43 मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध | 25 Nov 2020

प्रिलिम्स के लिये 

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र

मेन्स के लिये 

एप्स को प्रतिबंधित करने के कारण और इसके निहितार्थ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार ने शॉपिंग वेबसाइट अलीएक्सप्रेस (AliExpress) समेत 43 नए मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें अधिकतर एप्स का संबंध चीन से है।

  • इसके अलावा सरकार पहले से ही कुल 177 एप्स को प्रतिबंधित कर चुकी है।

प्रमुख बिंदु

  • इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT अधिनियम), 2000 की धारा 69A के तहत इन मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगाया है।
    • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A को वर्ष 2008 में अधिनियम में संशोधन द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
      • अधिनियम की यह धारा केंद्र सरकार को किसी वेबसाइट या मोबाइल एप पर उपलब्ध किसी सूचना को अवरुद्ध करने की शक्ति प्रदान करती है।
      • अधिनियम की धारा 69A के अनुसार, यदि कोई वेबसाइट अथवा एप भारत की रक्षा, उसकी संप्रभुता और अखंडता, अन्य देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों तथा सार्वजनिक व्यवस्था के प्रति खतरा उत्पन्न करता है तो भारत सरकार नियत प्रक्रिया का पालन करते हुए उन पर प्रतिबंध लगा सकती है।
    • इस अधिनियम के तहत किसी वेबसाइट और एप को प्रतिबंधित करने की विस्तृत प्रक्रिया सूचना प्रौद्योगिकी (जनता द्वारा सूचना के उपयोग को अवरुद्ध करने की प्रक्रिया एवं सुरक्षा उपाय) नियम 2009 में सूचीबद्ध की गई है।

एप प्रतिबंध का कारण

  • यह कार्यवाही उस इनपुट के आधार पर की गई है, जिसके मुताबिक ये एप्स ऐसी गतिविधियों में संलग्न थे, जो कि भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा तथा सार्वजनिक व्यवस्था के लिये नुकसानदायक हैं।
  • सरकार को विभिन्न स्रोतों से एंड्रॉयड तथा आईओएस (iOS) प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल एप्लिकेशन के दुरुपयोग और उपयोगकर्त्ताओं के डेटा को चोरी करने तथा उसे अनधिकृत तरीके से भारत के बाहर स्थित किसी अन्य सर्वर पर भेजने की शिकायतें मिल रही थीं।
  • गृह मंत्रालय के अधिक भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने भी एप्स के दुरुपयोग के विरुद्ध एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।

इस प्रतिबंध के निहितार्थ

  • भारत और चीन के मध्य सीमा पर जारी तनाव के बीच इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय, भारत की ओर से स्पष्ट संदेश है कि वह अब चीन की ‘निबल एंड निगोशिएट पॉलिसी’ (Nibble and Negotiate Policy) का शिकार नहीं होगा तथा दोनों देशों के बीच मौजूद तनाव को लेकर चल रही वार्ता की शर्तों को नवीनीकृत करेगा।
  • यह प्रतिबंध, 21वीं सदी में डिजिटल महाशक्ति बनने के लिये चीन के सबसे महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों में से एक को प्रभावित कर सकता है।
  • यह प्रतिबंध भारतीय उद्यमियों को बाज़ार में नए अवसर प्रदान करेगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को सफल बनाने की दिशा में भी महत्त्वपूर्ण हो सकता है।
    • ज्ञात हो कि शुरुआत में एप्स प्रतिबंधित करने के बाद सरकार ने भारतीय एप्लीकेशन डेवलपर्स और इनोवेटर्स को प्रोत्साहित करने के लिये ‘डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर एप इनोवेशन चैलेंज' लॉन्च किया था।

आगे की राह

  • आज संपूर्ण विश्व यह मानता है कि आर्थिक विकास का अगला स्रोत डिजिटल अर्थव्यवस्था में निहित है और जो भी देश अपने इलेक्ट्रॉनिक आधारभूत ढाँचे का निर्माण करेगा, उसे दीर्घकाल में अन्य देशों की तुलना में अधिक लाभ प्राप्त होगा।
  • अतः यह आवश्यक है कि भारत द्वारा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्वदेशीकरण, अनुसंधान और विकास पर बल दिया जाए और डेटा संप्रभुता की अवधारणा को मूर्त रूप देने के लिये एक नियामक ढाँचा तैयार किया जाए।

स्रोत; द हिंदू