वैश्विक पर्यावरण आउटलुक | 14 Mar 2019

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nation Environment Programme-UNEP) ने हाल ही में वैश्विक पर्यावरण आउटलुक रिपोर्ट (Global Environment Outlook- GEO) का छठा संस्करण जारी किया है।

प्रमुख बिंदु

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में होने वाली एक-चौथाई अकाल मौतों और बीमारियों का एक बड़ा कारण मानव जनित प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षति है। 2015 में लगभग 9 मिलियन मौतें इसी के कारण हुईं।
  • रिपोर्ट के अनुसार घातक गैसीय उत्सर्जन, पीने के पानी को प्रदूषित करने वाले रसायन और पारिस्थितिकी तंत्र के विनाश के कारण विश्व में महामारी की स्थिति बनती जा रही है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगी।
  • ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण समुद्र में जल स्तर बढ़ने से बाढ़ और अतिवृष्टि का खतरा बना हुआ है। साथ ही जलवायु परिवर्तन के कारण अन्य प्राकृतिक आपदाओं का भी खतरा है।
  • स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति न होने से प्रतिवर्ष 1.4 मिलियन लोगों की मृत्यु रोगजनक बीमारियों से होती है।
  • समुद्र में पहुँचने वाले रसायनों से कई पीढ़ियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है एवं वायु प्रदूषण से सालाना 6-7 मिलियन मौतें होती हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य अपशिष्ट, जो वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 9% है, को नष्ट किया जा सकता है। वर्तमान में उत्पादित सभी खाद्य पदार्थों का एक तिहाई भाग दुनिया फेंक देती है और केवल अमीर देशों में यह 56% है।

स्रोत: द हिंदू