत अन्य उत्पादों के बनाने में काफी लोगों को रोज़गार मिलेगा।
  • बिहार में नारियल से संबद्ध योजनाओं को लागू करने के लिये नारियल विकास बोर्ड द्वारा वर्ष 2014 से वर्ष 2017 तक कुल 409.01 लाख रुपए मंजू़र किये गए हैं।
  • बिहार में नारियल की खेती के विस्तारण हेतु ‘नारियल के अधीन क्षेत्र विस्तार’ (Expansion of area under coconut) योजना को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। इस योजना के अधीन नारियल के नए रोपण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। 
  • नारियल की खेती के वैज्ञानिक तरीकों का निदर्शन करने के लिये ‘निदर्शन प्लाटों की स्थापना’ (Laying out of Demonstration Plot) योजना हेतु वर्ष 2017-18 के दौरान 46.25 लाख रुपए आवंटित किये गए हैं।